Shri Naina Devi: श्रावण अष्टमी मेले 25 जुलाई से, 9 सेक्टर में बांटा मंदिर क्षेत्र, हलवा व नारियल चढ़ाने पर भी प्रतिबंध
Shri Naina Devi Mandir श्री नयना देवी मंदिर में 25 जुलाई से श्रावण अष्टमी मेला शुरू होगा। मंदिर परिसर को नौ सेक्टरों में बांटा गया है जहाँ 650 पुलिस जवान और 500 होमगार्ड तैनात रहेंगे। मेला क्षेत्र में लाउडस्पीकर और ढोल-नगाड़ों पर प्रतिबंध रहेगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है।

जागरण संवाददाता, बिलासपुर। Shri Naina Devi Mandir, श्री नयना देवी जी मंदिर में 25 जुलाई से तीन अगस्त तक होने वाले श्रावण अष्टमी मेलों के लिए प्रशासन ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। मेलों के दौरान हिमाचल से ज्यादा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों से प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना रहती है।
अत्यधिक भीड़ के चलते कानून व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होती है। इस स्थिति से निपटने के लिए मंदिर परिसर और इसके आसपास के क्षेत्रों को नौ सेक्टरों में बांटा गया है। इन सेक्टरों में 18 अनुभवी कार्यपालक दंडाधिकारी एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए जाएंगे। नौ सेक्टरों में मुख्य रूप से मंदिर का भीतर परिसर यानि मुख्य मंदिर क्षेत्र, मंदिर परिसर, मुख्य गेट का क्षेत्र, बस स्टैंड से मंदिर तक का पैदल क्षेत्र, ट्रैफिक, बाजार क्षेत्र और बाजार से टोबा शामिल हैं।
500 गृहरक्षक व 650 पुलिस जवान होंगे तैनात
मंदिर में सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था के लिए 500 गृहरक्षकों के अलावा 650 पुलिस जवान भी तैनात किए जाएंगे। पुलिस प्रशासन ने बटालियन से पुलिस जवान मांगे हैं।
एक दिन पहले तैनात होंगे अधिकारी व कर्मचारी
उपायुक्त बिलासपुर एवं मंदिर आयुक्त राहुल कुमार ने कहा कि सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं अधिकारियों को 24 जुलाई शाम को शाम श्री नयना देवी पहुंचकर मेला अधिकारी (अपर उपायुक्त, बिलासपुर) को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए जाएंगे, ताकि उन्हें उनके सेक्टरों में नियुक्त किया जा सके। यह कदम मेला अवधि के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
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लाउडस्पीकर व ढोल नगाड़े रहेंगे बंद
मेला अवधि के दौरान श्री नयना देवी मेला परिसर में लाउडस्पीकर, ढोल-नगाड़े, बैंड-बाजे एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि किसी प्रकार का सार्वजनिक सन्देश अथवा उद्घोषणा देनी आवश्यक हो, तो वह केवल कंट्रोल रूम के माध्यम से प्रसारित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, मंदिर परिसर में हलवा और नारियल चढ़ाने और प्रसाद के लिए बांस की टोकरी के प्रयोग पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
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