दिल्ली के आनंदा योगाश्रम के अध्यक्ष को 1.30 करोड़ दान देने के लिए पानीपत बुलाया, 22.25 लाख ठगे
दिल्ली के आनंदा योगाश्रम के अध्यक्ष स्वामी गणेशानंद को सवा करोड़ रुपये दान देने का झांसा देकर पानीपत में बुलाया गया। इसके बाद आरोपित नकली नोट छापकर आश्रम को देने लगे। स्वामी ने इन्कार किया तो मारपीट की। उनसे रुपये लूट लिए।
पानीपत, जेएनएन। नई दिल्ली के आनंदा योगाश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी गणेशानंद को पहले 1.30 करोड़ रुपये का दान (सीएसआर फंड) देने का झांसा देकर पानीपत में बुलाया। फिर यहां से करनाल ले गए। वहां बंधक बनाकर पीटा और 22.55 लाख रुपये ठग लिए।
आरोपितों ने नकली नोट छापे। यही नोट ट्रस्ट को देने की बात कही। गणेशानंद ने ये रुपये लेने से इन्कार करते हुए अपने रुपये मांगे। रुपये नहीं मिले तो आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी। थाना शहर पुलिस ने पति-पत्नी सहित पांच आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि गणेशानंद का कहना है कि अपहरण, लूट और मारपीट की धारा भी केस में लगनी चाहिए।
इन लोगों के खिलाफ दी शिकायत
कालका जी तुगलकाबाद एक्सटेंशन में रहने वाले स्वामी गणेशानंद ने एसपी को शिकायत दी कि अंजू प्रकाश, उसके पति चमन प्रकाश, भतीजा पवन, जगवीर और बलजीत ने उनकी संस्था आनंदा योगाश्रम ट्रस्ट को 1.30 करोड़ रुपये कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड में देने का वादा किया। उन्हें पानीपत बुलाया। आरोपितों ने नकद और चेक के रूप में 22.55 लाख रुपये ले लिए।
करनाल ले गए
करनाल सीएचडी कालोनी के फ्लैट नंबर ओबी 180 में ले गए। वहां पर आरोपित नकली नोट छापने लगे। उन्हें कहा कि ये रुपये छापकर आपकी संस्था को देंगे। उन्होंने कहा कि ये देशद्रोह है। वह नकली नोट नहीं लेंगे। आरोपितों ने गाली-गलौज कर मारपीट की और 22.55 लाख रुपये लूट लिये। धमकी दी कि पुलिस को शिकायत दी तो उन्हें व स्वजनों को जान से मार देंगे।
आत्महत्या की कोशिश की
इस वारदात के बाद वह डिप्रेशन में आ गए। आत्महत्या की कोशिश की। स्वजनों ने उन्हें समझाया। 8 फरवरी 2021 को उन्हें सिटी हर्ट होटल में बुलाया। होटल में उन्होंने अंजू पर रुपये लौटाने का दबाव बनाया। कुछ देर बार थाना शहर प्रभारी आए। अंजू के साथ उन्हें, उनकी पत्नी व भाई को थाने ले गए। अंजू प्रकाश ने लिखित में 20 लाख रुपये एसआइ रणवीर के सामने देने को कुबूल कर लिए पर रुपये दिए नहीं।
घर बेचकर रुपये दिए थे
स्वामी गणेशानंद ने बताया कि वे चार भाई हैं। उन्होंने अपने हिस्से की जगह बेचकर ठगों को ये राशि दी थी। कोरोना काल में उन्होंने काफी समाजसेवा की। सीएसआर फंड से राशि आती तो उसे भी समाज की सेवा में ही लगाते। पर उनका अपना घर ही बिक गया। अब वे किराये पर रहने को मजबूर हैं। उन्हें बताया गया था कि फंड देने वाले लोग बिल्डर हैं। उनके पुराने जानकार ने इन ठगों से मिलवाया था। इसी कारण वह ठगों के जाल में फंस गए।
अनिल विज के कहने पर दर्ज हुआ केस
उन्होंने पानीपत पुलिस को शिकायत दी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसपी से भी मिले। इसके बाद हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज से मुलाकात की। उनके निर्देश पर एफआइआर दर्ज हुई है।
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