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    सोनीपत में जियो फेंसिंग के खिलाफ स्वास्थ्यकर्मियों का हल्ला बोल, काले बिल्ले लगाकर जताया विरोध

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 06:36 PM (IST)

    सोनीपत में जियो फेंसिंग आधारित उपस्थिति प्रणाली के विरोध में कर्मचारी तालमेल कमेटी ने प्रदर्शन किया। स्वास्थ्य कर्मियों ने काले बिल्ले लगाकर अव्यवहारिक प्रणाली को निरस्त करने की मांग की। उन्होंने तीन अगस्त तक आदेश वापस लेने की चेतावनी दी अन्यथा कार्य बहिष्कार की घोषणा की। कमेटी ने कहा कि यह प्रणाली सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है और निजता भंग करती है।

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    जियो फेंसिंग के खिलाफ स्वास्थ्यकर्मियों ने काले बिल्ले लगाकर जताया विरोध। जागरण

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। जियो फेंसिंग आधारित उपस्थिति प्रणाली के विरोध में प्रदेश स्तरीय कर्मचारी तालमेल कमेटी के आह्वान पर सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। जिला नागरिक अस्पताल समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों, नर्सिग अधिकारी व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने काले बिल्ले लगाकर विरोध प्रकट किया। उन्होंंने अव्यवहारिक और गैरकानूनी जियो फेंसिंग आधारित उपस्थिति प्रणाली तुरन्त निरस्त करने की मांग की।

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    सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन

    स्वास्थ्य विभाग अधिकारी-कर्मचारी तालमेल कमेटी के जिला संयोजक डा. नितिन फलस्वाल ने बताया कि यह आंदोलन प्रदेश के हर जिले में सफल रहा। उन्होंने कहा कि जब पहले से ही कर्मचारी बायोमैट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, तो जियो फेंसिंग जैसी निजता भंग करने वाली प्रणाली लागू करना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन है।

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    एक घंटे का कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी

    तालमेल कमेटी के प्रदेश स्तरीय नेताओं डॉ. राजेश ख्यालिया, शर्मिला देवी, अमित बुरा, जगदीप सिंह, डॉ. कपिल शर्मा, विनिता बांगड़, रविन्द्र मलिक, राममेहर वर्मा, हरिराज, रमेश दूहन व राजेन्द्र सिंह ने तीन अगस्त तक यह आदेश वापस नहीं लेने की स्थिति में चार अगस्त को राज्य भर के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में एक घंटे का कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी। साथ ही, गेट मीटिंग कर सरकार को ज्ञापन भी सौंपने को निर्णल लिया है।

    आंदोलन तेज करने की रणनीति

    कमेटी ने चेताया कि यदि इसके बाद भी सरकार ने मांगे नहीं की तो 10 अगस्त को अगली बैठक में आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि आठ जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा जा चुका है और मंत्री ने आश्वासन दिया था कि किसी भी अधिकारी या कर्मी को इस प्रणाली के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके कुछ अधिकारी टकराव की स्थिति पैदा कर रहे हैं।

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