हिमाचल में तीन वर्ष में बढ़ी बेरोजगारी दर, विधानसभा में सामने आए चौकाने वाले आंकड़े; पटवारी भर्ती पर भी नया अपडेट
Himachal Pradesh unemployment उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी दर में वृद्धि हुई है जो 2021-22 में 4% से बढ़कर 2023-24 में 5.4% हो गई है। रोजगार कार्यालयों में 5 लाख 93 हजार से अधिक आवेदक पंजीकृत हैं जिसमें 14 वर्ष से अधिक उम्र के युवा शामिल हैं। सरकार जल्द ही पटवारियों के 874 रिक्त पदों को भरेगी।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh unemployment, हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में बेरोजगारी की दर में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2021-22 में यह दर 4 प्रतिशत थी, जो 2023-24 में बढ़कर 5.4 प्रतिशत हो गई है। वर्ष 2022-23 में यह दर 4.4 प्रतिशत थी।
यह जानकारी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विधायक डा. जनक राज के पूछे गए सवाल के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के रोजगार कार्यालय में कुल 5 लाख 93 हजार 457 आवेदक पंजीकृत हैं। हालांकि, यह आवश्यक नहीं है कि सभी पंजीकृत युवा बेरोजगार हों।
राष्ट्रीय रोजगार सेवा नियमावली के अनुसार, 14 वर्ष से ऊपर का कोई भी युवा रोजगार कार्यालय में अपना नाम पंजीकृत करवा सकता है। इसके अतिरिक्त, रोजगार प्राप्त युवा भी बेहतर अवसरों के लिए फिर से पंजीकरण करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी पंजीकरण आवश्यक है।
जल्द भरे जाएंगे पटवारियों के 874 रिक्त पद
राज्य सरकार जल्द ही पटवारियों के 874 रिक्त पदों को भरने जा रही है। कार्मिक और वित्त विभाग द्वारा पटवारी के पदों के आरएंडपी नियमों को मंजूरी दी गई है। अब यह मामला विधि विभाग को मंजूरी के लिए भेजा गया है। विधायक सुधीर शर्मा के प्रश्न पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि आरएंडपी रूल्स के अधिसूचित होने के बाद इन पदों को भरने के लिए मांग पत्र राज्य चयन आयोग हमीरपुर को भेजा जाएगा।
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साल में चार बार बना सकेंगे हिमकेयर कार्ड
विधायक मलेंद्र राजन के प्रश्न पर स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने बताया कि हिमकेयर योजना के तहत लाभार्थियों को साल में चार बार कार्ड बनाने की सुविधा दी गई है। लोग मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर में हिमकेयर कार्ड बना सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति का इन चार महीनों में कार्ड नहीं बना है, तो वह आपातकालीन स्थिति में आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य, एमएस और जिला अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों से कार्ड बनवा सकता है। इन अधिकारियों द्वारा एक साल में केवल 100 पात्र व्यक्तियों के कार्ड बनाए जा सकते हैं।
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