मैगी में निकले जिंदा कीड़े, शिकायत के बाद नेस्ले कंपनी पर गिरी गाज; अदालत ने ठोका तगड़ा जुर्माना
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में नेस्ले कंपनी पर अदालत ने जुर्माना लगाया है। दरअसल मैगी (Insect Found in Maggie) में जिंदा कीड़े मिलने की शिकायत के बाद उपभोक्ता आयोग ने नेस्ले पर 50 हजार रुपये का फाइन लगाया। शिकायतकर्ता को 10 हजार रुपये मुकदमा राशि और 50 हजार रुपये उपभोक्ता आयोग के विधिक सहायता फंड में जमा करवाने होंगे।

जागरण संवाददाता, धर्मशाला। Himachal News: नेस्ले कंपनी को खराब मैगी देने के एवज में शिकायतकर्ता को 50 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। वहीं नेस्ले (Insect Found in Maggie) को शिकायतकर्ता को 10 हजार रुपये मुकदमा राशि व 50 हजार रुपये उपभोक्ता आयोग के विधिक सहायता फंड में भी जमा करवाने होंगे।
यह निर्णय उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद व नारायण ठाकुर की खंडपीठ ने सुनाया है। उपभोक्ता आयोग में शिकायतकर्ता पीयूष अवस्थी निवासी थंडोल तहसील पालमपुर ने बताया था कि उसके पिता एयरफोर्स से सेवानिवृत्त हैं।
उन्होंने नौ जुलाई, 2023 को होल्टा स्थित सेना की सीएसडी कैंटीन से छह पैकेट मैगी के खरीदे थे। जब उनमें से एक पैकेट को खोलकर मैगी बनाने लगे तो उसमें जिंदा कीड़े पाए गए।
मेल के माध्यम से दी थी शिकायत
शिकायतकर्ता ने मैगी में कीड़े निकलने की शिकायत मेल के माध्यम से नेस्ले कंपनी के अधिकारियों से की। इसके बाद उन्हें आश्वस्त किया गया कि वह इस विषय पर जांच समिति बनाएंगे और उचित कार्रवाई कर उन्हें दोबारा से मैगी भी देंगे।
शिकायतकर्ता के अनुसार दो महीने का समय बीतने पर भी जब कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में पाया गया कि कीड़े युक्त मैगी दी गई थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद उपभोक्ता आयोग ने यह निर्णय सुनाया है।
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खराब नमकीन बेचने पर अनोखी सजा
उधर, हिमाचल प्रदेश के मंडी के अंतर्गत सरकाघाट में एक दुकानदार ने ग्राहक को खराब नमकीन बेची। जिसके बाद अदालत ने दुकानदार को एक दिन अदालत में खड़े रहने की सजा सुनाई, इसी के साथ उस पर 10 हजार को जुर्माना भी लगाया।
जांच के दौरान दुकानदार का नमकीन खाने योग्य नहीं पाई गई थी। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इसके सैंपल भरे थे। सैंपल पहले कंडाघाट प्रयोगशाला भेजे गए थे। वहां फेल हो गए लेकिन दुकानदार ने इस निर्णय को चुनौती दी और रिपोर्ट से असंतुष्ट होने की बात कही थी।
जांच में सैंपल फेल
बता दें कि दुकानदार के रिपोर्ट को चुनौती देने का बाद से यह सैंपल दोबारा जांच के लिए भेजा गया। हालांकि, सैंपल फिर से फेल हो गया और उसमें सल्फर ऑक्साइड की मात्रा नियमों से अधिक पाई गई। इसके बाद दुकानदार को पुन: नोटिस जारी किया गया। जिस कंपनी से दुकानदार ने यह नमकीन ली थी, उसका बिल भी वह नहीं पेश कर पाया।

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