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    हरियाणा का एक गांव ऐसा भी, जहां हर युवा को है सेना मेें भर्ती का नशा

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 04 Mar 2021 08:44 AM (IST)

    वैसे तो हरियाणा के ज्‍यादातर गांवों से सेना के लिए युवा भर्ती होते रहते हैैं। लेकिन जींद के बड़ौदी के युवाओं में एक अलग तरह का नशा है। सेना में भर्ती का नशा उनके सिर चढ़कर बोलता है। गांव के हर घर से फौज में युवा नौकरी कर रहे।

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    गांव मेें सेना भर्ती की तैयारी करते युवा।

    जींद, [प्रदीप घोघडि़यां]। जींद के बड़ौदी गांव के युवाओं को एक अलग ही नशा है। यह नशा है सेना में भर्ती का। सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का नशा गांव के युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। गांव में शायद ही कोई घर ऐसा हो जिस घर का एक बेटा आर्मी में न हो। 3500 की आबादी वाले बड़ौदी गांव में 150 से ज्यादा युवा आर्मी में भर्ती हो चुके हैं। कई घर तो ऐसे हैं, जिनमें दो युवा हैं और दोनों ही सेना में देश सेवा कर रहे हैं।

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    जींद-नरवाना नेशनल हाईवे पर झांझ कलां से लिंक रोड जाता है गांव बड़ौदी की तरफ। सुबह और शाम को गांव के बाहर बने खेल स्टेडियम में युवा रेस लगाते देखे जा सकते हैं। गांव के युवाओं को सेना में भर्ती होने का जुनून है। इस जुनून को हासिल करने की खातिर ही युवा स्टेडियम पर बने ट्रैक पर सुबह-शाम पसीना बहाते हैं। अगर भर्ती नजदीक हो तो, दिन में तीन बार भी लगाते देखे जा सकते हैं।

    150 से ज्यादा युवा आर्मी में

    बड़ौदी गांव की आबादी करीब 3500 है और गांव में करीब 1700 मतदाता हैं। औसत निकाली जाए तो हर घर से एक युवा आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा कर रहा है। 150 से ज्यादा युवा आर्मी में भर्ती हो चुके हैं, जिनमें से करीब 30 सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसके अलावा दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस में भी 15 युवा सर्विस कर रहे हैं। गांव के बाहर खाली पड़ी जमीन पर रेस के लिए ट्रैक बनाया गया है, जिसके रख-रखाव के लिए जो युवा आर्मी में लगे हैं, वह सहयोग करते हैं।

    Army recruitment

    हर भर्ती में गांव के एक-दो युवा बनतें हैं फौजी : दीपक

    बड़ौदी गांव के दीपक चहल ने बताया कि जितनी भी आर्मी की भर्तियां होती हैं, हर भर्ती से गांव का एक-दो युवा फौजी बनकर निकल रहा है। इससे पहले हुई भर्ती में तीन युवा आर्मी में लगे थे। दीपक ने बताया कि कुछ घर तो ऐसे भी हैं, जिनमें दो-दो युवा आर्मी में नौकरी कर रहे हैं। गांव के युवा 10वीं के बाद ही रेस शुरू कर देते हैं, ताकि आर्मी में जाने का उनका सपना पूरा हो सके।

    जूनियर कमांडिंग आफिसर के पद तक पहुंचे गांव के युवा

    गांव के शमशेर सिंह चहल आर्मी में भर्ती होकर जेसीओ (जूनियर कमा‍ंडिंग ऑफिसर) के पदों तक पहुंच चुके हैं। गांव के कर्मपाल उर्फ हनुमान ने करीब 20 बार आर्मी की रेस क्लीयर करने के बाद आर्मी की नौकरी हासिल की। कई और ऐसे युवा हैं, जो अपने जुनून के दम पर आर्मी की नौकरी हासिल कर चुके हैं।

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