हरियाणा में दसवीं और 12वीं का डाटा पोर्टल पर अपलोड नहीं, एग्जाम से पहले खुली अधिकारियों की नींद
हरियाणा में दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षा नजदीक है लेकिन अभी तक छात्रों का डेटा एमआइएस पर अपलोड नहीं हो पाया है। इसको लेकर संबंधित अधिकारियों की नींद अब खुली है। डेटा अपलोड नहीं हो पाने के पीछे का कारण तकनीकी खराबी है। पिछले तीन चार सालों से अध्यापक पोर्टल की त्रुटियों से परेशान हैं। क्लस्टर हेड और स्कूल मुखिया को डेटा अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर। हरियाणा बोर्ड की कक्षा 10वीं व 12वीं परीक्षाओं की तिथि नजदीक है। ऐसे में जिले में 42 सरकारी स्कूलों के 2452 विद्यार्थियों का डाटा एमआइएस पोर्टल पर अपडेट नहीं हुआ है।
फाइन आर्ट, संस्कृत,उर्दू,संगीत,राजनीति शास्त्र,पंजाबी और ड्रॉइंग वाले ऐच्छिक विषय के छात्रों व अध्यापकों के सामने संकट गहरा सकता है। अब परीक्षा से ऐन वक्त पहले अधिकारियों की आंखें नींद से खुली है।
छात्रों की हर तरह की जानकारी एमआइएस पोर्टल पर की जाती है अपडेट, डेटा अपलोड न होने का मुख्य कारण तकनीकी खामियां हैं
एमआइएस पोर्टल पर छात्रों की हर प्रकार की जानकारी अपलोड की जाती है ताकि छात्रों के बारे में पूरी जानकारी विभाग के पास रहे।
एमआइएस पोर्टल पर छात्रों का डाटा अपलोड नहीं होने की मुख्य वजह तकनीकी खामियां बताई जा रहीं हैं क्योंकि बीते तीन से चार साल में एमआइएस पोर्टल की त्रुटियों ने शिक्षकों को परेशान कर रखा है।
यहां तक की निदेशालय की आइटी सेल भी एमआइएस पोर्टल पर आई तकनीकी खामियों का स्थायी समाधान करने में हमेशा से ही नाकाम साबित हुई है जिसके चलते कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों को भी समाधान करने की कमान खंड स्तर पर सौंपी गई थी लेकिन यह योजना भी ज्यादा काम नहीं आई। नतीजतन आज तक शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक एमआइएस पोर्टल पर आई तकनीकी खामियों से जूझ रहे हैं।
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जिला शिक्षा अधिकारी ने खंड के सभी बीओ को जारी किया पत्र
जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र चौधरी की तरफ से अब खंड के सभी बीईओ को पत्र जारी किया गया है। जिसमें खंड अनुसार ऐसे स्कूलों की लिस्ट जारी की गई है जिनमें ऐच्छिक विषय एमआइएस पोर्टल पर अपडेट नहीं है और न ही विद्यार्थी पोर्टल पर अपलोड है। क्लस्टर हेड व स्कूल मुखिया को आदेश दिए हैं कि वह एमआइएस पोर्टल पर ऐच्छिक विषय व उनमें विद्यार्थियों का डाटा अपलोड करें।
अन्यथा परीक्षाओं में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं विभागीय जानकारों की माने तो अगर डाटा एमआइएस पोर्टल पर अपडेट नहीं है तो जिले में कितने सरकारी स्कूलों में ऐच्छिक विषय चल रहे हैं। इनमें कितने विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। किस ऐच्छिक विषयों के कितने विद्यार्थी हैं, कितने प्रश्नपत्र छपवाने होंगे और कितने स्कूलों के कमरों में सीट की व्यवस्था करानी है इस बारे में जानकारी शिक्षा विभाग को नहीं हो पाएगी। इससे परीक्षा का संचालन कराने वालों के सामने मुसीबत हो गई है।
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