रिपोर्ट में दावा- शिमला में पर्यटकों के ठहरने का औसत घटा, अब पर्यटन उद्योग तैयार करेगा रोड मैप
रिपोर्ट के अनुसार शिमला में पर्यटकों का औसत ठहराव 1970 के दशक में चार-पांच दिनों से घटकर वर्तमान में एक दिन रह गया है। अब पर्यटकों को रुझाने के लिए टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन एक रोडमैप तैयार कर रहा है।
शिमला, पीटीआई। शिमला में पर्यटकों का आ कर रुकना कम हो गया है, ऐसा कहना है टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन की एक रिपोर्ट का। इस रिपोर्ट के अनुसार शिमला में पर्यटकों का औसत ठहराव 1970 के दशक में चार-पांच दिनों से घटकर वर्तमान में एक दिन रह गया है। इसका मतलब ये है कि 1970 के दशक में पर्यटक चार से पांच दिनों तक शिमला में रुकते थे, लेकिन आज के मौजूदा समय में घटकर एक दिन रह गया है।
राजधानी शिमला और उसके आस पास ट्रैफिक जाम, पार्किंग संकट और अपंजीकृत आवासों की बढ़ोत्तरी के चलते पर्यटकों का रुझान पहाड़ियों की रानी के लिए खत्म हो रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राज्य की राजधानी शिमला मेंआसपास ट्रैफिक जाम, पार्किंग संकट और अपंजीकृत आवासों की तेजी से वृद्धि के कारण पर्यटकों के ठहरने के औसत दिनों की संख्या में 70-80 प्रतिशत की गिरावट आई है।
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इन कारणों से पर्यटकों का हो रहा मोहभंग
शिमला में पानी की समस्या गहराती जा रही है। गर्मियों में पानी की कमी, राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन, मानसून के दौरान यात्रा का जोखिम और लगातार प्रशासन की ओर जारी की जाने वाली सुरक्षा एडवाइजरी से भी पर्यटक शिमला आने से कतराने लगे हैं।
एक स्थानीय होटल व्यवसायी सुशांत नाग ने कहा कि लगातार भूस्खलन और खराब मौसम की खबरों की वजह से लगातार पर्यटक बुकिंग रद्द कर देते हैं।
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पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए तैयार हो रहा रोडमैप
शिमला में एक बार फिर से पर्यटकों को बुलाने के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। रिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक रोड मैप तैयार कर रहा है ताकि पूरे साल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो सके। टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमके सेठ ने कहा कि मुख्यमंत्री को पर्यटन उद्योग की जमीनी हकीकत से रूबरू कराया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि शिमला को पर्यटकों के अनुकूल माहौल बनाने और पर्यटन स्थलों के आसपास नए आकर्षण के केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि एक बार फिर पर्यटक यहां आ सके।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश का पर्यटन क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 7.5 प्रतिशत का योगदान देता है और यह सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाले उद्योगों में से एक है। 2021 में, 9,52,617 पर्यटकों ने शिमला जिले का दौरा किया था। अब उम्मीद है कि नई योजनाओं से एक बार फिर पर्यटक पहाड़ियों की रानी रुख करें, ताकि रोजगार पैदा करने वाले उद्योगों में बढ़ोत्तरी हो।