Yamunanagar: आठ माह में केवल 73 तालाबों की सूची ही तैयार कर पाए अधिकारी, कैसे बनेंगे अमृत सरोवर
हरियाणा के यमुनानगर में केंद्र तालाबों के पुनर्जीवित के लिए सरकार ने अमृत सरोवर योजना बनाई है। अधिकारी आठ माह में केवल 73 तालाबों की सूची ही तैयार कर पाए हैं। योजना के तहत भविष्य में 490 तालाबों का सौंदर्यकरण होना है।

पोपीन पंवार, यमुनानगर: जल संरक्षण को प्रोत्साहन व ग्राम्य जनजीवन के प्रमुख केंद्र तालाबों के पुनर्जीवित के लिए सरकार ने अप्रैल माह में अमृत सरोवर योजना बनाई। अधिकारियों की सुस्ती के चलते योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। आठ माह में अधिकारी केवल 73 तालाबों की सूची ही तैयार कर पाए हैं। एक मई को चारों विधानसभा क्षेत्र में चार गांव बाकरवाल, नया गांव, बकाना व मिल्कडा के तालाबों के काम का उद्घाटन हुआ। ये तालाब 15 अगस्त तक पहले तैयार होने थे। एक का काम भी पूरा नहीं हुआ।
Yamunanagar Weather: धूप खिलने पर मिली राहत, मौसम में आया बदलाव
29 जून को नया गांव के तालाब का दौरा सीएम मनोहर लाल कर चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को तेजी से काम करने के आदेश थे। आदेशों के बाद भी काम लटका दिया गया। तालाब के हालत पहले से भी ज्यादा खराब हैं। इन तालाबों पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। 42 तालाबों पर कार्य की अनुमति मिली है। अन्य को अनुमति का इंतजार है। इस योजना के तहत भविष्य में 490 पंचायतों के तालाबों का सौंदर्यकरण होना है।
अब अधिकारियों की लापरवाही से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनका सौंदर्यकरण जल्द होने वाला नहीं है। यह कार्य पंचायत विभाग के इंजीनियर व अधिकारियों को करवाना है। वहीं पंचायत विभाग के एक्सईएन शिवकुमार भारद्वाज का कहना है कि सौंदर्यकरण के लिए कार्य चल रहा है। अभी तक किसी भी तालाब का काम पूरा नहीं हुआ। कई तालाबों का काम जल्द काम पूरा होने वाला है। तकनीकी व बरसात के कारण काम में देरी हुई हैं।
जलस्तर में सुधार लाने के लिए की घोषणा
सीएम ने सोनीपत से की थी योजना की शुरुआत जलस्तर में सुधार लगाने के लिए केंद्रीय सरकार ने योजना घोषणा की। एक मई को सीएम मनोहर लाल ने सोनीपत से प्रदेश में इसकी शुरूआत की। हर जिले में योजना के तहत 75 तालाब का चुना जाना है। अधिकारी इसकी संख्या को बढ़ा सकते हैं। तालाब में पानी रहने से जलीय जीव जंतुओं व पशुओं को पानी की कमी नहीं रहेगी। जल का भंडार होने पर खेतों में सिंचाई भी की जा सकती है। बरसात के बहाने वाले पानी भी इसमें स्टोर किया जाना है।
608 तालाब में से 29 सूख चुके जिले में 608 तालाब हैं। इनमें तालाबों में 62 तालाब ऐसे हैं, जो सूखे की जद में हैं। 67 ऐसे है। इनमें पानी तो है, लेकिन पशुओं के पीने लायक नहीं है। इसके अलावा 488 तालाब ऐसे हैं, जो गंदे पानी से भरे हैं। सूखे हुए तालाबों की सबसे अधिक संख्या रादौर खंड में है। यहां 29 तालाब सूखे हैं।
ग्रामीणों के लिए बना है ट्रैक प्राचीन धरोहर तालाब का सौंदर्यकरण व स्वरूप बचाने के साथ इसको निखारने पर काम होना है। तालाब के चारों तरफ ग्रामीणों के सैर करने के लिए ट्रैक बनेगा। किनारों पर औषधीय व 24 घंटे आक्सीजन देने वाले पौधे और हरी घास लगानी है।
Haryana News: चाइल्ड मैरिज एक्ट के दोषी को तीन साल की जेल, पड़ोस का ही रहने वाला था आरोपित
जिन गांवों में एक एकड़ से अधिक भूमि पर तालाब बने हैं। उनको योजना में शामिल किया गया है। बरसाती व गांव के पानी को तालाब में एकत्रित किया जाए। इसमें मछली पालन भी किया जा सकता। इससे रोजगार और पंचायत की आमदनी बढ़ेगी।
इन गांवों के तालाब पर होना है काम
छछरौली खंड: गांव चारु वाला, जेटहेडी, मांडखेड़ी, ताहरपुर, तुगलापुर, धर्मकोट व बलाचौर के तालाब।
खंड प्रताप नगर: बक्करवाला, कडकोली, शहजादवाला व भगेड़ी के तालाब का सौंदर्यकरण होना है।
जगाधरी: गलोली, हरिपुर जटान, कैल, काठवाड़ा, हुंडेवाला, महलांवाली रूलाखेड़ी, दुसानी, खेड़ा खुर्द, खजूरी के दो तालाब, खुर्दी, रतनगढ़, सुढैल व नया गांव।
खंड रादौर : गांव बकाना के दो तालाब, गुमथला राव के तीन तालाब, धौली, जगूड़ी, झीवरहेडी के तीन तालाब, कंड्रोली, खुर्दबन, सढुरा, संधाली के तालाब, उन्हेंडी व टोपरा के तालाब का सौंदर्यकरण होना है।
खंड सरस्वती नगर: गांव बदनपुरी, घड़ी सिकंदरा, रामगढ़, सारण के दो तालाब, बाल छप्पर के दो तालाब, भंभौली के दो तालाब, भूरे का माजरा, हंगोली, जगधौली सरकारी स्कूल, जगधौली, जानखेड़ा, कल्याणपुर, कालावड के चार तालाब, नंबदारपुर, सरस्वती नगर के चार तालाब पर काम होना है।
खंड बिलासपुर: गांव मिल्कड़ा, मुसिंबल हिंदवान, मुसिंबल मुसलमानन व पबनीखुर्द के तालाब का सौंदर्यकरण होना है।
कहां कितने तालाब सूखे
खंडकुलसूखे बिलासपुर834 छछरौली6910 जगाधरी11810 रादौर13229 साढौरा7209
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।