Hockey Asia Cup 2025: एशिया कप में सोनीपत के अभिषेक का जलवा, बने प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट
सोनीपत के अभिषेक ने हॉकी एशिया कप में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने टूर्नामेंट में छह गोल किए और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीता। कजाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने चार गोल किए और चीन के खिलाफ दो गोल कर टीम को जीत दिलाई। 2022 में फ्रांस के खिलाफ़ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण किया था। उनकी इस उपलब्धि से सोनीपत में खुशी का माहौल है।

सोनीपत, जागरण संवाददाता। हॉकी एशिया कप के फाइनल मुकाबले में इंडियन टीम ने कोरिया को पराजित किया है। एशिया कप में सोनीपत के अभिषेक ने अपना जलवा दिखाया है। उन्होंने टूर्नामेंट में छह गोल कर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब पर कब्जा किया। इसे लेकर हॉकी प्रेमियों में खुशी की लहर है।
कजाकिस्तान के खिलाफ चार गोल कर 15-0 से अभिषेक के सिर पर जीत का सेहरा बंधा था। वहीं, चीन के खिलाफ दो गोल कर जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
वर्ष 2022 में फ्रांस के खिलाफ मैच से अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पर्दापण किया था। दो साल से बेस्ट फारवर्ड पर कब्जा कर हॉकी टीम के सबसे आक्रामक खिलाड़ी के रूप में अभिषेक ने अपनी पहचान बनाई है। अभिषेक की उपलब्धि से सोनीपत की मयूर विहार की गली नंबर 25 में स्थित उनके घर पर खुशी का माहौल है।
अभिषेक विकट परिस्थितियों में टीम के लिए संकटमोचक साबित हो रहे हैं। पिछले कई अंतरराष्ट्रीय मैचों में अभिषेक ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए शानदार प्रदर्शन किया है। अभिषेक को विरोधी टीम की डी में जाकर आक्रामक हमलों के लिए जाना जाता है।
टीम के कप्तान का अभिषेक पर भरोसा बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि कई पेनल्टी शूटआउट में अभिषेक चुनौतियों पर खरे उतरे हैं। टीम में बतौर मिडफील्डर खेलते हैं। अभिषेक अपनी अटैकिंग हॉकी के लिए जाने जाते हैं
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चुनौतियों पर उतरे खरे
हॉकी टीम के कप्तान का अभिषेक पर भरोसा बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि कई पेनल्टी शूटआउट में अभिषेक चुनौतियों पर खरे उतरे। भारतीय हॉकी टीम में शहर के मयूर विहार की गली नंबर-25 के रहने वाले अभिषेक नैन बतौर मिडफील्डर खेलते हैं। दो साल पहले ही अभिषेक ने फ्रांस के खिलाफ मैच में डेब्यू किया था। इसके बाद अभिषेक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
नौ साल की उम्र में शुरू की थी हॉकी
अभिषेक की मां सूरत ने बताया कि अभिषेक जब नौ साल का था तो वह सोनीपत के सीआरजेड स्कूल में खेलने जाता था। वहां उसे हॉकी पसंद आ गया और उसने वहां पर हॉकी स्टिक थाम ली थी। वह जब छठवीं में पढ़ते थे तब जामुन के पेड़ से गिरने से उनकी कलाई में गहरी चोट आई थी।
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