Haryana Crime: केबल आपरेटर से जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह बना जठेड़ी, 7 राज्यों की पुलिस को थी तलाश
सोनीपत के जठेड़ी गांव के सीधे-सादे संदीप को कुख्यात काला जठेड़ी बनने में मात्र 12 साल का वक्त लगा। उसने पहली लूट और हत्या 2009 में रोहतक में की थी। एक बार जरायम की दुनिया में कदमताल शुरू की तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

सोनीपत, जागरण संवाददाता। सोनीपत के जठेड़ी गांव के सीधे-सादे संदीप को कुख्यात काला जठेड़ी बनने में मात्र 12 साल का वक्त लगा। उसने पहली लूट और हत्या 2009 में रोहतक में की थी। एक बार जरायम की दुनिया में कदमताल शुरू की तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह अलग-अलग क्षेत्रों और राज्यों में वहां के गैंग से हाथ मिलाकर अपनी ताकत बढ़ाता रहा। उसके गैंग के खिलाफ रामकरण बैंयापुर और मोनू लल्हेड़ी गैंग भी एकजुट हुए, लेकिन 200 से ज्यादा शूटर वाला लारेंस विश्नोई गैंग अपराध जगत में आगे बढ़ता गया। पुलिस को दर्जनों हत्या, लूट, रंगदारी और पुलिस मुठभेड़ जैसे मामलों में उसकी तलाश थी। उसके गुर्गों ने हरियाणा पुलिस को यह तक पता नहीं लगने दिया कि वह देश में है या विदेश भाग गया है।
सात राज्यों की पुलिस को थी तलाश
दिल्ली पुलिस के हाथ लगे संदीप उर्फ काला जठेड़ी की तलाश सात राज्यों की पुलिस को थी। उसकी गिरफ्तारी का सबसे ज्यादा दबाव हरियाणा पुलिस पर था। यहीं की पुलिस से जठेड़ी गैंग के गुर्गों ने उसको फरवरी में पुलिस की जेल वैन पर हमला करके छ़ड़वाया था। पुलिस को गुमराह करने के लिए जठेड़ी के गुर्गों ने ही उसके विदेश भाग जाने की अफवाह फैला दी। पुलिस को आशंका थी कि वह दुबई, मलेशिया या थाईलैंड में रहकर गैंग को आपरेट कर रहा है। सोनीपत पुलिस को भी उसकी कई मामलों में तलाश थी। लारेंस विश्नोई के जेल जाने के बाद उसके गैंग की कमान राजू बसौदी संभाल रहा था। वहीं फरवरी में राजू बसौदी के गिरफ्तार होने पर काला जठेड़ी ने गैंग का संचालन संभाल लिया था।
केबल आपरेटर से बना कुख्यात गैंगस्टर
जिले में केबल आपरेटर का कारोबार करने वाले संदीप जठेड़ी ने अपनी दूसरी आपराधिक वारदात गोहाना में की थी। सोनीपत सहित हरियाणा के कारोबारियों और ठेकेदारों से वसूली का धंधा जठेड़ी के गुर्गें चला रहा थे। एक-दो बार क्षेत्र में उसकी सक्रियता की भी अफवाह उड़ी, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं आया। पुलिस का मानना था कि जठेड़ी का आपराधिक साथी दिल्ली का कपिल सांगवाल आजकल इंग्लैंड में रहकर अपना गैंग आपरेट कर रहा है, ऐसे में जठेड़ी भी विदेश चला गया होगा। खनन के धंधे से जुड़े लोगों ने कई बार पुलिस अपसरों से जठेड़ी गैंग के सक्रिय होने की शिकायत की थी।
हर घटना बताती थी गैंग का पता
रंगदारी देने में आनाकानी करने पर चेतावनी देकर गोली मारकर घायल करना और लोगों को भयभीत करने के लिए वारदातों की जिम्मेदारी लेना जठेड़ी गैंग की पहचान थी। गैंग की कमान लारेंस विश्नोई, राजू बसौदी या काला जठेड़ी किसी के हाथ में रही हो, अपराध करने का तरीका एक जैसा ही रहा। हत्या करने की घटना में जहां 15 से 25-30 तक गोली मारी जातीं, तो पुलिस अधिकारी समझ जाते कि वारदात को अंजाम इसी गैंग ने दिया होगा। यह गैंग कई बार अपने खिलाफ खड़े होने वाले गवाहों को भी उतनी ही बेरहमी से मारता था। धमकी, रंगदारी, फायरिंग, लूट, हत्या, गिरफ्तारी और फरारी काला जठेड़ी के लिए खेल बन गया था।
