हिमाचल में शुरू होगा पैराग्लाइडिंग का रोमांच, ट्रैकिंग के शौकीनों को करना होगा इंतजार; वाटर स्पोर्ट्स पर भी फैसला जल्द
Paragliding In Himachal हिमाचल प्रदेश में 16 सितंबर से पैराग्लाइडिंग फिर से शुरू हो जाएगी लेकिन जलक्रीड़ा और ट्रैकिंग के लिए पर्यटकों को अभी इंतजार करना होगा। भारी बारिश के कारण इन गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी। कांगड़ा जिले में पैराग्लाइडिंग के लिए तीन साइटें खुलेंगी जबकि पौंग बांध में जलक्रीड़ा जल्द शुरू होने की उम्मीद है।

राजेंद्र डोगरा, धर्मशाला। Paragliding In Himachal, हिमाचल प्रदेश में 16 सितंबर से मानव परिंदें उड़ेंगे, जबकि जलक्रीड़ा लुत्फ और पहाड़ों की सैर के लिए अभी पर्यटकों को इंतजार करना पड़ेगा। बरसात की शुरुआत के साथ ही पैराग्लाइडिंग गतिविधियों के साथ-साथ ट्रैकिंग और जलक्रीड़ा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
अब 16 सितंबर से पैराग्लाइडिंग गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी जलक्रीड़ा केंद्र पौंग बांध में एक सप्ताह के बाद पर्यटन विभाग की टीम निरीक्षण करेगी और उसके बाद तुरंत पंजीकरण के साथ जलक्रीड़ा गतिविधियां भी शुरू कर दी जाएंगी।
वहीं, अभी ट्रैकिंग स्थलों पर ट्रैकिंग को लेकर जिला प्रशासन से चर्चा के बाद ही अगला कदम संबंधित विभाग उठाएगा। इसकी वजह यह है कि अभी मौसम पूरी तरह से अनुकूल नहीं हुआ है। लगातार वर्षा के कारण भूस्खलन हो रहा है और नदी-नालों का जलस्तर भी अचानक बढ़ रहा है।
कांगड़ा जिले की बात की जाए तो यहां पर चार पैराग्लाइडिंग साइटें हैं। इनमें से भी तीन में ही पैराग्लाइडिंग की गतिविधियां शुरू होंगी, जबकि एक अन्य साइट में अभी स्वीकृति का इंतजार संबंधित विभाग को है।
ये हैं पैराग्लाइडिंग साइट
कांगड़ा जिले की पैराग्लाइडिंग साइटों में अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग साइट बीड़-बिलिंग, धर्मशाला की इंद्रुनाग साइट, ज्वालामुखी की बिल पट्टियां साइट, जबकि धर्मशाला की ही नरवाणा साइट शामिल हैं। इनमें से नरवाणा साइट को लेकर स्वीकृति मांगी गई है। इस साइट को लेकर शुरूआती तीन वर्ष के लिए पैराग्लाइडिंग गतिविधियों को लेकर ही मंजूरी थी।
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बरसात के कारण ट्रैकिंग पर फैसला अभी नहीं
कांगड़ा जिले के तहत पैराग्लाइडिंग गतिविधियां 16 सितंबर से शुरू हो जाएंगी। वहीं, जलक्रीड़ा गतिविधियों के लिए अगले सप्ताह विभागीय टीम निरीक्षण करेगी और उसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी जलक्रीड़ा केंद्र में गतिविधियां शुरू की जाएंगी। ट्रैकिंग रूट जिला प्रशासन से चर्चा के बाद ही खोले जाएंगे, क्योंकि अभी मौसम भी अनुकूल नहीं है। वर्षा के कारण कई जगह भूस्खलन भी हो रहा है।
-विनय धीमान, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, कांगड़ा।
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