बगलामुखी माता रोपवे में सफर महंगा, अब लगेंगे इतने रुपये; सामान ले जाने वालों को भी देना होगा किराया
हिमाचल पर्यटन विकास निगम ने बगलामुखी माता रोपवे का किराया बढ़ा दिया है। पर्यटकों के लिए किराया 250 से बढ़कर 350 रुपये हो गया है जबकि निजी सामान पर भी शुल्क लगेगा। प्रभावित 12 पंचायतों के निवासियों को रियायती दर पर किराया देना होगा। स्थानीय लोगों ने इस वृद्धि पर नाराजगी जताई है और सरकार से मुफ्त सुविधा बहाल करने की मांग की है।

संवाद सहयोगी, पंडोह। बगलामुखी माता रोपवे को लेकर आरटीडीसी (हिमाचल पर्यटन विकास निगम) ने किराया बढ़ा दिया है। अब पर्यटको के लिए 250 के बजाय 350 रुपये किराया आने जाने का लिया जाएगा। वहीं निजी सामान लेकर जाने वालों को भी किराया देना होगा।
आरटीडीसी के निदेशक अजय शर्मा ने बताया कि मंगलवार सुबह से नया किराया ढांचा लागू कर दिया गया है, जिसमें पर्यटकों और प्रभावित क्षेत्रों से बाहर के यात्रियों के लिए 250 रुपये एक साइड और 350 रुपये किराया आने जाने का तय किया गया है।
प्रभावित 12 पंचायतों के लोगों को पहले की तरह एक साइड का 30 और आने जाने का 50 रुपये किराया देना होगा। यह रियायत तब तक जारी रहेगी जब तक उनका सड़क मार्ग पूरी तरह बहाल नहीं हो जाता।
निजी सामान के लिए भी तय हुआ शुल्क
रोपवे से निजी सामान ले जाने पर अब वजन के हिसाब से किराया देना होगा जो कि पांच किलो तक मुफ्त, पांच किलो से 30 किलो तक 30 रुपये किराया, 30 किलो से ऊपर एक रुपये प्रति किलो किराया,गैस सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल, लुब्रिकेंट्स का दो रुपये प्रति लीटर किराया। इसमें राहत सामग्री को मुफ्त ले जाने का प्रविधान होगा।
लोगों ने जाहिर की नाराजगी
प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों का कहना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक रोपवे की सुविधा पूरी तरह मुफ्त दी जानी चाहिए। हम पहले ही सड़क टूटने और राशन-पानी की दिक्कतों से जूझ रहे हैं, ऊपर से किराया देना और भी बोझ बन गया है। स्थानीय लोगों ने सरकार से पुनः मांग की है कि प्रभावित पंचायतों के लोगों के लिए मुफ्त सुविधा फिर से बहाल की जाए।
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