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हरियाणा के युवा ने नौकरी छोड़़ रिस्‍क उठाया, ट्रेनिंग ली और शुरू की डेयरी फार्मिंग, अब लाखों कमा रहे

नौकरी छोड़़ने के बाद बिजनेस का रिस्‍क उठाया। डेयरी फार्मिंग के लिए विभाग में जाकर ट्रेनिंग भी ली। अब पशु पालक गुरविंद्र सिंह गाय डेयरी फार्मिंग से लाखों कमा रहे। रोजाना 500 लीटर दूध से कमाई कर रहे। ढ़ाई लाख के करीब प्रतिमाह कमाई है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 08:51 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 08:51 AM (IST)
पशु पालक गुरविंद्र सिंह गाय डेयरी फार्मिंग से लाखों कमा रहे।

पानीपत/कैथल, [सोनू थुआ]। लकीर से हटकर जिसने भी काम किया, उसे कामयाबी जरूरी मिली। अध्यापक की प्राइवेट नौकरी में जब मन नहीं लगा तो दुसैन के किसान गुरविंद्र ने नौकरी छोड़ दी। उन्होंने अपने गांव में ही गाय की डेयरी फार्मिंग करने की ठानी, क्योंकि उनके मन में गाय पालन करने की इच्छा जगी। गाय सेवा के साथ उन्होंने इसी बिजनेस में किस्मत आजमाने का फैसला भी लिया।

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पशुपालक गुरविंद्र सिंह बताते हैं कि उन्होंने पशुपालन विभाग के सहयोग से डेयरी फार्मिंग की ट्रेनिंग ली और मार्च 2005 में पांच गायों के साथ एक एकड़ जमीन पर डेयरी फार्म शुरू कर दिया। गुरविंद्र बताते हैं कि जब डेयरी फार्म खोला तो रिश्तेदार ही नहीं पड़ोसियों ने उसकी काफी आलोचना की, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और अपना काम जारी रखा। आज डेयरी फार्मिंग से 500 लीटर दूध का उत्पादन कर ढ़ाई लाख रुपये के करीब पैसा प्रतिमाह कमा रहे हैं।

500 लीटर दूध का उत्पादन होता है डेयरी फार्म से

गुरविंद्र  के डेयरी फार्म में आज रोजाना 500 लीटर दूध का उत्पादन होता है, जबकि सर्दियों के समय में दूध का उत्पादन 400 लीटर प्रतिदिन तक पहुंच जाता है। गुरविंद्र बताते है कि वो अपने फार्म में गायों की काफी देखभाल करते हैं। गाय को क्या खिलाना है, कब खिलाना है उसका पूरा ध्यान रखा जाता है। गायों के लिए हरा चारा वो अपने खेत में ही उगाते हैं साथ ही गायों के लिए दाना भी खुद तैयार करवाते हैं।

ये रहती है गायों की खुराक

गाय के दाने में सरसों की खली, बिनौला, सोयाबीन, मक्का, गेहूं, मिनरल मिक्सर समेत 17 चीजें मिलाते हैं। इस दाने को खाने से जहां गाय सेहतमंद रहते हैं वहीं दुग्ध का उत्पादन भी बढ़ जाता है। गाय के स्वास्थ्य की देखभाल पर भी खासा ध्यान देते हैं। सरकारी अस्पताल के चिकित्सक से संपर्क में तो  रहते हैं। पशुओं को रखने के लिए काफी बड़े क्षेत्र में शेड बना हुआ है, उन्होंने बताया कि पशुओं को सिर्फ मिल्किंग और चारा खिलाने के लिए बांधा जाता है बाकी वक्त गाय और भैंस पूरे फार्म में खुले घूमते रहते हैं।

पशु पालक गुरविंद्र बताते हैं कि उनके फार्म में औसतन 500 लीटर दूध का रोजाना उत्पादन होता है। डायरी फार्म से ही दूध बिक जाता है। बेचने जाने की जरूरत नहीं है। अलग- अलग जगह पर कई हलवाइयों से संपर्क करते हुए दूध सप्लाई किया जाता है। कुछ दूध वह सीधे ग्राहकों को उनके घरों तक पहुंचाते हैं। गुरविंद्र के डेयरी फार्म में 60 गाय है। जिनका रोजाना 500 लीटर दूध होता है। बाजार में  गाय का दूध 40 रुपये प्रति लीटर बिकता है। उसके मुताबिक हर महीने करीब दो से ढाई लाख रुपये की खर्च निकाल कर आमदनी हो रही है। अपने फार्म पर पांच लोगों को रोजगार भी दिया हुआ है।

गुरविंद्र अपने फार्म में सिर्फ दूध का उत्पादन नहीं करते बल्कि गाय की नस्ल सुधारने के काम भी लगे हुए हैं। उन्होंने एचएफ गायों का पालन किया हुआ है। एचएफ नस्ल की बछड़ी भी तैयार कर रहे हैं, जो कुछ दिनों में दूध देने योग्य हो जाएंगी।

गुरविंद्र  का कहना है कि आज बाजार में शुद्ध दूध की कमी है, लोग शुद्ध दूध की कुछ भी कीमत देने को तैयार है वे चाहते हैं कि वो लोगों को शुद्ध और मिलावट रहित दूध उपलब्ध कराएं। अपने फार्म से अच्छा दूध तैयार कर रहे है, ताकि वो कम से कम कीमत में लोगों को अच्छा दूध उपलब्ध हो सकें।

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