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    अखनूर में शहीद हुए कुलदीप चंद का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा, अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़; पिता बोले- बलिदान पर गर्व

    जम्मू के अखनूर में एलओसी पर मुठभेड़ में बलिदान हुए हमीरपुर के सूबेदार कुलदीप चंद (Subedar Kuldeep Chand Last Rites) का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। हजारों की संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। कुलदीप चंद देश की सेवा करते हुए बलिदान हुए हैं जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।

    By Digital Desk Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Sun, 13 Apr 2025 01:35 PM (IST)
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    Subedar Kuldeep Chand Last rites: प्रशासन और सेना के जवानों की मौजूदगी में बलिदानी कुलदीप चंद को दी गई श्रद्धांजलि।

    जागरण संवाददाता, हमीरपुर। Subedar Kuldeep Chand Last Rites: जम्मू के अखनूर (Akhnoor Encounter) में एलओसी पर मुठभेड़ में बलिदान हुए हमीरपुर जिले के 47 वर्षीय सूबेदार कुलदीप चंद (Subedar Kuldeep Chand) का पार्थिव शरीर आज यानी रविवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। हजारों की संख्या में युवा, ग्रामीण और आसपास के इलाके के लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।

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    परिजानों का रो-रोकर बुरा हाल

    गांव की गलियों में ‘भारत माता की जय’ और ‘कुलदीप चंद अमर रहें’ के नारों से माहौल गूंज उठा। कुलदीप चंद देश की सेवा करते हुए बलिदान हुए थे, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। उनके घर पहुंचते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

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    प्रशासन और सेना के जवानों की मौजूदगी में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। ग्रामीणों ने कहा कि कुलदीप चंद की शहादत पर उन्हें गर्व है, लेकिन उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी।

    बेटे के बलिदान पर उन्हें गर्व: पिता

    इससे पहले शनिवार को बलिदानी कुलदीप चंद के पिता पूर्व सैनिक रत्न चंद भावुक हो गए थे। हालांकि, इस दौरान उन्होंने गर्व से कहा कि मेरे बेटे ने देश की सुरक्षा के लिए जान दी, इसका उन्हें अफसोस नहीं है। कुलदीप के बलिदान की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया था।

    2001 में सेना में भर्ती हुए थे बलिदानी कुलदीप चंद

    बलिदानी कुलदीप चंद 2001 में हमीरपुर में आयोजित भर्ती में सेना में चयनित हुए थे और फरवरी 2026 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। बलिदानी के परिवार में 84 वर्षीय पिता पूर्व सैनिक रत्न चंद, 75 वर्षीय माता शकुंतला देवी, 40 वर्षीय पत्नी संतोष कुमारी, 18 वर्षीय बेटी दीक्षा और 14 वर्षीय पुत्र आर्यन हैं।

    बेटा नौवीं कक्षा में पढ़ता है और बेटी दीक्षा 12वीं की छात्रा है। छोटा भाई न्यूजीलैंड में कार्यरत है। गाहलियां पंचायत के उप प्रधान कपिल ने भी कुलदीप चंद की शहादत को गौरव बताया। उन्होंने सरकार से मांग की कि बलिदानी के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और प्राथमिक विद्यालय का नाम कुलदीप चंद के नाम पर रखा जाए।

    सीएम ने बताया गर्व व दुःख का क्षण

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बलिदानी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व और दुःख का क्षण है। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना की है।

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