हिमाचल: कुत्तों के जिंदा गाय को नोचने पर लोग उग्र, प्रशासन को दे दी सीधी चेतावनी; ये 5 बिंदु उठा रहे सवाल
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में आवारा कुत्तों द्वारा जिंदा गाय को नोचने की घटना से लोग आक्रोशित हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन को चेतावनी दी है और घटना पर ...और पढ़ें

जिंदा गाय को कुत्तों द्वारा नोचने के मामले के बाद प्रदर्शन करते लोग।
संवाद सहयोगी, जसूर (कांगड़ा)। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के तहत डमटाल पंचायत के माजरा गांव में जिंदा गाय को कुत्तों के आगे नोचने के लिए छोड़ने की घटना से लोग उग्र हो गए हैं। गांव के लोग एकत्रित हुए और संस्था को बंद करने का आग्रह प्रशासन से किया।
स्थानीय निवासी भानू पराशर सहित अन्य लोगों ने कहा कि संस्था के ये कैसे सेवादार हैं, जिन्होंने जिंदा गाय को नोचने के लिए कुत्तों के आगे छोड़ दिया। साथ ही इंदौरा के पूर्व विधायक मनोहर धीमान ने इस पूरे मामले की जांच के लिए राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल को पत्र लिखा है। उन्होंने इसकी प्रति मुख्यमंत्री को भी भेजी है और कार्रवाई की मांग उठाई है।
संस्था ने बनाया है कुत्तों के लिए आश्रय स्थल
मनोहर धीमान ने बताया कि वर्ष 2023 में माजरा गांव में लगभग दो एकड़ भूमि खरीदकर कुत्तों के लिए एक संस्था ने आश्रय स्थल बनाया है। पूर्व विधायक के अनुसार दंपती गुरदासपुर में वाइसलेस वाइस फाउंडेशन नाम से एक एनजीओ भी चलाता है। पूर्व विधायक के अनुसार दंपती का दावा है कि वह प्रतिदिन 3000 कुत्तों और 30 गायों को भोजन कराते हैं तथा लगभग 20 गायें उन्होंने माजरा स्थित परिसर में रखी हैं लेकिन जो वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ है उससे हर व्यक्ति का दिल सहम गया है। वीडियो में दिख रहा है कि काफी कुत्ते एक गाय को नोच रहे हैं।
पूर्व विधायक का आरोप, संस्था का हिमाचल में नहीं पंजीकरण
पूर्व विधायक ने कहा कि इस संस्था ने डमटाल पंचायत से कोई एनओसी प्राप्त नहीं की है। हिमाचल प्रदेश में इस संस्था का कोई पंजीकरण नहीं है। इस स्थान पर गायों और कुत्तों को रखने की कोई कानूनी अनुमति दंपती ने प्राप्त नहीं की है। पूर्व विधायक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में धारा 118 के तहत कोई भी अन्य राज्य का व्यक्ति भूमि नहीं खरीद सकता है।
उन्होंने 23 अक्टूबर 2025 की एक घटना की ओर भी ध्यान दिलाया है। उस समय डमटाल पंचायत की एक गौशाला से कई गायों को बाहर फेंक दिया था। उन्होंने राज्यपाल व मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू से इस मामले की उचित जांच करने के निर्देश देने की बात कही है। साथ ही सख्त प्रशासनिक अधिकारी तैनात करने की मांग उठाई है।
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पांच सुलगते सवाल
- ग्रामीणों की शिकायत पर अधिकारियों ने क्यों नहीं की कार्रवाई?
- अगर पंचायत से अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं लिया तो कैसे हो रहा संस्था का संचालन?
- पंजाब की महिला को हिमाचल में कैसे मिल गई जमीन?
- आखिर किसके नाम है जमीन?
- किसके संरक्षण में किया जा रहा था आश्रय स्थल का संचालन?

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