गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर SC में लगी मुहर, फिर भी ग्रामीणों को न मंजूर फैसला; कहा- सरकार को एक इंच भी नहीं देंगे भूमि
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का रास्ता साफ हाेने के विरोध में लोग एकत्रित हुए। लोगाें ने पहले बैठक कर एक बार फिर विस्तारीकरण का विरोध जताया और उसके बाद लगभग नौ पंचायतों के लोगों ने इच्छी से लेकर गगल तक काले झंडे लेकर रोष रैली निकाली। ग्रामीणाें का कहना है कि कांगड़ा एयरपाेर्ट का एक इंच भी विस्तार हमें मंजूर नहीं है।

संवाद सहयोगी, कांगड़ा। Himachal News: कांगड़ा के ईच्छी पंचायत में किसान भवन के पास एयरपोर्ट के विस्तारीकरण संघर्ष समिति की बैठक वीरवार काे समिति के अध्यक्ष रजनीश माेना की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का रास्ता साफ हाेने के विरोध में लोग एकत्रित हुए।
ग्रामीणों ने काले झंडे लेकर निकाली रोष रैली
लोगाें ने पहले बैठक कर एक बार फिर विस्तारीकरण का विरोध जताया और उसके बाद लगभग नौ पंचायतों के लोगों ने इच्छी से लेकर गगल तक काले झंडे लेकर रोष रैली निकाली।
ग्रामीणाें का कहना है कि कांगड़ा एयरपाेर्ट का एक इंच भी विस्तार हमें मंजूर नहीं है और हम एक इंच भी अपनी भूमि सरकार काे नहीं देंगे और न ही सरकार से उनका छह मरले का प्लाट लेने की उनकी काेई मंशा है।
कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तारीकरण मंजूर नहीं
एयरपाेर्ट जितना है, उतना ही रहे, उससे आगे कांगड़ा का एयरपाेर्ट का विस्तार कतई मंजूर नहीं। संघर्ष समिति के अध्यक्ष रजनीश मोना सहित अन्य गांव के लोगों ने कहा कि इस एयरपोर्ट को पर्यटन सहित सामरिक महत्व से भी विकसित करने की योजना है लेकिन इससे स्थानीय प्रभावित होने वाले लोगों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।
एयरपोर्ट विस्तारीकरण से 14 गांव होंगे प्रभावित
गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण की जद में विधानसभा क्षेत्र कांगड़ा और शाहपुर के तहत आती विभिन्न पंचायतों के 14 गांव प्रभावित होंगे। इन प्रभावित होने वाले गांवों में बाग, बरस्वालकड़, बल्ला, भेड़ी, ढुगियारी खास, गगल खास, झिकली इच्छी, मुगरेहड़, सहौड़ा, सनौरा, रछियालु, जुगेहड़, भड़ोत और कियोड़ी शामिल हैं।
147 हेक्टेयर भूमि चिह्नित
गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए 14 गांवों से 1,200 परिवारों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी। अधिसूचना में सरकार ने 1,200 परिवारों की जमीन का ब्योरा भी दिया जा चुका है। अधिग्रहण के लिए सरकार ने 14 गांवों की सरकारी और निजी करीब 147 हेक्टेयर (करीब 3847 कनाल) जमीन चयनित की है। इसमें 123 हेक्टेयर निजी और सरकारी 24 हेक्टेयर सरकारी भूमि को चिह्नित किया गया है।
इसलिए हो रहा है विस्तारीकरण का विरोध
गगल एयरपोर्ट विस्तार का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि एयरपोर्ट विस्तार के लिए जो भूमि चिह्नित की गई है, वह निजी क्षेत्र में आती है। इसके अलावा सारी भूमि पूरी तरह से उपजाऊ है। इसके अलावा गगल एयरपोर्ट विस्तार की जद में गगल बाजार आ रहा है, जो कि एक औद्योगिक क्षेत्र है और यहां पर सैकड़ों की तादाद में लोगों को रोजगार मिलता है। वहीं, एयरपोर्ट विस्तारीकरण के दौरान दी जाने वाली मुआवजा राशि पर भी लोगों ने आपत्ति जताई है।
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एयर इंडिया, स्पाइस जेट और इंडिगो के विमान भरते हैं उड़ान
गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की प्रक्रिया शुरू होने पर मौजूदा समय में कांगड़ा एयरपोर्ट की हवाई पट्टी 1,370 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी है। जबकि नई योजना के तहत रनवे को 3,110 मीटर करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में कांगड़ा एयरपोर्ट पर एयर इंडिया, स्पाइस जेट और इंडिगो विमानन कंपनी के जहाज उड़ानें भरते हैं।
ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष रजनीश माेना, ईच्छी पंचायत प्रधान कुसुमलता, सहौड़ा प्रधान किरणबाला, समिति के सचिव विजय शर्मा, जसपाल, गगल प्रधान रेणू पठानिया, टैक्सी यूनियन के प्रधान नीतिश कुमार, सदस्य कमल किशाेर, शशिपाल, सुरेश कुमार, शिव कुमार, चट्टानी, समिति के सलाहकार हंस राज, बिंदु, मटौर के प्रधान, प्रभात चौधरी सहित सैकड़ों ग्रामीण सड़क इस बैठक और विराेध प्रदर्शन में शामिल रहे।
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