अवैध होर्डिंग और बैनर-पोस्टर से अटा शहर, निगम के अधिकारी क्यों आंखें मूंदे बैठे?
सोनीपत में नगर निगम क्षेत्र अवैध होर्डिंग और बैनर-पोस्टर से अटा पड़ा है जिसकी निगम को कोई चिंता नहीं है। राजनीतिक और व्यावसायिक होर्डिंग हर जगह लगे हैं जिससे शहर बदरंग हो रहा है। निगम ने नई होर्डिंग नीति बनाई है लेकिन लापरवाही के कारण होर्डिंग माफिया फायदा उठा रहे हैं। अवैध विज्ञापन करने वालों ने बिजली के खंभों तक को नहीं छोड़ा है।

जागरण संवाददाता, सोनीपत। सोनीपत में नगर निगम क्षेत्र अवैध होर्डिंग और बैनर-पोस्टर से अटा हुआ है। नगर निगम को इसकी कोई चिंता नहीं है। राजनीतिक और व्यावसायिक होर्डिंग मुख्य मार्गों से लेकर गली-मोहल्लों तक में होर्डिंग्स बोर्ड लगाए हैं।
इससे प्रशासन के आदेश की धज्जियां उड़ रहीं हैं, लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है। सियासत चमकाने की होड़ में राजनीतिक और संगठनों के लोग शहर को बदरंग कर रहे हैं। होर्डिंग नीति के प्रविधानों को दरकिनार कर ये लोग जगह-जगह होर्डिंग और पोस्टर लगा रहे हैं।
हालात यह है कि सरकारी जगहों पर भी धड़ल्ले से फ्लैक्स व होर्डिंग्स लग रहे हैं। बगैर तय मापदंड के लगे होर्डिंग आंधी में या तेज हवा में गिर जाते हैं, जिससे लोग घायल हो रहे हैं। वाहन भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। घरों और प्रतिष्ठानों की छतों पर लगे होर्डिंग पड़ोस में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बन रहे है।
नगर निगम ने शहर में विज्ञापन होर्डिंग्स के लिए नई नीति बनाई है। जिसके तहत नई साइटों को चिह्नित किया गया है। इन साइटों में से 48 को नीलाम किया गया है। जिससे निगम को लगभग 2.49 करोड़ की अतिरिक्त वार्षिक आय हुई है।
निगम का लक्ष्य इस वित्तीय वर्ष में विज्ञापन से छह करोड़ की आय प्राप्त करना है, लेकिन नगर निगम की लापरवाही का फायदा होर्डिंग माफिया उठा रहा है जो जब चाहे जहां चाहे होर्डिंग लगा रहे हैं। बिना खर्च किए विज्ञापन करने वालों ने जहां मन आया, वहीं होर्डिंग लगा दिए।
पीडब्ल्यूडी व नगर निगम द्वारा लगाए गए दिशासूचक बोर्ड को भी विज्ञापन करने वालों ने नहीं छोड़ा है। अवैध तरीके से विज्ञापन करने वालों ने बिजली के खंभों को भी नहीं छोड़ा है। बिजली के कई खंभों पर अवैध तरीके से विज्ञापन के होर्डिंग लटके हैं।
विज्ञापन-होर्डिंग्स के लिए पंजीकरण जरूरी
किसी व्यावसायिक प्रतिष्ठान व अन्य प्रापर्टी पर दो फीसदी से ज्यादा क्षेत्र में होर्डिंग्स हैं तो उनके लिए पंजीकरण बहुत जरूरी है। इसके लिए पोर्टल ulb.project247.in पर पंजीकरण किया जा सकता है। साथ ही पोर्टल पर मंजूरी के लिए जमा करने के लिए राशि भी तय कर रखी है। इसके बाद नगर निगम की ओर से 30 दिन के अंदर मंजूरी दी जाती है।
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छह वर्ष की सजा, 10 हजार रुपये जुर्माने का है प्रविधान
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के द हरियाणा प्रीविंसन आफ डिपार्टमेंट आफ प्रापर्टी आफ एक्ट-1989 के तहत सजा और जुर्माने का प्रविधान है। अवैध तौर पर सड़कों के किनारे, सरकारी संपत्ति और प्रतिबंधित स्थानों पर बैनर होर्डिंग लगाने पर 10 हजार रुपये जुर्माना और छह वर्ष की सजा हो सकती। यहां तक कि निजी संपत्ति पर भी बिना अनुमति के होर्डिंग पोस्टर लगाने पर कार्रवाई का प्रविधान हैं। यदि कोई किसी की निजी प्रापर्टी पर विज्ञापन लगाता है तो मालिक की शिकायत पर कार्रवाई हो सकती है।
बिना अनुमति के कहीं भी होर्डिंग्स बोर्ड या अन्य किसी तरह का विज्ञापन नहीं लगाया जा सकता। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर कानून का सहारा भी लिया जाएगा। - अजय निराला, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम
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