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    बिलासपुर बस हादसा: कंडक्टर ने दी बस में सफर करने वाले 8 लोगों की सूची, प्रशासन ने ढूंढ निकाले; सर्च अभियान किया बंद

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 05:44 PM (IST)

    Himachal Bilaspur Bus Accident हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में मरोतन-घुमारवीं बस हादसे के बाद बचाव कार्य शाम पांच बजे बंद कर दिया गया। बस में 18 यात्री थे। कंडक्टर के बयान पर आठ यात्रियों की सूची बनी जिनकी तलाश की गई। मृतकों का पोस्टमार्टम हुआ और सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया।

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    बिलासपुर में पहाड़ दरकने से हुए हादसे के बाद सर्च अभियान में जुटे एनडीआरएफ जवान। जागरण

    जागरण संवाददाता, बरठीं। Himachal Bilaspur Bus Accident, हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में मरोतन से घुमारवीं जा रही निजी बस पर पहाड़ टूटने से दबे लोगों का सर्च अभियान बुधवार शाम पांच बजे बंद कर दिया गया। बुधवार सुबह लापता बच्चे राहुल का बुधवार को शव मिल गया है।

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    मंगलवार देर शाम करीब साढ़े छह बजे हुए हादसे के बाद देर रात तक सर्च अभियान चलता रहा। रात करीब ढाई बजे एक बार फिर पहाड़ी में कुछ हलचल महसूस होने के कारण कुछ समय के लिए अभियान रोका। इसके बाद दोबारा सुबह अभियान शुरू किया गया। बस के मालिक एवं परिचालक के बयान के अनुसार बस में 18 यात्री ही सवार थे।

    कंडक्टर के बयान पर आठ लोगों की बनाई थी सूची

    इसके बावजूद प्रशासन ने बरठीं क्षेत्र एवं जिस क्षेत्र में यह हादसा हुआ है, वहां संबंधित तीन-चार पंचायतों के प्रतिनिधियों व ग्रामीणों के मदद से आठ ऐसे लोगों की सूची बनाई थी, जो रोज सफर करते थे। उन सभी के स्वजन से बातचीत करने एवं उनके कुशल होने की सूचना के बाद प्रशासन ने बुधवार शाम पांच बजे सर्च अभियान बंद कर दिया है।

    एक साथ जली चार चिताएं

    हादसे में काल का ग्रास बने सभी लोगों के पोस्टमार्टम करवा दिए हैं और सभी की बुधवार को अंत्येष्टि भी हो गई है। फगोग गांव के एक परिवार के चार सदस्यों की एक साथ चिताएं जलीं।

    डिप्टी सीएम सहित जयराम ठाकुर भी पहुंचे मौके पर

    मंगलवार देर रात उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री पीड़ित परिवारों से मिले और घटनास्थल पर भी पहुंचे। वहीं बुधवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पहले घटनास्थल का दौरा किया। इसके बाद प्रभावितों से मिले। इसके अलावा मंत्री राजेश धर्माणी भी घटनास्थल पर पहुंचे थे।

    सामान्य नहीं हुई स्थिति

    बड़ी बात यह है कि घटनास्थल पर स्थितियां अभी सामान्य नहीं हुई है। वह पहाड़ी अभी भी खतरे का निशान बनी हुई। रेतीली पहाड़ी होने के चलते अब प्रशासन उसे फायर ब्रिगेड की मदद से बाहर उभरी हुई खतरनाक पहाड़ी को गिराने का प्रयास कर रहा है।

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    स्पॉट की जांच का आदेश : सुक्खू

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शिमला में कहा कि सरकार स्पाट की जांच करवा रही है, यदि हादसे के पीछे किसी की लापरवाही पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मृतकों के स्वजन को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा।

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