हरियाणा के बच्चों को चंडीगढ़ के स्कूलों में नहीं मिलेगा दाखिला, विधानसभा अध्यक्ष ने जताई आपत्ति; जानिए पूरा मामला?
चंडीगढ़ प्रशासन (Chandigarh Administration) ने पंचकूला और मोहाली के बच्चों को नर्सरी में दाखिला देने से साफ इंकार कर दिया है। इसके बाद चंडीगढ़ और हरियाणा के बीच एक नया विवाद शुरू हो गया है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद्र गुप्ता ने शिक्षा विभाग की अधिसूचना पर आपत्ति जाहिर करते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग उठाई है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंचकूला के बच्चों को चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा स्कूलों में दाखिला नहीं दिए जाने के मामले में चंडीगढ़ व हरियाणा के बीच नया विवाद शुरू हो गया है। पंजाब पहले ही चंडीगढ़ फैसले का विरोध कर रहा है। हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने चंडीगढ़ के प्रशासक एवं पंजाब के राज्यपाल को पत्र लिखकर इस मामले में फैसला लेने की अपील की है।
चंडीगढ़ प्रशासन के स्कूलों में इस साल नर्सरी कक्षाओं में दाखिले के दौरान पंचकूला और मोहाली के बच्चों को दाखिला नहीं दिया जा रहा है। चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब की राजधानी है। इसके अलावा मोहाली, चंडीगढ़ व पंचकूला को ट्राईसिटी के रूप में चिन्हित किया गया है। इन तीनों शहरों का फोन एसटीडी कोड भी एक ही है।
शिक्षा सत्र 2024-25 में दाखिले से दिया इंकार
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए पंचकूला के बच्चों को दाखिला देने से इंकार कर दिया गया है। इस कारण हजारों की संख्या में लोग परेशान हो रहे हैं। सोमवार को हरियाणा विधानसभा के स्पीकर एवं पंचकूला के विधायक ज्ञान चंद गुप्ता ने चंडीगढ़ के प्रशासन बनवारी लाल पुरोहित को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग की अधिसूचना पर आपत्ति जताई है।
विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला वापस लेने की उठाई मांग
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग का यह निर्णय शिक्षा के अधिकार के पूरी तरह से विपरीत है। शिक्षा के अधिकार को क्षेत्रों में नहीं बांटा जाना चाहिए। इससे पंचकूला एवं मोहाली के मासूम बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन होगा। उन्होंने कहा कि पंचकूला, चंडीगढ़ एवं मोहाली एक प्रकार से स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) है।
हरियाणा एवं पंजाब की राजधानी होने के नाते चंडीगढ़ पर दोनों राज्यों का अधिकार है। इस प्रकार के निर्णय लेने से पहले बच्चों के भविष्य को लेकर भी संवेदनशीलता के साथ विचार किया जाना चाहिए था। उन्होंने यह निर्णय निरस्त करने की मांग की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।