हरियाणा सरकार का प्रयास, गर्मियों में दक्षिण हरियाणा की प्यास बुझाएगी पश्चिमी यमुना नहर
इस बार दक्षिण हरियाणा के लोगों को गर्मी में पानी की किल्लत नहीं होने दी जाएगी। हरियाणा सरकार के प्रयास से संभव होगा। हरियाणा सरकार ने फैसला लिया है कि दक्षिण हरियाणा के लिए पश्चिमी यमुना नहर को पानी मिला।

करनाल, [यशपाल वर्मा]। प्रदेश सरकार के प्रयास से इस बार गर्मियों के सीजन में दक्षिण हरियाणा के जिलों को पश्चिमी यमुना नहर से लबालब पानी मिलेगा। किसानों के लिए यह बड़ी सौगात साबित होगी। प्रदेश में सिंचाई परियोजनाओं में बेहद महत्वपूर्ण इस नहर के लिए 202 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया गया है। गर्मियों में पानी की अत्याधिक मांग को देखते हुए नहर में पानी के बहाव को बढ़ाया गया है। नहर का 11,500 क्यूसेक से बढ़ाकर 13 हजार 300 क्यूसेक पानी के बहाव का काम पूरा हो चुका है ताकि किसानों को सिंचाई के लिए तरसना न पड़े।
पांच नहरों के लिए निकलता है पानी
पश्चिमी यमुना कैनाल नहर इंद्री में हथनीकुंड बैराज से अलग होती है और करनाल से होते हुए मूनक हेड से जुड़ती है। यहां से हांसी ब्रांच, गोहाना डिस्ट्रीब्यूटरी, सीएलसी (केरियर लिंक चेनल), पीडीबी (पैरलल दिल्ली ब्रांच), रिफायनरी चेनल के लिए पानी का बहाव होता है।
खुबड़ू हेड से दिल्ली और दक्षिण हरियाणा के लिए पानी छोड़ा जाता है। इंद्री से मूनक हेड तक डब्ल्यूजेसी के चौड़ीकरण का कार्य फरवरी-2018 में शुरू किया गया था। 49 किलोमीटर के निर्माण में धार, फॉल, हेड रेगुलेटर, ब्रिज बनाए गए हैं और किनारों पर पत्थर डालकर पक्का किया गया है। साथ ही सतलुज यमुना लिंक और एनबीके (नरवाना ब्रांच कैनाल) का करनाल में लिंक होता है, जिस पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च करके पत्थर बिछाकर किनारे मजबूत किए गए हैं।
मानसून में खेतों में जलभराव से बचाव
पश्चिमी यमुना नहर के चौड़ीकरण के दौरान लाइनिंग को मजबूत किया गया है। योजना के मद्देनजर ध्यान रखा गया है कि बरसात के दिनों में नहर के कटाव होने से जलभराव से किसानों की फसलों को नुकसान न हो। यहां बताना होगा कि वर्ष-2018 में सैकड़ों एकड़ खड़ी फसलों और आवासीय क्षेत्रों में पानी जमा हो गया था। जलभराव से इंद्री के खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ था। रिहायशी इलाकों में भी ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ी थी। सरकार ने ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए नहर की मुरम्मत व चौड़ीकरण के आदेश दिए। सिंचाई विभाग की ओर से योजना के दौरान बरसात के दिनों में कटाव होने वाले कमजोर हिस्सों को चयनित कर मजबूत किया है।
रेत माफिया पर कसेगा शिकंजा
उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा मानसून से पूर्व यमुना नदी पर बाढ़ नियंत्रण से जुड़े करीब डेढ दर्जन समयबद्ध कार्यों को पूरा किया गया है। कोविड-19 महामारी के बावजूद काम में तेजी लाई गई। नहरी विभाग के एसडीओ करनैल सिंह ने बताया कि डब्ल्यूजेसी ब्रांच नहर के चौड़ीकरण से 13,300 क्यूसेक पानी का बहाव हो सकेगा और दक्षिण हरियाणा में पानी में कमी नहीं आएगी। निर्माण के दौरान जहां बहाव और कटाव होने वाली जगह को चिन्हित किया जा रहा है वहीं रेत की चोरी रोकने पर भी ध्यान दिया गया है।
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