रिटायरमेंट से डेढ़ महीने पहले BDO ने बेचा ईमान, प्रधान से मांगी थी 10 हजार की रिश्वत; विजिलेंस की टीम ने दबोचा
देहरा उपमंडल के परागपुर खंड विकास अधिकारी (BDO) वीरेंद्र कुमार कौशल को 10 हजार रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि बीडीओ ने विकास ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, देहरा। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो धर्मशाला ने देहरा उपमंडल के तहत परागपुर के खंड विकास अधिकारी को 10 हजार रुपये रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि बीडीओ ने विकास कार्य के लिए फंड पास करने की एवज में पंचायत प्रधान से रिश्वत मांगी थी।
आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधित) अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। बड़ी बात यह है कि बीडीओ ने इसी साल 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होना था।
प्रधान से मांगी थी रिश्वत
आरोप है कि बीडीओ वीरेंद्र कुमार कौशल ने कड़ोआ पंचायत की प्रधान रीना देवी से उपायुक्त कार्यालय की ओर से जारी डेढ़ लाख रुपये की राशि जारी करने की एवज में रिश्वत की मांग की थी। रीना देवी ने इसकी शिकायत विजिलेंस विभाग से कर दी।
सोमवार बाद दोपहर धर्मशाला से आई विजिलेंस की टीम ने वीरेंद्र को 10 हजार रुपये के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया। गौरतलब है कि कौशल ने करियर की शुरुआत कोपरेटिव सोसायटी के निरीक्षक पद से की थी। बाद में पदोन्नत होकर वह बीडीओ बने थे।
पहले से संदिग्ध रहे हें बीडीओ के काम: बिक्रम देहरा
पूर्व उद्योग मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता बिक्रम ठाकुर ने कहा है कि परागपुर के बीडीओ पर पहले भी कई संगीन आरोप लगते रहे हैं। वह पहले भी परागपुर में इसी पद पर रहा है। उसके काम पहले से ही संदिग्ध रहे हैं। उसकी कारगुजारी को देखते हुए चुनाव आयोग ने उसका तबादला कर दिया था।
हैरानी है कि छह माह के भीतर उसे फिर से यहीं का चार्ज दे दिया गया। उन्होंने मांग की है कि विजिलेंस पता लगाए कि वह किसके लिए काम करता रहा है। उन्होंने कहा कि कई पंचायत प्रधान पहले भी शिकायत कर चुके थे कि वह विकास कार्यों का फंड जारी करवाने की एवज में रिश्वत मांगता है।
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सड़क निर्माण में गड़बड़ी पर शड़ी मतियाना पंचायत प्रधान निलंबित
जिला शिमला के उपमंडल ठियोग के साथ लगती शड़ी मतियाना पंचायत के प्रधान अमित चंद्र वर्मा को जिला पंचायत अधिकारी शिमला ने सड़क निर्माण में गड़बड़ी करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। प्रधान से 2,55, 125 रुपये की रिकवरी के आदेश दिए हैं। पंचायत की मझोगड़ा सड़क के मरम्मत कार्य को लेकर करीब सात लाख 65 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी।
जिसमें पांच लाख रुपये की राशि विकास खंड ठियोग ने दी थी, लेकिन सड़क मरम्मत पर कुल चार लाख 21 हजार रुपये की राशि खर्च की गई। इसी सड़क पर करवाई गई सोलिंग पर 77 हजार 934 रुपये खर्च दिखाया गया, लेकिन पंचायत की ओर से इस कार्य का मस्टररोल लगाया जाना था, जो कि दर्शाया नहीं गया।
पंचायत द्वारा खर्च की गई राशि और कार्यालय की मूल्यांकन रिपोर्ट में लगभग ढाई लाख रुपये का अंतर पाया गया। इस मामले में पक्ष रखने के लिए तीन फरवरी को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसका जवाब पंचायत प्रधान ने नहीं दिया। पंचायत का सारा सामान सचिव को सौंपने के भी आदेश दिए।

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