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    न जली पराली और नही ही पटाखे, फिर भी एक ही रात में बिगड़ गई हवा की सेहत

    By Jagran NewsEdited By: Versha Singh
    Updated: Sat, 15 Oct 2022 03:03 PM (IST)

    जिले की हवा की सेहत एक रात में ही बिगड़ गई। इस दौरान न तो पराली जलाई गई है और न ही पटाखे चले हैं। इसके बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक में तीन गुना की बढ़ोतरी हुई। इससे हवा जहरीली हो गई है।

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    एक ही रात में बिगड़ गई हवा की सेहत

    जागरण संवाददाता, सोनीपत : जिले की हवा की सेहत एक रात में ही बिगड़ गई। इस दौरान न तो पराली जलाई गई है और न ही पटाखे चले हैं। उसके बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक में तीन गुना की बढ़ोतरी हो गई। इससे हवा जहरीली हो गई है। खुली हवा में सांस लेना घातक हो सकता है।

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    वहीं, विशेषज्ञों ने लोगों को घरों से बाहर निकलते समय मास्क लगाने की सलाह दी है। अब दीपावली तक हवा की गुणवत्ता और खराब होती रहेगी। दीपावली के बाद क्षेत्र में स्माग छाने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। अभी तक जिले में पराली जलाने की मात्र दो घटनाएं ही सामने आई हैं, जबकि 15 अक्टूबर, 2021 तक सोनीपत में 14 स्थानों पर पराली जलाई गई थी। पराली नहीं जलने का कारण अफसरों द्वारा जलाए गए जागरूकता अभियान और वर्षा हो जाने से पराली के गीला होने व धान की कटाई में देरी को माना जा रहा है। कई दिन तक बारिश होने से पिछले दिनों जिले की हवा की शुद्धता आदर्श स्थिति पर पहुंच गई थी। जिले का एक्यूआइ 28 रिकार्ड किया गया था।

    प्रदूषण विभाग के मानकों के अनुसार एक्यूआइ के 50 पीपीएम को सामान्य माना जाता है। इसका स्तर 150 से ज्यादा होना सेहत के लिए खतरनाक की श्रेणी में आ जाता है।जिले का एक्यूआई शुक्रवार को 56 रिकार्ड किया गया था। यह हवा में शुद्ध व सेहतमंद होने का प्रतीक है। वहीं शनिवार को जिले का एक्यूआइ 160 पीपीएम पर पहुंच गया।

    यह सेहत के लिए खतरनाक की श्रेणी में है। इसका मुख्य कारण तापमान में कमी को माना जा रहा है। तापमान कम होने से धरती के पास की हवाएं ऊपर नहीं उठ पाती हैं। ठंडी हवा भारी होने से धरती के आसपास ही जमा रहती है। उसके चलते हवा के साथ धूल, धुआं और रसायनों के कण भी धरती के आसपास के वायुमंडल में छा जाते हैं। इनके कारण ही प्रदूषण बढ़ता है और स्माग छाने जैसी स्थिति बनने लगती है। अभी तापमान में कमी होने, पराली जलाए जाने और दीपावली पर आतिशबाजी होने से प्रदूषण का स्तर बढ़ने का पूर्वानुमान जारी किया जा रहा है।

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    नवीन गुलिया, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी, सोनीपत ने बताया कि मानक 14 अक्टूबर 15 अक्टूबर एक्यूआइ 56 160पीएम-10 110 232पीएम-2.5 109 94न्यूनतम तापमान- 22 18। हवा की स्थिति खराब होने लगी है। प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। तापमान की कमी का प्रभाव वातावरण पर दिखने लगा है। अब लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। घरों से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें।