सोनीपत: रंजिश में लगाई तूड़े की ट्रॉली में आग, कार्रवाई से बचने के लिए रची खुद के अपहरण की साजिश
सोनीपत में एक व्यक्ति ने पुरानी रंजिश के चलते तूड़े की ट्रॉली में आग लगा दी। पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए उसने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची। पुलिस ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गोहाना। दो दिन पहले तूड़ा व्यापारी से मारपीट कर अपहरण करने की घटना का पुलिस ने पटाक्षेप कर दिया। अब चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है। व्यापारी ने कहासुनी की रंजिश में दूसरे व्यापारी की तूड़े से भरी ट्राॅली में आग लगाई थी। पुलिस को जब इसका इनपुट मिला तो कार्रवाई से बचने के लिए उसने खुद के अपहरण का षड्यंत्र रच डाला। पुलिस ने उसे पानीपत से वापस लौटते समय दबोच लिया। उसके साथ आग लगाने की घटना में शामिल उसका साथी भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
गांव खंदराई के नानक का बेटा अशोक तूड़ा खरीदकर आगे बेचता है। नानक ने मंगलवार को पुलिस को बताया था कि उसके बेटे का जींद रोड स्थित गांव नूरनखेड़ा के पास चार-पांच युवकों ने मारपीट करके अपहरण कर लिया। जब स्वजन मौके पर पहुंचे थे तो वहां पर नहर किनारे अशोक की बाइक खड़ी मिली, जबकि दूसरी तरफ उसकी जैकेट पड़ी थी। वहां अशोक नहीं मिला था। नानक की शिकायत पर बरोदा थाना में केस दर्ज किया गया।
पुलिस ने इस घटनाक्रम की बड़े स्तर पर जांच की और डाग स्क्वायड की टीम की भी मदद ली। पुलिस को इनपुट मिला था कि अशोक व उसके साथी अक्षय ने कुछ दिन पहले गांव बड़ौता के निकट दूसरे व्यापारी की तूड़े से भरी ट्राॅली में आग लगाई थी। उसे पुलिस कार्रवाई का पता लगा तो अपहरण का षड्यंत्र रचा।
पुलिस को बुधवार देर शाम सूचना मिली कि अशोक बस में पानीपत से गोहाना की तरफ आ रहा है। एसीपी राहुल देव ने पुलिस टीम के साथ उसे काबू करके पूछताछ की। तब उसने सच उगल दिया। अशोक ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने खुद अपनी बाइक व जैकेट गिराई थी, जबकि किसी ने अपहरण नहीं किया था। इसके बाद वह पानीपत की तरफ चला गया था। पुलिस ने आग लगाने की घटना में अशोक व उसके गांव के साथी अक्षय को गिरफ्तार किया।
दूसरे व्यापारी ने भी दर्ज कराया केस
गांव खंदराई का तूड़ा व्यापारी वीरेंद्र बुधवार को सदर थाना में शिकायत लेकर पहुंचा। उसने पुलिस को बताया कि वह 16 दिसंबर को करनाल के गांव कुंदलान से ट्रैक्टर-ट्राॅली में तूड़ा भरकर लाया था। उसने ट्राॅली को गांव बड़ौता में पेट्रोल पंप के निकट सर्विस लाइन में खड़ा किया था। अगले दिन उसे पता चला कि तूड़े से भरी ट्राॅली में आग लग गई।
उसे शक था कि किसी ने आग लगाई है। उसने पुलिस को सूचना देने के साथ अपने स्तर पर भी आग लगाने वाले व्यक्तियों की तलाश शुरू कर दी। आसपास के क्षेत्र में सीसीटीवी की फुटेज देखने पर पता चला कि अशोक व उसके साथी ने तूड़े से भरी ट्राॅली में आग लगाई थी। वीरेंद्र की शिकायत पर केस दर्ज किया गया।
इस रंजिश में लगाई थी आग
लगभग पांच माह पहले वीरेंद्र और अशोक के पिता नानक के बीच गांव में कहासुनी हुई थी। अशोक तब से वीरेंद्र से रंजिश रखे हुए था और बदला लेना चाहता था। वीरेंद्र को नुकसान पहुंचने के लिए ही उसकी तूड़े से भरी ट्राॅली में आग लगाई थी।
"पुलिस ने सच्चाई सामने लाने के लिए दिन-रात मेहनत की। पुलिस कार्रवाई से बचने को अशोक ने अपहरण का षड्यंत्र रचा था। उसने अपने साथी के साथ दूसरे व्यापारी की तूड़े से भरी ट्राॅली में आग लगाई थी, जिस पर उसे लगभग 10 लाख का नुकसान हुआ था। अगर इस तरह से कोई षड्यंत्र रचेगा तो कड़ी कार्रवाई होगी।"
-भारती डबास, डीसीपी, गोहाना
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