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    कांगड़ा हवाई अड्डा विस्तार पकड़ेगा रफ्तार, सुक्खू सरकार ने मांगी विशेष केंद्रीय सहायता, इतनी भूमि होगी अधिग्रहित

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 02:10 PM (IST)

    Kangra Airport Expansion मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार पर बात की। सरकार 150 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करेगी और 1900 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान है जिसमें से 410 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। उन्होंने विशेष केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया और शिमला-धर्मशाला-शिमला मार्ग पर उड़ानों को फिर से शुरू करने की मांग की।

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    सीएम सुक्खू ने कांगड़ा हवाई अड्डा विस्तार के लिए केंद्रीय सहायता मांगी है।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Kangra Airport Expansion, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से हिमाचल में हवाई सेवा से संबंधित विभिन्न मामलों पर शीघ्रता से कार्य करने का आग्रह किया है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली प्रवास के दौरान उनसे विभिन्न मामलों पर चर्चा की थी।

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    अब पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उन्हें अवगत करवाया है कि कांगड़ा हवाई अड्डे के प्रस्तावित विस्तार के लिए राज्य सरकार लगभग 150 हेक्टयेर भूमि अधिगृहित करेगी। सरकार ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत 1900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्रविधान किया गया है। 410 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।

    एक वर्ष की वैधानिक अवधि इस वर्ष अगस्त में समाप्त हो रही है। उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इस परियोजना को विशेष केंद्रीय सहायता के लिए वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को अनुशंसित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने शिमला-धर्मशाला-शिमला मार्ग पर एलायंस एयर लिमिटेड की दैनिक उड़ानों को फिर से शुरू करने की मांग की।

    उन्होंने अवगत करवाया कि मैसर्ज वैपकोर्स लिमिटेड द्वारा तैयार टेक्नो इकोनाम्मिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट की समीक्षा भी भारतीय विमान पतन द्वारा की जानी चाहिए। क्योंकि इसमें वास्तविक लागत का आकलन अधिक है। उन्होंने हवाई अड्डे के विस्तार के संबंध में एएआइ, हिमाचल प्रदेश सरकार और निजी भागीदारी से त्रिपक्षीय समझौते की संभावना तलाशने का भी अनुरोध किया।

    वर्तमान में कांगड़ा हवाई अड्डे का संचालन विजुअल फ्लाइट रूल्स (वीएफआर) के तहत होता है जिसके लिए उड़ान संचालन के लिए न्यूनतम दृश्यता पांच किलोमीटर होनी चाहिए। उन्होंने कम दृश्यता की स्थिति में हवाई उड़ानों का सुरक्षित संचालन करने के लिए न्यूनतम दृश्यता मापदंड को वर्तमान पांच किलोमीटर से घटाकर 2.5 किलोमीटर करने के लिए विशेष वीएफआर का प्रावधान करने का आग्रह किया।

    कांगड़ा एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग करवाई जाए

    उन्होंने कहा कि कांगड़ा एयरपोर्ट हिमाचल का सबसे बड़ा और व्यस्त हवाई अड्डा है इसलिए यहां नाइट लैंडिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कुल्लू और शिमला एयरपोर्ट की सुरक्षा, कांगड़ा एयरपोर्ट की तर्ज पर करवाने के लिए सीआरएसएफ के स्थान पर हिमाचल पुलिस की तैनाती की भी मांग की। उन्होंने शिमला एयरपोर्ट पर उड़ानों के संचालन का समय दोपहर एक बजे से बढ़ाकर सायं चार बजे तक करने का आग्रह किया, ताकि अधिक समय मिल सके।

    शिमला एयरपोर्ट पर दूसरा एप्रेन बनाया जाए

    सीएम ने शिमला एयरपोर्ट पर दूसरा एप्रेन बनाने का आग्रह किया, जो एटीआर 42/600 प्रकार के विमानों को संचालित करने के लिए उपयुक्त होगा। इससे शिमला एयरपोर्ट से उड़ानों की संख्या बढ़ाने और मल्टीपल फ्लाइट्स के संचालन में मदद मिलेगी।

    चार हेलीपोर्ट शुरू करने की अनुमति दी जाए

    संजौली, रामपुर, बद्दी और कंगनीधार हेलीपोर्ट को अक्टूबर, 2025 तक संचालित करने की अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया। आरसीएस-उड़ान योजना चरण-2 के अंतर्गत राज्य में चार नए हेलीपोर्ट को स्वीकृति दी जाएगी। जिनमें हमीरपुर जिला के जसकोट, कांगड़ा के देहरा, ऊना और बिलासपुर जिला में एक-एक हेलीपोर्ट शामिल है। मैसर्ज हेरीटेज एवीएशन, मैसर्ज ग्लोबल वेक्टरा और मैसर्ज पवन हंस लिमिटेड जैसे एयर आपरेटरों को राज्य में आरसीएस-उड़ान योजना के अंतर्गत हवाई सेवाएं शुरू करने के निर्देश दिए जाएंगे।