Himachal Pradesh: लापरवाही की हद... पहाड़ों में अंधेरे में बस चलाता रहा HRTC चालक, नीचे थी गहरी खाई, VIDEO
Himachal Pradesh News चंबा में एचआरटीसी के एक ड्राइवर ने हेडलाइट खराब होने पर रात में अंधेरे में बस चलाई जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। भरमौर-पालमपुर मार्ग पर सवारियों से भरी बस को ड्राइवर ने लगभग आठ किलोमीटर तक बिना लाइट के चलाया जिससे यात्रियों की जान खतरे में पड़ गई। लोगों ने ड्राइवर की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं

संवाद सहयोगी, चंबा। Himachal Pradesh News, हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) का चालक गाड़ी की लाइट खराब होने पर रात को पहाड़ों में अंधेरे में ही बस चलाता रहा। लापरवाही का यह वीडियाे अब इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। चालक करीब आठ किलोमीटर तक बिना लाइट के बस चलाता रहा। चंबा जोत सड़क से गुजर रही भरमौर-पालमपुर बस सवारियों से भरी हुई थी, पहाड़ी क्षेत्र में जरा सी चूक होती तो भारी जानी नुकसान होना तय था।
प्रसारित वीडियो में एक व्यक्ति कह रहा है कि भरमौर से पालमपुर जा रही बस की लाइट खराब होने पर चालक इसे अंधेरे में ही चला रहा है। वह यह भी कह रहा है कि यहां से चुवाड़ी अभी सात-आठ किलोमीटर दूर है। लोग प्रश्न उठा रहे हैं कि यदि बस की लाइट खराब थी तो चालक को इसे सड़क के किनारे खड़ा कर देना चाहिए था। ऐसी क्या मजबूरी थी कि चालक को अपनी व यात्रियों की जान जोखिम में डालकर बस चलानी पड़ी। यदि हादसा हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता।
पहाड़ों में अंधेरे में बस चलाता रहा HRTC बस चालक... भरमौर से पालमपुर जा रही थी बस pic.twitter.com/VEXcYySt0n
— Rajesh Sharma (@sharmanews778) July 14, 2025
बेहद खतरनाक है चंबा-जोत का ढलानदार पहाड़ी मार्ग
चंबा वाया जोत चुवाड़ी मार्ग काफी खतरनाक है। इस ढलानदार, तंग व सर्पीले मार्ग पर कई चालक दिन में भी गाड़ी ले जाने से परहेज करते हैं। एचआरटीसी चालक की ओर से बिना रोशनी रात को बस चलाना जोखिम ही नहीं, बल्कि अनहोनी को बुलावा देना है। वीडियो पर लोग कई प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
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जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां डिपो की है बस
एचआरटीसी चंबा के डीडीएम शुगल सिंह का कहना है कि यह बस जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां डिपो की है। इस संबंध में वहां के प्रबंधन को बता दिया है और चालक से भी जवाब मांगा गया है। चालक की ओर से रात को बिना रोशनी बस चलाना स्वयं व यात्रियों की जान को खतरे में डालना है। चंबा में निगम के सभी चालकों को पहले से निर्देश दिए गए हैं कि यदि बस में किसी भी तरह की तकनीकी खराबी आती है तो उसे वहीं पर खड़ा कर दें और यात्रियों की जान जोखिम में डालकर बस को जबरदस्ती आगे ले जाने का प्रयास न करें।
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