Kangra Airport: संसद में उठा कांगड़ा एयरपोर्ट की सुरक्षा का मामला, विमान से पक्षी टकराने की हो चुकी हैं दो घटनाएं
Kangra Airport राज्यसभा सदस्य डा. सिकंदर कुमार ने संसद में कांगड़ा एयरपोर्ट की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने पक्षियों के टकराने की घटनाओं पर चिंता जताई जिससे विमानों और यात्रियों की सुरक्षा को खतरा है। नागर विमानन मंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट पर संचालित एयरलाइनों ने पर्यावरणीय खतरे की सूचना नहीं दी है।

जागरण संवाददाता, शिमला। Kangra Airport, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित सबसे बड़े हवाई अड्डा की सुरक्षा का मामला मानसून सत्र के दौरान संसद में उठा। पहली जुलाई 2023 से 30 जून 2025 की अवधि के दौरान एयरपोर्ट पर पक्षियों, वन्य जीवों से टकराने की दो घटनाएं दर्ज की गई हैं।
राज्यसभा सदस्य डा. सिकंदर ने कहा, इस हवाई अड्डे पर पक्षियों की बढ़ती गतिविधियां विमानों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं। उन्होंने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री से पूछा कि क्या सरकार को इस पर्यावरणीय खतरे की जानकारी दी गई है और क्या पिछले दो वर्षों के दौरान यहां पक्षियों के टकराने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
इस पर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने कहा है कि गगल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट पर संचालित एयरलाइनों की ओर से अब तक किसी प्रकार के पर्यावरणीय खतरे की सूचना नहीं दी गई है।
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वन्य जीव खतरों के प्रबंधन के लिए स्पष्ट नियम
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ने बताया कि नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा लाइसेंस प्राप्त हवाई अड्डों पर वन्य जीव खतरों के प्रबंधन के लिए स्पष्ट नियम और दिशानिर्देश हैं। जिनका पालन वार्षिक निगरानी निरीक्षणों के माध्यम से सुनिश्चित किया जाता है। इन निर्देशों का पालन करने के लिए हवाई अड्डों को निर्देश दिए हैं।
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जल निकायों की स्थिति के संरक्षण का मामला भी उठाया
राज्यसभा सदस्य डा. सिकंदर कुमार ने जल निकायों की स्थिति और संरक्षण से संबंधित विषयों को भी सदन में उठाया। इसके उत्तर में केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने बताया कि सतत शहरी नदी पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत वर्ष 2025 के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना को मंजूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न राज्यों में नदी संवेदनशील मास्टर प्लानिंग और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि शहरी नियोजन में नदियों के संरक्षण को प्रमुखता दी जा सके। हिमाचल की स्थिति पर उन्होंने बताया कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जल निकायों के पास अवैध कचरा डंपिंग की निगरानी के लिए निरीक्षण करता है और प्रदूषण भुगतान करो सिद्धांत के तहत जुर्माना लगाया जाता है।
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