महिला सशक्तिकरण की अजब मिसाल, कोरोना काल में दिखाया ऐसा जज्बा, हर कोई कर रहा सलाम
International Womens Day 2021 करनाल की डॉक्टर रंजना। किसी पहचान की मोहताज नहीं। स्वयंसिद्धा हैं डा. रंजना। कोरोना काल में महिलाओं को हेल्दी सलाह दी। सैनेटरी पैड बांटे। महिलाओं में स्वास्थ्य रक्षा की अलख जगा रहीं हैं। करनाल के 80 स्कूलों में सैनेटरी नेपकिन मशीन भी लगवा चुकी हैं।
करनाल, जेएनएन। International Women's Day 2021 : स्वयंसिद्धा सोसायटी की अध्यक्ष डा. रंजना शर्मा सही मायने में स्वस्थ समाज की परिकल्पना साकार कर रही हैं। उनका फोकस उन महिलाओं पर है, जो विभिन्न कारणों से अपने स्वास्थ्य की भलीभांति देखभाल नहीं कर पातीं। इसे लेकर बेहद संवेदनशील डा. रंजना ने कोरोना काल में महिलाओं को न केवल ऑनलाइन और आफलाइन मोड पर हर वर्ग की महिलाओं से संपर्क साधकर उन्हें अपने विशेष कार्यक्रम हेल्दी सलाह के जरिए बहुपयोगी टिप्स दिए बल्कि मलिन बस्तियों की महिलाओं तक पर्याप्त सैनेटरी पैड भी पहुंचाए। वह करनाल के 80 स्कूलों में सैनेटरी नेपकिन मशीन भी लगवा चुकी हैं। कन्या शिक्षा व उनके बेहतर स्वास्थ्य को लेकर बेहद सजग डा. रंजना निर्धन परिवारों की बेटियों को स्कूल लाने के लिए अपनी टीम के साथ अनवरत सक्रिय हैं।
डा. रंजना कोरोना काल में दिन-रात सक्रिय रहीं। वह बरसों से महिला सशक्तिकरण को लेकर सजगता से कार्य कर रही हैं। पिछले 31 साल से समाजसेवा में सक्रिय डा. रंजना ने अपनी संस्था के बैनर तले कई प्रोजेक्ट चलाए। इसमें कन्या शिक्षा व स्वास्थ्य रक्षा को लेकर अभियान अहम रहे हैं। उन्होंने प्रशासन के सहयोग से करनाल ब्लाक के 80 स्कूलों में सैनेटरी नैपकिन मशीन की स्थापना करवाई तो कोरोना काल में ही मलिन बस्तियों तक पर्याप्त मात्रा में सैनेटरी पैड पहुंचाए।
यहां बसी महिलाओं को स्वच्छता के प्रति बखूबी जागरूक किया ताकि वे न तो खुद संक्रमण की चपेट में आएं और न इसकी संवाहक बनें। स्वास्थ्य क्षेत्र में इस अतुलनीय योगदान को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें हरियाणा मेडिकल काउंसिल की सदस्य मनोनीत किया वह गांव दर गांव स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगाती रही हैं। खासकर महिलाओं को अनिमिया के प्रति जागरूक करने के लिए काम करती हैं। 1996 में परिवार नियोजन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य पर उन्हें तत्कालीन राज्यपाल ने सम्मानित किया था।
नहीं बदले महिलाओं के हालात
डा. रंजना कहती हैं कि महिलाओं के हालात आज भी नहीं बदले हैं। उन्हें घर के अंदर और बाहर शोषण का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बिखरते परिवारों को बचाने के लिए वह हेल्दी सलाह कार्यक्रम चलाती हैं। इसी नाम से उनकी वेबसाइट भी है, जिसके जरिए वह एक हजार से ज्यादा दंपतियों को हेल्दी सलाह दे चुकी हैं। उनकी काउंसङ्क्षलग से कई बिखरते परिवार बस गए तो पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर होने वाला मनमुटाव भी हमेशा के लिए दूर हो गया। खास बात यह है कि वह बच्चों की बेहतर परवरिश को लेकर भी स्वजनों को टिप्स देती हैं। ताकि बदलते दौर में बच्चे अपने संस्कारों से जुड़े रहें और साथ ही नशे से दूर रहें। निर्धन परिवारों की बेटियों को स्कूल लाने के लिए वह टीम के साथ सतत सक्रिय हैं। पार्क अस्पताल में बतौर अधीक्षक सेवारत डा. रंजना महिला सशक्तिकरण की अलख भी बखूबी जगा रही हैं।
मलिन बस्तियों में ज्ञान का उजाला
डा. रंजना शर्मा शुरू से ही निर्धन परिवारों तक ज्ञान का उजाला पहुंचाने के लिए कृत संकल्प थीं। लखनऊ के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने रेडक्रास के साथ जुड़कर कार्य किया। उन्होंने मलिन बस्तियों में जाकर कन्याओं को शिक्षा के साथ जोड़ा। स्वजनों को कन्या शिक्षा के प्रति जागरूक किया और ड्राप आउट बच्चों का स्कूल में दाखिला सुनिश्चित करवाया। यह सिलसिला आज भी जारी है।
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