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राहत की खबर, आयुष चिकित्सा पद्धति को आयुष्मान योजना में शामिल करने की तैयारी

आयुष्‍मान कार्ड धारकों के लिए राहत की खबर है। जल्‍द ही आयुष चिकित्सा पद्धति को आयुष्मान योजना में शामिल किया जा सकता है। इससे आयुष चिकित्सा पद्धति से भी इलाज करा सकेंगे। इसके तहत आयुर्वेदिक यूनानी होम्योपैथी नेचुरोपैथी और योग शामिल होगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 25 Mar 2021 04:59 PM (IST)Updated: Thu, 25 Mar 2021 04:59 PM (IST)
राहत की खबर, आयुष चिकित्सा पद्धति को आयुष्मान योजना में शामिल करने की तैयारी
आयुष्‍मान भारत योजना में आयुष चिकित्‍सा पद्धति।

यमुनानगर, जेएनएन। आयुष्मान योजना के पात्रों का अब आयुष चिकित्सा पद्धति से भी इलाज हाेगा। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने  इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी और योग के माध्यम से भी पात्रों को इलाज की सुविधा दिए जाने की तैयारी की जा रही है। कोरोना काल में संक्रमित मरीजों के उपचार में आयुर्वेद काफी कारगर रहा।

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संक्रमित मरीजों को आयुष विभाग की ओर से काढ़ा व अन्य देसी दवाईयां वितरित की गई। जिसके सुखद परिणाम मिले। ऐसे में केंद्र सरकार ने आयुर्वेद में आयुष्मान पात्रों को जोड़ने का निर्णय लिया है। आयुष्मान योजना में चार लाख 24 हजार 50 पात्र जिले में हैं। इनके कार्ड बनाए जा रहे हैं। अभी तक एक लाख 75 हजार पात्रों तक ही पहुंच सका है। इस योजना के पात्र पांच लाख रुपये तक का इलाज निशुल्क करा सकते हैं।

पुरातन पद्धति के प्रति बढ़ा लोगों में विश्वास

कोरोना काल में पुरातन पद्धति में लोगों का विश्वास बढ़ा। सरकार भी इसी दिशा में प्रयास कर रही है। जिससे पुरातन पद्धति फिर से लोगों के बीच में पहुंचे। बहुत सी ऐसी बीमारियां है, जिनका इलाज एलोपैथी में नहीं है। उनका उपचार आयुर्वेद में संभव हुआ है। जिला आयुष अधिकारी डा. विनोद पुंडीर ने बताया कि कोरोना काल में आयुर्वेद पद्धति काफी कारगर साबित हुई है। संक्रमितों के साथ साथ 7300 लोगों की इम्यूनिटी बुस्टर पिलाया गया। वहीं लगभी 10 हजार लोगों को योग के माध्यम से निरोग रहना सिखाया गया।

योग चिकित्सक डा. शिव कुमार ने बताया कि आयुर्वेद एक पुरातन पद्धति है, जिससे साधु-संत अब भी कारगर इलाज करते हैं। योगा करने से सैंकड़ों बीमारियों का सफाया हो जाता है। सरकार द्वारा य‌ह निर्णय बहुत अच्छा है। इससे लोगों पर आयुर्वेद पद्धति पर और विश्वास बढ़ेगा।

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