Himachal Election 2022: हिमाचल के सबसे बड़े जिले में भाजपा-कांग्रेस में उठे असंतोष के स्वर, 6 सीटों पर विद्रोह
Himachal Pradesh Assembly Election 2022 हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में भाजपा व कांग्रेस नेताओं में टिकट कटने के बाद असंतोष अभी शांत नहीं ...और पढ़ें

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Assembly Election 2022, जिला कांगड़ा में भाजपा व कांग्रेस नेताओं में टिकट कटने के बाद असंतोष अभी शांत नहीं हुआ है। टिकट न मिलने से अशांत भाजपा के दो नेताओं ने आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। साथ ही सुलह में कांग्रेस से पूर्व विधायक रहे जगजीवन पाल ने भी आजाद रूप से मैदान में उतरने की बात कही है। उनका कहना है कि वह 25 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे। जयसिंहपुर में कांग्रेस की टिकट पर पेच फंसा है। जयसिंहपुर हलके में पूर्व विधायक यादविंद्र गोमा व सुशील कौल के बीच टिकट के लिए जंग है।
फतेहपुर में कृपाल, इंदौरा में मनोहर
वहीं, भाजपा से फतेहपुर से पूर्व में पार्टी प्रत्याशी रहे एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल परमार और इंदौरा हलके से पूर्व विधायक एवं सरकार में सामान्य उद्योग निगम के उपाध्यक्ष मनोहर धीमान ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ नामांकन शुक्रवार को किया। फतेहपुर में भाजपा प्रत्याशी राकेश पठानिया के खिलाफ निर्दलीय रूप में कृपाल परमार सामने होंगे। इंदौरा हलके में भाजपा प्रत्याशी रीता धीमान के समक्ष मनोहर धीमान ने मोर्चा खोला है।
धर्मशाला और जवाली में भी विरोध
धर्मशाला में भाजपा से राकेश चौधरी को टिकट दिए जाने के खिलाफ विरोध के स्वर हैं। ऐसे ही हालात जवाली हलके के हैं। यहां विधायक अर्जुन ठाकुर का टिकट काटकर संजय गुलेरिया पर भाजपा ने भरोसा जताया है। यहां अर्जुन ठाकुर कार्यकर्ताओं के साथ रणनीति तैयार कर रहे हैं। अगर उन्हें नहीं मनाया तो वह मंगलवार को आजाद रूप से चुनाव मैदान में हो उतरेंगे।
कृपाल परमार लगा बैठे थे टिकट की उम्मीद
फतेहपुर में कृपाल परमार को 2017 में भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद उपचुनाव में उनकी जगह बलदेव ठाकुर को टिकट दिया और इस दौरान उनकी नाराजगी पार्टी से रही थी। इस वर्ष के चुनाव में उन्हें उम्मीद थी कि फतेहपुर से टिकट मिलेगा लेकिन भाजपा ने राकेश पठानिया पर भरोसा जताया और इस कारण कृपाल परमार निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हैं।
मनोहर निर्दलयी उतर बढ़ाएंगी भाजपा के लिए परेशानी
इंदौरा में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ मनोहर धीमान निर्दलीय हैं। मनोहर धीमान ने वर्ष 2012 में इंदौरा से आजाद रूप में चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। वर्ष 2017 के चुनाव में उनकी टिकट काटकर रीता धीमान को मौका दिया। हालांकि उन्हें भाजपा सरकार में सामान्य उद्योग निगम के उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी सौंपी थी लेकिन इस बार के चुनाव टिकट न मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे हैं।
क्या कहते हैं परमार व मनोहर
- भाजपा से टिकट नहीं मिला है। हमेशा धोखा ही होता रहा है। इस बार आजाद रूप से फतेहपुर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है। पूरी लड़ाई लड़ी जाएगी। -कृपाल परमार।
- पार्टी ने इंदौरा विधानसभा क्षेत्र से टिकट देने का वादा किया था लेकिन निभाया नहीं है। इस कारण ही निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में उतरा हूं। -मनोहर धीमान।

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