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    Himachal News: कांगड़ा के रेलवे स्टेशनों पर दिख रही विरासत की झलक, 100 साल पुराने उपकरणों की हो रही प्रदर्शनी

    Updated: Sun, 20 Apr 2025 09:27 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश (Himachal News) की कांगड़ा घाटी (Kangra Valley Railway) के रेलवे स्टेशनों पर 100 साल पुराने उपकरणों और कलाकृतियों की प्रदर्शनी का आयोजन ...और पढ़ें

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का उपयोग किया गया है।

    पीटीआई, कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश (Himachal News) की कांगड़ा घाटी के कई रेलवे स्टेशन, जो लगभग 100 साल पुराने हैं, ने 1929 में अपनी स्थापना के बाद से वर्षों से ट्रेन संचालन में इस्तेमाल की जाने वाली कलाकृतियों और पुरातन प्रकार के उपकरणों को प्रदर्शित किया है।

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    एक सप्ताह तक चलने वाली प्रदर्शनी का हुआ आयोजन

    18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस के उपलक्ष्य में 14 से 20 अप्रैल तक एक सप्ताह तक चलने वाली प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कांगड़ा, पालमपुर और पठानकोट जैसे स्टेशनों ने रात के समय सिग्नलिंग के लिए सिग्नल लालटेन, लेवल क्रॉसिंग पर गेट लैंप, पहिया फिसलने से रोकने के लिए स्किप उपकरण और वर्षों से ट्रेन संचालन में उपयोग किए जाने वाले कई अन्य उपकरणों जैसे दुर्लभ प्रकार के उपकरणों को प्रदर्शित करने के लिए कई कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित कीं।

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    वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (सीनियर डीएमई) भूपेंद्र ने बताया कि इस दौरान फिरोजपुर मंडल ने पठानकोट स्टेशन पर विरासत कलाकृतियों की प्रदर्शनी, पालमपुर स्टेशन पर विरासत गैलरी, कांगड़ा स्टेशन पर रोशनी, नूरपुर और बैजनाथ के बीच चलने वाली नैरो-गेज ट्रेन की सजावट, सेल्फी प्वाइंट की स्थापना और फिरोजपुर स्टेशन तथा मंडल कार्यालय में विरासत वस्तुओं के विवरण का आयोजन किया।

    चित्रकला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं भी की गईं आयोजित

    उन्होंने बताया कि मंडल कार्यालय में विरासत से संबंधित चित्रकला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। अधिकारियों ने बताया कि पठानकोट से शुरू होकर जोगिंदर नगर पर समाप्त होने वाली 164 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन अपनी प्राकृतिक सुंदरता, पर्यटन स्थलों और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।

    रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि 1929 में जब कांगड़ा घाटी रेलवे उत्तर पश्चिमी रेलवे जोन के तहत लाहौर मंडल का हिस्सा थी, तब इसका परिचालन 2.96 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि पूरे 164 किलोमीटर लंबे खंड में 16 क्रॉसिंग स्टेशन, 18 यात्री पड़ाव, 1,009 पुल और दो सुरंगें हैं।

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