'मेरा सुहाग अमर रहे' का उद्घोष कर वीरनारी ने दी पति को अंतिम विदाई, आतंकियों से लोहा लेते बलिदान हुआ हिमाचल का जवान
Himachal Pradesh Soldier Martyr जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के लांस दफादार बलदेव चंद शहीद हो गए। रविवार को उनका पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा। पत्नी शिवानी रनौत ने पति की बहादुरी को सलाम किया। छह वर्षीय बेटे इशान ठाकुर को अभी यह पता नहीं है कि उनके पिता अब कभी वापस नहीं आएंगे।

संवाद सहयोगी, झंडूता (बिलासपुर)। Himachal Pradesh Soldier Martyr, जम्मू-कश्मीर में ऊधमपुर जिले के सियोजधार जंगल में आतंकियों से लोहा लेते हुए बलिदान हुए सेना के लांस दफादार बलदेव चंद की पार्थिव देह रविवार दोपहर बाद घर पहुंची। तिंरगे में लिपटे अपने लाल को देख मां विजया कुमारी कुछ पल के लिए बदहवास हो गई जबकि पूर्व सैनिक पिता विशनदास भी अंदर से टूट गए।
बिलखती पत्नी शिवानी रनौत को स्वजन संभालते रहे। अंतिम रस्मों को निभाते हुए वीरनारी के उद्घोष से हर आंख उस समय नम हो गई जब शिवानी ने पति की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा -"मेरा सुहाग अमर रहे", "बलिदानी बलदेव चंद अमर रहें"। छह वर्षीय बेटा इशान ठाकुर इस बात से बेखबर दिखा कि पिता अब कभी लौट के नहीं आएंगे।
बिलासपुर जिले के झंडूता की गंगलोह पंचायत के थेह गांव निवासी 36 वर्षीय लांस दफादार बलदेव 2011 में सेना में भर्ती हुए थे। उनका विवाह 2016 में हुआ था।
जुलाई में घर आए थे बलदेव
जुलाई में बलदेव के छोटे भाई दिनेश के बेटे जन्म पर कार्यक्रम आयोजित किया था। उस दौरान बलदेव घर आए थे और तीन अगस्त को ड्यूटी पर लौटे थे। बलदेव के अंतिम दर्शन के बाद गांव के श्मशानघाट में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। छह वर्षीय बेटे इशान ठाकुर ने पिता की चिता को अग्नि दी। इस अवसर पर स्थानीय विधायक जीतराम कटवाल, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।
17 सितंबर को पिता से हुई थी बात
बलदेव चंद की अपने पिता से 17 सितंबर को आखिरी बार बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि "इस आपरेशन को तीन-चार दिन और लगेंगे।" बलदेव चंद 58 आर्म्ड राष्ट्रीय राइफल में लांस दफादार (लांस नायक के समकक्ष) के पद पर तैनात थे। पिता विशनदास सेना में हवलदार पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और उनके ताया व चाचा भी पूर्व सैनिक हैं। बिलासपुर के उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि बलिदानी बलदेव को बहादुरी व कर्तव्यनिष्ठा के लिए सदैव याद रखा जाएगा।
बलदेव चंद की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। बलदेव चंद ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है और उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। मैं अभी पालमपुर में आयोजित एक आयोजन में सरकारी प्रतिनिधि के तौर पर भाग ले रहा हूं। जैसे ही वह अपने दौरे से लौटेंगे, बलिदानी के परिवार से मिलेंगे। इस दुख की घड़ी में पूरा प्रदेश बलिदानी के स्वजन के साथ खड़ा है।
-राजेश धर्माणी, तकनीकी शिक्षा मंत्री।
मेजर जनरल डागर ने अर्पित किए श्रद्धासुमन
इससे पहले रविवार सुबह जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में सेना की व्हाइट नाइट कोर के चीफ आफ स्टाफ मेजर जनरल पीएस डागर ने बलिदानी सैन्यकर्मी को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। सेना के जवानों की टु़कड़ी ने शस्त्र उलटे कर अपने बलिदानी को सलामी दी। बलिदानी को श्रद्धांजलि देने वालों में डोडा-किश्तवाड-रामबन रेंज के डीआइजी श्रीधर पाटिल, प्रदेश प्रशासन व सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। शुक्रवार देर शाम को ऊधमपुर ज़िले के सियोजधार जंगल में आतंकियों की तलाश के लिए चलाए गए एक अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में लांस दफादार बलदेव चंद गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस दौरान घायल हुए लांस दफादार ने अस्पताल में अंतिम सांस ली।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।