Kangra Bank: कांगड़ा सहकारी बैंक में होंगी भर्तियां व पदोन्नतियां, प्रबंध निदेशक जफर इकबाल ने बताया क्यों भंग की गई BOD
Kangra Bank Recruitments कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक जफर इकबाल ने कहा कि अगले छह महीनों में एनपीए कम करने और बैंक में भर्तियां की जाएंगी। वर्ष 2017 से भर्तियां नहीं हुई हैं। बैंक की एचआर पाॅलिसी को मजबूत किया जाएगा और हर विभाग में डेजीगनेटेड आफिसर नियुक्त होंगे।

संवाद सहयोगी, धर्मशाला। Kangra Bank Recruitments, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित के प्रबंध निदेशक जफर इकबाल ने कहा है कि अगले छह माह में एनपीए को कम कर बैंक में भर्तियां और पदोन्नतियां की जाएंगी। वर्ष 2017 से भर्ती व पदोन्नतियां नहीं हो पाई हैं। दो तिमाही में बैंक की एचआर पाॅलिसी को भी मजबूत किया जाएगा। हर वर्टिकल के लिए सेल बनेगा और डेजीगनेटेड आफिसर (पदनामित अधिकारी) को हर विभाग में कमान दी जाएगी। जिससे कि वह शाखा स्तर के अधिकारियों पर भी चेक रख सकें।
साथ ही बैंक में एसओपी मजबूत बनाई जाएगी, जिससे कि भविष्य में हर चीज पर निर्धारित एसओपी के तहत कार्य किया जा सके। हर अधिकारी की जिम्मेवारी तय होगी। यदि कोई अधिकारी बेहतर काम करता है तो उसे सम्मान व लाभ मिलेगा, अगर गलती करता है तो, उस पर कार्रवाई की जा सकेगी। सभी की जिम्मेदारी तय होगी।
जफर इकबाल धर्मशाला केसीसी बैंक मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कि ग्रास एनपीए 2022 में 29.8 प्रतिशत था वह मौजूदा समय कम होकर 19 प्रतिशत रह गया है। जिसे और कम किए जाने की दिशा में काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में 809 करोड़ रुपये एनपीए है। वहीं, बैंक के पास 651 करोड़ रुपये का अलग से प्रविधान है। बैंक मजबूत स्थिति में है और ग्राहकों को डरने की आवश्यकता नहीं है।
हर वर्ष बढ़ी जमा राशि
उन्होंने बैंक की वित्तीय स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2022 से लेकर मौजूदा समय तक की जमा धनराशि की बात करें, तो ये हर वर्ष बढ़ी है। 31 मार्च, 2022 को 12,647 करोड़ जमा राशि थी। 31 मार्च, 2023 को ये बढ़कर 13,354 करोड़, 31 मार्च, 2024 को 14,155 करोड़ जबकि 31 मार्च, 2025 को 14,888 करोड़ पहुंच गई। वहीं इस वित्तीय वर्ष में 30 सितंबर, 2025 तक ये राशि बढ़कर 15,433 करोड़ पहुंच गई है। इनमें रिटेल बैंकर के 9,841 करोड़ जबकि सहकारी सभाओं के 5,591 करोड़ रुपये जमा हैं।
30 सितंबर, 2025 तक 4,246 करोड़ रुपये का ऋण दिया
वहीं, बात की जाए ऋण की तो 31 मार्च, 2022 तक 4,147 करोड़, 31 मार्च, 2023 तक 4,162 करोड़, 31 मार्च, 2024 तक 4,305 करोड़ जबकि 31 मार्च, 2025 तक 4,424 करोड़ रुपये जबकि 30 सितंबर, 2025 तक 4,246 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है।
उन्होंने जानकारी दी कि एनपीए की बात करें तो हर वर्ष कम हुआ है। 31 मार्च, 2022 तक 1227 करोड़ था, जो 31 मार्च, 2023 तक 1128 करोड़ रह गया। 31 मार्च, 2024 तक 986 करोड़, 31 मार्च, 2025 तक 862 करोड़ जबकि 30 सितंबर, 2025 तक 809 करोड़ रुपये रह गया है।
नाबार्ड रिपोर्ट का अध्ययन कर ही किया बोर्ड भंग
वहीं, उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि नाबार्ड की वर्ष 2023 की रिपोर्ट का उन्होंने भी अध्ययन किया है। इसके आधार पर ही सरकार ने बोर्ड को भंग किया है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी को तैनात किया है।
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बैंक स्थिति की सूचनाएं व जानकारी मीडिया को देने के लिए सेल गठित
केसीसी बैंक से मीडिया में सही व स्टीक सूचनाएं ही प्रेषित हों, इसके लिए सेल गठित किया गया है और अधिकारी को डेजिगनेट कर दिया है। जब भी कोई जानकारी चाहिए हो तो संबंधित अधिकारी डीपीआएओ के माध्यम से या फिर व्यक्तिगत रूप से पत्रकारों को उपलब्ध करवाएंगे। वर्तमान में यह जिम्मेदारी महाप्रबंधक को दी गई है।
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