दिल्ली मेरठ में बढ़ी सक्रियता
काला जठेड़ी गैंग की सक्रियता पिछले दो-तीन साल से दिल्ली व मेरठ क्षेत्र में बढ़ी है। दिल्ली के कारोबारियों और व्यापारियों को निशाना बनाने के साथ ही कई वारदात में जठेड़ी के गुर्गें गिरफ्तार हुए हैं। पुलिस से बचने के लिए यह मेरठ-सहारनपुर क्षेत्र का चयन करते। दिल्ली पुलिस ने जहां काला जठेड़ी को सहारनपुर से पकड़ा है, वहीं तीन सप्ताह पहले मोनू लल्हेड़ी भी मेरठ से गिरफ्तार किया गया।
बदल लिया हुलिया
काला जठेड़ी ने बाल और दाढ़ी बढ़ा लिए थे। माना जा रहा है कि सरदार का रूप बनाकर विदेश भागने की फिराक में था। उससे पहले राजू बसौदी भी सरकार का रूप बनाकर ही विदेश भागा था। इनके लिए फर्जी पासपोर्ट पंजाब से तैयार किए जाते थे। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि जठेड़ी के मौजूदा लुक को देखकर यही लग रहा है कि वह विदेश भागने के लिए रूप बदलने की तैयारी कर रहा था।
हरियाणा पुलिस का था सात लाख का इनाम
काला जठेड़ी पर हरियाणा से ही सात लाख का ईनाम रखा गया था। पांच लाख रुपये का ईनाम अाइजी एसटीएफ ने घोषित किया हुआ था, जबकि दो लाख रुपया फरीदाबाद पुलिस ने रखा था। सोनीपत पुलिस की वह मोस्ट वांटेड सूची में था। वहीं सोनीपत में होने वाली कई आपराधिक वारदातों में जठेड़ी-बसौंदी गैंग का नाम आता रहता है।
संदीफ उर्फ काला जठेड़ी इन मामलों में रहा नामजद
- दिल्ली के बादली में 30 सितंबर 2004 चोरी का मुकदमा दर्ज हुआ
- दिल्ली में 19 जनवरी 2007 को हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ
- रोहतक के सांपला में 18 जून 2009 को जानलेवा हमला व हत्या का मुकदमा
- सोनीपत के गोहाना में 18 जनवरी 2010 को हत्या का मुकदमा
- रोहतक के सांपला में 13 मई 2010 को हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ
- सोनीपत के राई में 26 नवंबर, 2010 को जानलेवा हमला व हत्या का मुकदमा
- दिल्ली के रोहिणी में 2011 अवैध हथियार व धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ
- दिल्ली-बेगमपुर, 24 फरवरी 2011 को धारा 382, 482 का मुकदमा दर्ज हुआ
- सोनीपत के कुंडली में 22 अप्रैल 2011 को जानलेवा हमला
- कैथल में नौ मई, 2011 - धमकी देना, हमला करना
- सोनीपत के राई में 15 जुलाई, 2011 को डकैती
- सोनीपत के राई, 25 जुलाई 2011 को लूट का मुकदमा
- रोहतक के सांपला में 13 दिसंबर 2012 को हत्या
- जींद के जुलाना में 27 फरवरी 2012 को हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ
- दिल्ली के बेगुमपुर में नौ मार्च 2012 को लूट का मुकदमा
- दिल्ली के नरेला में 10 मार्च 2012 को लूट, मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ
- झज्जर के बहादुरगढ़ में 10 मार्च 2012 को जानलेवा हमला व हत्या का मुकदमा
- झज्जर के सदर थाना में 13 जून 2012 को धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ
- सोनीपत के सदर थाना में आठ अप्रैल 2013 को हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ
- सांपला रोहतक में 13 नवंबर 2017 को हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ
- रोहतक के सांपला में 28 अप्रैल 2018 को हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ

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