भांग की खेती को कानूनी दर्जा देने पर विचार करेगी हिमाचल सरकार, स्वरोजगार के साथ आर्थिकी होगी मजूबत
Cannabis Plants भांग की खेती के लाभ और इसका दवा में इस्तेमाल के चलते हिमाचल सरकार इसे कानूनी दर्जा देने के लिए नीति बनाने पर विचार करेगी। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला स्थित हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को एक संकल्प के जवाब में कही।

शिमला, जेएनएन। भांग की खेती के लाभ और इसका दवा में इस्तेमाल के चलते हिमाचल सरकार इसे कानूनी दर्जा देने के लिए नीति बनाने पर विचार करेगी। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला स्थित हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को एक संकल्प के जवाब में कही। उन्होंने कहा कि भांग की खेती को सरकारी नियंत्रण में करने से यह आय का बड़ा साधन बन सकती है। अन्य राज्य भी कानूनी तौर पर इसकी खेती की अनुमति देने लगे हैं। इसका इस्तेमाल दवा में होता है और इसे वस्त्र, जूतों व रस्सी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके बहुत फायदे हैं, लेकिन दूसरा पहलू यह है कि इसे नशे के तौर इस्तेमाल किया जाता है जो युवाओं के भविष्य को खराब कर सकता है।
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एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत प्रदेश में भांग की खेती करने, पैदावार, रखरखाव और परिवहन के लिए कानूनी प्रावधान हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वह स्वयं भांग की खेती को कानूनी दर्जा देने के पक्ष में है। 24 जून, 2004 को विधानसभा में गैर सरकारी दिवस पर इसी संकल्प को लेकर आए थे। इस संकल्प पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जवाब से संतुष्ट होकर रमेश धवाला ने अपना संकल्प वापस ले लिया।
भांग नशा नहीं, रामबाण औषधि : धवाला
भाजपा सदस्य रमेश धवाला ने संकल्प प्रस्तुत करते हुए कहा कि भांग नशे के लिए ही नहीं इसका तेल रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बेहतर है और एक रामबाण औषधि है। प्रदेश में भांग की खेती को कानूनी दर्जा मिलने से राज्य की आर्थिकी बेहतर हो सकती है।
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