Chandra Grahan: चंद्रग्रहण से पहले श्री नयना देवी में हुई विशेष पूजा, सूतक काल में कतई न करें ये 5 काम, VIDEO
Chandra Grahan Sutak Kal आज रात चंद्रग्रहण है और इससे पहले श्री नयना देवी मंदिर में विशेष पूजा की गई। दोपहर बाद सूतक काल शुरू हो गया है जिसका प्रभाव कल तक रहेगा। मंदिर के कपाट खुले रहेंगे और शाम की आरती भी होगी। चंद्रग्रहण का प्रभाव खत्म होने के बाद कोई विशेष शुद्धि आरती नहीं होगी केवल द्रव को निकालकर नियमित आरती की जाएगी।

मुनीष गारिया, बिलासपुर। Chandra Grahan Sutak Kal, आज रविवार रात को चंद्रगहण है। चंद्रग्रहण से पूर्व सूतक काल दोपहर बाद से शुरू हो गया है, जिसका प्रभाव कल आठ सितंबर सुबह तक रहेगा। सूतककाल शुरू होने से पूर्व उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नयना देवी मंदिर जिला बिलासपुर में विशेष पूजा की गई। द्रव डालकर मां की आरती की गई।
यहां बता दें कि चंद्रग्रहण सात सितंबर रात 9:57 बजे शुरू होगा और उसका प्रभाव एक बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस चंद्रग्रहण का असर भारत में भी व्यापक स्तर पर रहने वाला है।
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— Rajesh Sharma (@sharmanews778) September 7, 2025
चंद्रग्रहण से कम से कम आठ घंटे पहले लगता है सूतक
चंद्र ग्रहण का प्रभाव ग्रहण लगने के बाद ही शुरू होता है, लेकिन ग्रहण लगने से कम से कम आठ घंटे पूर्व सूतक लग जाता है। सूतक का प्रभाव भी ग्रहण के सामान ही होता है। सूतक के समय भी कई बंदिशे होती हैं एवं नियम होते हैं।
इन सभी चीजों से करना होता है परहेज
- शास्त्रों के अनुसार सूतक के समय खाना पकाना व खाना उचित नहीं माना जाता है।
- पूजा-पाठ और भगवान की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए।
- कोई भी खरीदारी ग्रहण में न करें।
- शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए।
- सुई से जुड़ा कोई भी काम न करें।
सूतक काल आरंभ हुआ
चंद्रग्रहण से पूर्व सात सितंबर यानी रविवार दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर सूतक काल शुरू हो गया।सूतक शुरू होने के पूर्व श्री नयना देवी मंदिर में विशेष पूजा की गई। इस दौरान मंदिर में द्रव डाल दी गई। सूतक काल के दौरान भी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे।
द्रव डालकर होगी शाम की आरती
पुजारी नीलम शर्मा और उमेश गौतम ने बताया कि शाम की आरती भी मंदिर में होगी। द्रव डालकर मंदिर में शाम की आरती की जाएगी। इसके बाद चंद्रग्रहण का प्रभाव खत्म होने के बाद कोई विशेष शुद्धि आरती नहीं होगी, बस द्रव को निकालकर नियमित तौर पर मंदिर में आरती होगी।
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विश्व विख्यात है श्रीनयना देवी मंदिर
श्री नयना देवी मंदिर विश्वविख्यात है। यह मंदिर पूरे उतर भारत में विशेष महत्व रखता है। श्री नयना देवी माता हिमाचल के अलावा पंजाब व हरियाणा राज्यों के कई लोगों की कुलदेवी है। यहां श्रावण अष्टमी मेले के दौरान रोजाना कम से कम 50 हजार श्रद्धालु आते हैं। इसके अलावा हर रविवार को मंदिर में विभिन्न राज्यों से अपार श्रद्धा का सैलाब उमड़ता है।
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