Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Himachal News: रोबोटिक सर्जरी के बाद 24 घंटे में मरीज लगता है चलने-फिरने, विशेषज्ञ डा. रितेश सोनी ने बताए लाभ

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 02:37 PM (IST)

    Robotic Surgery in Himachal वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डा. रितेश सोनी ने रोबोटिक सर्जरी को भविष्य नहीं वर्तमान बताया है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक सुरक्षित है जिसमें खून का बहाव कम और दर्द लगभग समाप्त हो जाता है। मरीज 24 घंटे में चलने लगता है। हिमाचल में अब यह तकनीक जमीनी स्तर पर है जिससे त्रुटि की संभावना शून्य है।

    Hero Image
    रोबोटिक सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए विशेषज्ञ डा. रितेश सोनी।

    सुरेश ठाकुर, चंबा। Robotic Surgery in Himachal, अब सर्जरी इंसान की सीमाओं से आगे निकल चुकी है। गलती की गुंजाइश खत्म हो गई है, क्योंकि अब कमान रोबोट के हाथ में है। रोबोटिक सर्जरी ने इंसानी सर्जरी की सटीकता, सुरक्षा और सफलता की परिभाषा ही बदल दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह तकनीक न केवल मरीजों के लिए सुरक्षित है, बल्कि चिकित्सकों और ओटी स्टाफ के लिए भी वरदान साबित हो रही है। इसमें खून का बहाव बहुत कम होता है, दर्द लगभग समाप्त हो जाता है और मरीज 24 घंटे के भीतर चलने-फिरने लगता है। 

    हिमाचल प्रदेश इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन (एचपीआइओए) के महासचिव एवं वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन एवं रोबोटिक सर्जरी विशेषज्ञ डा. रितेश सोनी ने इस सर्जरी के लाभ बताए। डा. रितेश चंबा में चल रही राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग ले रहे हैं।

    चिकित्सा विज्ञान ने इंसानी सर्जरी को दी नई परिभाषा

    उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी भविष्य नहीं वर्तमान है। चिकित्सा विज्ञान ने इंसानी सर्जरी को नई परिभाषा दे दी है। अब आपरेशन थियेटर में इंसान के साथ मशीन खड़ी है, जो थकती नहीं, कांपती नहीं और न गलती करती है। यह तकनीक अब प्रयोगशाला से निकलकर अस्पतालों तक पहुंच चुकी है। हिमाचल में तो हम इसे जमीनी स्तर पर लागू कर चुके हैं। 

    त्रुटि की संभावना लगभग शून्य

    उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी में त्रुटि की संभावना लगभग शून्य होती है। यह सर्जरी 3डी इमेजिंग पर आधारित होती है, जिसमें घुटने या कूल्हे का वर्चुअल माडल बनता है और उसी के अनुसार सटीक कटिंग और फिटिंग होती है। इसका सक्सेस रेट 90 से 95 प्रतिशत है। इसमें ब्लड लास बहुत कम होता है, दर्द न के बराबर रहता है और मरीज की रिकवरी इतनी तेजी से होती है कि 24 घंटे में वह चलने-फिरने लगता है।

    बिना रेडिएशन ब्रेन और स्पाइन की सर्जरी

    डा. रितेश सोनी ने कहा कि पारंपरिक सर्जरी में सी-आर्म एक्सरे रेडिएशन से डाक्टरों और ओटी स्टाफ को कैंसर या आस्टियोपोरोसिस (हडि्डयों का रोग) का खतरा बना रहता था। रोबोटिक सर्जरी ने यह जोखिम खत्म कर दिया है। अब डाक्टर बिना रेडिएशन के सटीक नेविगेशन सिस्टम की मदद से ब्रेन और स्पाइन की सर्जरी 99.5 प्रतिशत सटीकता से कर पा रहे हैं। 

    ट्यूमर रिमूवल में भी उपयोग 

    उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी अब केवल नी (घुटने) और हिप (कूल्हा) रिप्लेसमेंट तक सीमित नहीं है। हम इसे स्पाइन, ब्रेन और यहां तक की कैंसर ट्यूमर रिमूवल में भी उपयोग कर रहे हैं। रोबोटिक हैंड की सबसे बड़ी खूबी है कि यह 360 डिग्री तक बिना कंपन के घूम सकता है, जबकि इंसान का हाथ केवल 180 डिग्री तक घूमता है। इससे आपरेशन के दौरान ऐसी जगहों तक पहुंचना संभव हो जाता है, जहां पहले इंसान का हाथ नहीं पहुंच पाता था।

    हिमाचल अब चिकित्सा क्रांति के नए युग में प्रवेश कर चुका है। हम चंबा जैसे जिलों में भी यह संदेश देना चाहते हैं कि अब मरीजों को दिल्ली या चंडीगढ़ जाने की जरूरत नहीं। हमारे अपने डाक्टर, हमारी अपनी तकनीक और हमारा अपना रोबोट है जो पूरी सटीकता के साथ इलाज कर रहा है।

    रोबोटिक सर्जरी की घट रही लागत

    डा. रितेश सोनी ने कहा कि शुरुआती दौर में यह रोबोटिक सर्जरी महंगी जरूर थी, लेकिन अब नहीं। भारत में इस तकनीक को इंडिजेनस (स्थानीय) स्तर पर विकसित किया जा रहा है, जिससे इसकी लागत लगातार घट रही है। फोर्टिस, एम्स और अब हिमाचल के कई अस्पतालों में यह प्रक्रिया सामान्य शुल्क पर उपलब्ध है। आने वाले वर्षों में यह उतनी ही सामान्य होगी जितनी आज सीटी स्कैन या एमआरआइ है। 

    रोबोटिक सर्जरी में चिकित्सक की भी अहम भूमिका

    उन्होंने इस बात भी जोर दिया कि रोबोटिक सर्जरी में एक चिकित्सक की भी महत्वूपर्ण भूमिका होती है। रोबोट में सटीकता है लेकिन भावना नहीं। डाक्टर में भावना है, लेकिन त्रुटि की संभावना भी। जब दोनों मिल जाते हैं तो मरीज को जीवन का सबसे सटीक और सुरक्षित इलाज मिलता है।

    यह भी पढ़ें- महिलाओं के लिए इस उम्र के बाद कैल्शियम व विटामिन-D बेहद जरूरी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ. बंदना ने बताया हर समस्या का उपचार

    यह भी पढ़ें- हिमाचल में स्कूल कांप्लेक्स प्रणाली के विरोध में उतरा प्राथमिक शिक्षक संघ, उपमंडल स्तर पर प्रदर्शन