बॉलीवुड से लेकर गैंगवार तक: देशभर की संगीन वारदातों में आ रहा सोनीपत का नाम, विदेशी गैंग के निशाने पर युवा
सोनीपत हाल ही में अपराध के कारण चर्चा में है खासकर दिशा पटानी के घर पर हुई फायरिंग के मामले में। पहले भी कई अपराधों में सोनीपत के अपराधियों के नाम सामने आए हैं। युवा अपराध की दुनिया में नाम कमाने के लिए जान जोखिम में डाल रहे हैं। पुलिस के अनुसार कुछ युवा विदेशी गैंगस्टरों के इशारे पर काम कर रहे हैं जिससे अपराध का ट्रेंड बदल रहा है।

दीपक गिजवाल, सोनीपत। हाल ही में बाॅलीवुड एक्ट्रेस दिशा पटानी के घर फायरिंग मामले में सोनीपत का नाम उछल रहा है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब दूसरे राज्यों में हुए बड़े अपराधों में सोनीपत का नाम आया है। पिछले कुछ वर्षों में सिद्धू मूसेवाला, गोगी जैसे कई हत्याकांडों में भी सोनीपत के अपराधियों के नाम उभरे हैं। गोगी हत्याकांड में सोनीपत के कामी गांव के जयदीप को पुलिस ने कोर्ट परिसर में ही मार गिराया था जबकि दिशा पटानी के घर फायरिंग केस में शहर की मयूर विहार कॉलोनी के अरुण को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। वहीं, राजपुर के अनिल की रेकी करने के मामले में गिरफ्तारी हुई है।
विदेशी गैंग्स्टरों की बन रहे कठपुतली
सोनीपत युवा अपराध में सक्रिय हो रहे हैं और अपने नाम कमाने की चाह में जान की बाजी लगाने से नहीं हिचकिचा रहे। मामले की जांच में सामने आ रहा है कि विदेश में बैठे गैंग्सटर रोहित गोदारा के इशारे पर दिशा पटानी के घर फायरिंग की गई थी। पुलिस अधिकारी इस बात से भी चिंतित हैं कि क्षेत्र के युवा अपराध को सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के इशारों पर अंजाम दे रहे हैं। ऐसे युवा विदेशी गैंग्स्टरों की कठपुतली बनकर क्षेत्र में अपराध का ट्रेंड बदल सकते हैं।
दिल्ली के गैंग्स्टर का रहा हाथ
दिल्ली एनसीआर में शामिल सोनीपत जिले में कभी राजधानी में बैठे गैंगस्टर की हुकूमत चलती थी। सैकड़ों युवा इनके इशारों पर जान देने को तैयार रहते थे। नब्बे के दशक में जब कृष्ण पहलवान और बलराज के बीच गैंगवार शुरू हुई तो सोनीपत के युवा उनसे जुड़े थे। दिल्ली के गैंग्स्टर से प्रेरित होकर सोनीपत के युवा अपनी खुद की गैंग खड़ी करने लगे। हालांकि, ऊपरी तौर पर दिल्ली के गैंग्स्टर का ही हाथ उनके सिर पर रहा।
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मनमुताबिक काम करवा रहे
संदीप चिटाना ने तो दिल्ली में जाकर नीरज बवाना गैंग को चुनौती दी थी। उस वक्त संदीप चिटाना नीतू दाबोदिया गैंग का शॉर्प शूटर हुआ करता था। एक एनकाउंटर में मारे जाने के बाद गैंग के सदस्य विक्की चिटाना, विकास दूधिया हरियाणा में गैंग को बढ़ाने लगे। तीन दशक बाद भी यहीं ट्रेंड जारी है। जिले के युवा छोटे-मोटे झगड़े या जमीन के विवाद में गैंग की शरण में पहुंच रहे है। फिर विदेशों में बैठे गैंग के आका युवाओं को अपने मनमुताबिक काम करवा रहे हैं।
कई गांवों के युवा अपराध की राह
क्षेत्र के पेशेवर अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं और नए युवा अपराध जगत में दाखिल हो रहे हैं। इसका कारण गैंग सरगना का जेल से सब खेल चलाना माना जा रहा है। जिले के कई गांवों के युवक अपराध की तरफ गए और आपराधिक वारदातों में मिल रहे हैं। यह अपराधी हत्या, लूट और डकैती तक की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
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दूर-दूर तक करते रहे वारदात
करीब दो दशक में इन गांवों से लगातार ऐसे कई अपराधी निकले हैं, जिन्होंने न केवल सोनीपत में, बल्कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान में भी अपराध किए। खरखौदा थाना के गांव रोहणा व बरोणा का नाम शामिल है। राई थाना के गांव जठेड़ी, नाहरा, बसौदी, पलड़ा शामिल हैं। मोहाना थाना के गांव चिटाना, करेवड़ी, जुआं शामिल हैं। गन्नौर थाने के गांव पांची, पुगथला, राजपुर। सदर थाना क्षेत्र का गांव कामी, बैंयापुर, गोहाना से बुटाना और भैंसवाल शामिल हैं।
गैंग का हो रहा है अंतरराष्ट्रीय गठजोड़
एक दशक से जिले के युवाओं का झुकाव पंजाब की गैंग की तरफ होने लगा। इसी का परिणाम है कि जिले में काला जठेडी, राजू बसौदी, अक्षय पलड़ा जैसे अपराधी पैदा हो गए। अक्षय पलडा तो परिवार के साथ हुए झगड़े के बाद 15 साल की उम्र में ही अपराध जगत में उतर गया। गांव के ही व्यक्ति की हत्या के बाद बाल सुधार गृह भेजा गया। बाद में कई अन्य मामलों में उलझता चला गया।
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कबूले थे 25 वारदात
करीब तीन साल पहले पंजाब में अक्षय की गिरफ्तारी हुई तो पुलिस अधिकारी भी उसके कारनामे सुनकर अचंभित रह गए। उस वक्त 19 साल के रहे अक्षय पलड़ा ने 15 हत्याओं में शामिल रहने के साथ ही करीब 25 वारदात कबूल की थी। इसमें से कई हत्या की वारदात तो अक्षय ने लारेंस बिश्नोई गैंग के सहयोगी संपत नेहरा के साथ मिलकर की थी।
आतंकवादियों के इशारे पर अपराध
जिले में अपराध का ट्रेंड बदलने लगा है। पुलिस अधिकारी यहां तक अंदेशा जता रहे हैं कि पंजाब और अन्य राज्यों की गैंग के साथ जुड़कर युवा विदेशी ताकतों की हाथ की कठपुतली तक बन सकते हैं। पंजाब की कई गैंग का पाकिस्तानी कनेक्शन अधिकारियों की इस चिंता को वाजिब भी ठहराता है। सोनीपत में तीन साल पहले जुआं गांव से तीन हैंडलर गिरफ्तार हुए थे। वह आतंकवादियों के इशारे पर अपराध कर रहे थे।
चकाचौंध देख फंस रहे दलदल में
"युवा वर्ग भौतिकवाद की चकाचौंध में आकर अपराध जगत के दलदल में फंसता जा रहा है। जनता से भी अपील है कि उन्हें कहीं इस बारे में जानकारी मिलती है तो नजदीकी थाना पुलिस को या 112 नंबर पर इसकी सूचना देकर पुलिस की मदद करें।"
-वसीम अकरम, एसपी, एसटीएफ
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