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    Yamunanagar: पहले कचरा डलवाया, अब 30 लाख में उठाएगा निगम प्रशासन, विकसित होंगे ग्रीन हाटस्पाट

    By Jagran NewsEdited By: Himani Sharma
    Updated: Sat, 14 Jan 2023 08:06 AM (IST)

    हरियाणा के यमुनानगर में नगर निगम की कार्यप्रणाली काफी खराब हालत में है। एजेंसी का टेंडर खत्‍म होने पर कचरा नहर के किनारे डाला गया था। अब एजेंसी को 30 लाख रूपये देकर कचरा उठवाया जाएगा। तीन ग्रीन हाटस्‍पाट भी बनाए जाएंगे।

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    पहले कचरा डलवाया, अब 30 लाख में उठाएगा निगम प्रशासन, विकसित होंगे ग्रीन हाटस्पाट

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी की कार्यप्रणाली भी अजब-गजब है। दो वर्ष तक अधिकारी जहां कचरे के ढेर लगवाते रहें हैं, अब वहां से एजेंसी को 30 लाख देकर कचरा उठवाया जाएगा। हम बात कर रहे हैं हमीदा हेड के पास खाली पड़ी जमीन, गुलाबनगर और बाडी माजरा की।

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    कचरा उठान के लिए एजेंसी को टेंडर दिया गया है। जिस पर 30 लाख खर्च होंगे। इन तीनों जगहों से कचरा उठवाकर ग्रीन हाटस्पाट के रूप में विकसित होगा। उधर, जन प्रतिनिधियों के मुताबिक यदि पहले ध्यान दिया जाता तो शायद अब कचरा उठान के लिए राशि खर्च न करनी पड़ती।

    गत वर्ष ट्विन सिटी में डोर टू डोर कचरा उठान और प्रबंधन का टेंडर क्लासिक मैन पावर व कंस्ट्रक्शन सर्विसेज के पास था। निगम एरिया को दो जोन बांटकर अलग-अलग टेंडर लगाया था। कचरा उठान व प्रबंधन का काम अधर में छोड़कर दूसरी एजेंसी को दे दिया।

    कुछ दिन बाद प्रबंधन का काम भी रोक दिया। जिससे हमीदा हेड, गुलाबनगर और बाडी माजरा में कचरे के ढेर लग गए। हालांकि यहां कचरा न डाले जाने बारे कर्मियों को बार-बार निर्देश दिए, लेकिन कचरा यहीं पर डलता रहा। अब इसे कैल स्थित सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में पहुंचाया जाएगा। यहां इसका प्रबंधन होगा।

    बनाए जाने हैं ग्रीन हाटस्पाट

    पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए जिले में ग्रीन हाटस्पाट बनाए जाने की योजना हैं। तीन ग्रीन हाटस्पाट बनाए जाने हैं। यह कैल, हमीदा हैड और तीर्थ नगर में बनाए जाएंगे। कैल में डंपिंग साइट बनाई गई है। इस साइट के बाहर पौधरोपण किया जाएगा तथा हमीदा हैड पर एक सुंदर पार्क विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार तीर्थ नगर क्षेत्र में भी हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। इसको लेकर डीसी राहुल हुड्डा संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ले चुके हैं। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह इस कार्य को पूरा करें।

    पार्षदों ने किया था विरोध जिस दौरान हमीदा हेड के पास कचरा डाला जा रहा था उसी दौरान पार्षदों ने इसका विरोध किया था। वार्ड नंबर 13 से पार्षद निर्मल चौहान ने इस बाबत सीएम को शिकायत भी भेजी थी। उनका कहना है कि यदि पहले ही यहां कचरा डालने पर रोक लगा दी जाती तो दोबारा खर्च करने की आवश्यकता न थी। कचरा उठान व निपटान का खर्च उस एजेंसी के वसूल किया जाना चाहिए जो इसके लिए जिम्मेदार है।

    पेटिशन कमेटी ने दिए थे कार्रवाई के आदेश

    डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व प्रबंधन को लेकर एजेंसी शुरू से ही सुर्खियों में रही है। पहले भी एजेंसी पर 50 लाख की पैनल्टी लगाई जा चुकी है। गत माह विधानसभा की पेटिशन कमेटी ने भी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट कैल, औरंगाबाद व हमीदा हेड का दौरा किया था। इस दौरान कमेटी के अध्यक्ष व विधायक घनश्याम दास अरोड़ा सहित 10 अन्य विधायक व्यवस्था से नाखुश थे। कचरा निपटान को लेकर कोताही बरतने वाली एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने के भी आदेश दिए गए थे। उसके बाद निगम प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया।

    यहां पश्चिमी यमुना नहर के किनारे पड़ा है कचरा

    औरंगाबाद में करीब 25 हजार टन कचरा पड़ा हुआ है। ट्विन सिटी से निकले कचरे का निपटान न किए जाने पर नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी ने एजेंसी को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। साथ ही एजेंसी की करीब छह करोड़ रुपये की पेमेंट भी रोक ली गई है। औरंगाबाद में पड़े करीब 25 हजार टन कचरे के उठान के बाद ही संबंधित एजेंसी को यह पेमेंट की जा सकती है।

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