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    Poisonous Liquor In Yamunanagar: जहरीली शराब कांड मामले में नया खुलासा, ठेकेदारों से जेल में बात करता था गैंगस्टर मोनू राणा

    By Avneesh kumar Edited By: Deepak Saxena
    Updated: Mon, 20 Nov 2023 09:06 PM (IST)

    जहरीली शराब मामले में आए दिन खुलासे हो रहे है। पुलिस रिमांड पर लिए गए आरोपियों ने बताया कि शराब ठेकेदारों से गैंगस्टर मोनू राणा बात करता था। ऐसे में पुलिस जांच के दौरान कुरुक्षेत्र जेल के अधिकारियों से भी बातचीत कर सकती है। इसके साथ ही गैंगस्टर मोनू राणा का प्रोडक्शन रिमांड एक दिन और बढ़ा। वहीं रिमांड पूरा होने पर तीनों शराब ठेकेदार भेजे गए।

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    जहरीली शराब कांड मामले में नया खुलासा, ठेकेदारों से जेल में बात करता था गैंगस्टर मोनू राणा।

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर। जहरीली शराब कांड में गिरफ्तार किए गए शराब ठेकेदार भाटली निवासी टिंकू उर्फ सुशील कांबोज, नाचरौन निवासी अमरनाथ और गोलनी निवासी विशाल राणा का सोमवार को रिमांड पूरा हो गया। फूंसगढ़ स्थित जिस शराब ठेका से जहरीली शराब सप्लाई हुई थी, उसमें यह तीनों आरोपित हिस्सेदार हैं। आरोपितों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और बैंक डिटेल ली गई है।

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    तीनों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं, जहरीली शराब से मौतें होने के बाद बची हुई पेटियों को खेतों में जलाने में शामिल गोलनी निवासी सुधीर को भी गिरफ्तार कर लिया गया, उसे भी जेल भेज दिया गया।

    अंबाला के धनौरा स्थित फैक्ट्री से जहरीली शराब सप्लाई हुई थी। वह जेल में बंद गैंगस्टर मोनू राणा व अंबाला में गिरफ्तार अंकित उर्फ मोगली चला रहे थे। इस मामले में मोनू राणा को दो दिन के प्रोडक्शन रिमांड पर लिया गया था। उसे भी सोमवार को दोबारा कोर्ट में पेश किया गया। मोनू राणा से पूछताछ में सामने आया कि वह शराब ठेकेदारों से मोबाइल पर जेल से बात करता था, जिस मोबाइल से वह बात करता था। वह उसने जेल में ही भट्टी में जला दिया था।

    उस जगह की निशानदेही कराने के लिए पुलिस ने उसे एक दिन के और रिमांड पर लिया है। जिस बंदी के सामने उसने मोबाइल जलाया था। उससे भी पूछताछ की जानी है, ऐसे में पुलिस जांच के दौरान कुरुक्षेत्र जेल के अधिकारियों से भी बातचीत कर सकती है।

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    अवैध शराब की बिक्री बंद न करने का बनाया था दबाव

    पुलिस जांच में सामने आया कि शराब ठेकेदारों को फैक्ट्री से मिल रही नकली शराब की पेटी 545 रुपये में मिल रही थी। जिसे वह आगे खुर्दे वालों को 1100 से 1200 रुपये में बेचते थे। यह भी हिदायत दी गई थी कि फैक्ट्री से आने वाली नकली शराब की ठेके से बोतल नहीं देनी है। पूरी पेटी ही खुर्दे वाले को देनी है। दबाव बनाया गया था कि ठेके पर घाटा नहीं होना चाहिए, इसलिए जमकर अवैध शराब की बिक्री की जाए।

    शराब ठेकेदार सुशील, नाचरौन निवासी अमरनाथ, बुबका निवासी गौरव बुबका व कांग्रेस नेता मारूपुर निवासी मांगेराम ने 11 जोन के 22 ठेके छुड़वाए हुए थे, जिनका लाइसेंस धारक बरेहड़ी निवासी महेंद्र सिंह है। इन सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। जिस रिट्स कार में ठेके पर फैक्ट्री से जहरीली शराब पहुंचती थी। उसे भी पुलिस ने कब्जे में लिया है। जांच में यह भी सामने आया है कि शराब ठेका पर तीन सीसीटीवी लगे हुए थे। जो जुलाई माह से बंद पड़े थे।

    जहरीली शराब से जगमाल की गई आंखों की रोशनी

    गांव मंडेबरी निवासी जगमाल ने भी जहरीली शराब पी थी। उसे नौ नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने पर उसे पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर किया गया था। अब वह घर लौट चुका है लेकिन उसकी आंखों की रोशनी चली गई है। सोमवार को उसे भी कोर्ट में पेश किया गया। जहां जगमाल ने बताया कि वह लेंटर में सरिया बांधने का काम करता है। उसने शराब खरीदकर पी थी, उसे नहीं पता था कि यह असली है या नकली। इस शराब की वजह से उसकी आंखों की रोशनी चली गई है। जहरीली शराब की वजह से उसके जीवन में अंधेरा छा गया है।

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