Himachal News: गरीबों को मिलने वाले सरकारी राशन में गोलमाल करने वालों की अब खैर नहीं
हिमाचल सरकार की ओर से सिविल सप्लाई कारपोरेशन के माध्यम से गरीबों को उपलब्ध करवाए जा रहे मुफ्त व सस्ते राशन में किए जा रहे गोलमाल का मामला सामने आने के बाद प्रशासन व विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है।
चंबा, संवाद सहयोगी। अब सरकारी राशन में गोलमाल करने वाले राशन ढुलाई के ठेकेदार व डिपो होल्डर को अपना नजरिया बदलना होगा। सरकार की ओर से सिविल सप्लाई कारपोरेशन के माध्यम से गरीबों को उपलब्ध करवाए जा रहे मुफ्त व सस्ते राशन में किए जा रहे गोलमाल का मामला सामने आने के बाद प्रशासन व विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है। प्रशासन ने सिविल सप्लाई के स्टोर से राशन उठाने से लेकर वितरण तक उस पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
इतना इतना ही नहीं पठानकोट सहित अन्य स्थानों से एफसीआई का राशन लाने वाली गाड़ियों पर भी निगरानी रखने के आदेश दिए हैं, ताकि फिर से सिविल सप्लाई से राशन उठा कर एफसीआई में ले जाने जैसा गोलमाल न हो सके। जिला मुख्यालय चंबा के साथ लगते बालू में विजिलेंस टीम द्वारा सरकारी सरकारी राशन में चल रहे गोलमाल का मामला पकड़ने के बाद लोगों की ओर से भी कई तरह के सवाल खड़े किए ज रहे थे।
उधर चंबा के बालू में विजिलेंस की ओर से पकड़े गए सरकारी राशन के गोलमाल को लेकर बिठाई जांच के बाद विभाग ने अनियमितताएं पाए जाने पर कार्रवाई अम्ल में लाते हुए चार डिपुओं व सिविल सप्लाई के बालू स्थिति गोदाम के प्राधिकार को आगामी आदेशों तक खत्म कर दिया है।
यह भी पढ़ें: Shimla News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एफसीए मामलों में तेजी लाने के लिए तंत्र विकसित करने पर दिया जोर
पहले भी आ चुके हैं सरकारी राशन में गड़बड़ी के मामले
गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब राशन में गड़बड़ी का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी जिला में सरकारी राशन में की जा रही गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं। तीन साल पहले चुराह के टेपा पंचायत डिपो होल्डर की ओर से स्टोर में दबाए सरकारी राशन की खेप बरामद हुई है। उस दौरान क्षेत्र में हो रही भारी बर्फबारी के चलते दुर्गम क्षेत्र के लोगों को खाने-पीने के लाले पड़ रहे थे ओर डिपो होल्डर ने तीसा स्थित स्टोर में ही राशन की सरकारी खेप दबा कर रखी थी। पुलिस ने डिपो होल्डर के स्टोर दबिश देकर सरकारी राशन की खेप बरामद की थी। इसके अलावा भी कई स्थानों पर सरकारी राशन ले जा रही गाड़ियों को पुलिस ने पकड़ा है।
निरीक्षकों को निगरानी रखने के निर्देश
विभाग ने खाद्य निरीक्षकों को समय-समय पर उनके अधीन आने वाले डिपुओं की जांच करने के साथ राशन वितरण से संबंधित जनता से फीडबैक लेने के भी निर्देश जारी किए हैं। ताकि लोगों को मिलने वाले सरकारी राशन का उचित भुगतान हो सके। साथ ही आगामी दिनों में सरकारी राशन की कालाबाजारी एवं गोलमाल का मामला सामने न आ सके।
पीओएस मशीनों के इस्तेमाल पर जोर
सरकारी राशन वितरण प्रणाली में प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों के इस्तेमाल पर जोर देने की बात कही है, ताकि सरकार की डिजिटल प्रणाली सफल हो सके। साथ डिपुओं में खाद्य वितरण प्रणाली में भी पारदर्शिता आ सके। डिजिटल राशन कार्ड बनने के बाद भी अभी तक भी जिला के कई डिपो में इसका उचित इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
यह भी पढ़ें: रिपोर्ट में दावा- शिमला में पर्यटकों के ठहरने का औसत घटा, अब पर्यटन उद्योग तैयार करेगा रोड मैप
सख्ती के हैं निर्देश
राशन कार्ड उपभोक्ताओं को महीने की पांच तारीख से राशन मिलना शुरू हो जाता है। आटा और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी में उपलब्ध करा रही है, तीन दालें (मलका, माश और दाल चना) दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), चीनी और एक किलो नमक भी दिया जा रहा है। खाद्य एंव नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के
संयुक्त निदेशक रविंद्र ठाकुर ने बताया कि यह सभी तरह का राशन समय पर लोगों को मिल सके इसके लिए संबंधित क्षेत्र अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। फूड इंस्पेक्टर को भी समय समय पर डिपुओ का निरीक्षण करने की बात कही है ताकि राशन वितरण में पारदर्शिता बनी रहे।
चंबा के उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि सिविल सप्लाई के स्टोर से राशन उठाने व वितरण तक सभी तरह की गतिविधियों पर नजर रखी जाए। इसके अलावा एफसीआई का राशन ला रही गाड़ियों पर भी निगरानी रखना जरूरी है। ताकि सरकारी राशन की कालाबजारी न हो सके ओर गरीबों को समय पर सही राशन मिल सके।