farmer's Tractor Parade: रैली को लेकर बढ़ी पुलिस की मुश्किलें, हरियाणा के CM मनोहर लाल ले रहे पल-पल का फीडबैक
farmers Tractor Parade दिल्ली के लिए किसान संगठनों के नेता ट्रैक्टरों पर निकल पड़े हैं। हरियाणा में कानून व्यवस्था को बनाए रखना पुलिस के लिए चुनौती भरा है। सीएम मनोहर लाल पल पल की जानकारी लेकर फीडबैक केंद्र को दे रहे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। farmer's Tractor Parade: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में होने वाली किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर हरियाणा पुलिस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिए हैं कि ट्रैक्टर रैली को रोकने के लिए पुलिस को कोई गाइडलाइन जारी न की जाए, लेकिन साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए हरसंभव इंतजाम करने को कहा है। हरियाणा सरकार की चिंता है कि जो ट्रैक्टर दिल्ली मार्च कर रहे हैं, वह यदि रास्ते में खराब हो गए तो उन्हें कैसे ठीक कराया जाएगा। इन खराब ट्रैक्टरों की वजह से न केवल सड़कों पर, बल्कि दिल्ली में भी जाम के हालात पैदा हो सकते हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने विभागीय अधिकारियों से फीडबैक हासिल करने के बाद लगातार केंद्र को रिपोर्ट दे रहे हैं। खुफिया एजेंसियों ने सरकार को सूचना दी है कि ट्रैक्टरों को दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोकना किसी सूरत में उचित नहीं होगा। उनकी चिंता है कि यदि ट्रैक्टर दिल्ली में घुस गए और वहां उनमें किसी तरह की खराबी आती है अथवा किसान वापस नहीं लौटते, तब उस स्थिति में सरकार के सामने किस तरह के विकल्प होंगे।
किसान आंदोलन का पूरा संचालन किसान संगठनों की संयुक्त समन्वय समिति के हाथों में हैं। इस समन्वय समिति में सात सदस्य हैं। भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी कांग्रेस व आप तथा शिव कुमार कक्का भाजपा की विचारधारा के किसान नेता हैं। बाकी पांच सदस्य कम्युनिस्ट-वामपंथी विचारधारा के पक्षधर हैं, इसलिए खुफिया एजेंसियों ने सरकार को रिपोर्ट दी है कि यह आंदोलन पूरी तरह से वामपंथी विचारधारा के हाथों में है, जिसको कांग्रेस का समर्थन मिल रहा है।
केंद्र सरकार और किसानों के बीच एक दर्जन दौर की वार्ताएं विफल हो चुकी हैं। केंद्र सरकार ने भी दो टूक कह दिया कि वह तीन कृषि कानूनों को डेढ़ या दो साल से ज्यादा नहीं रोक सकती। इस पर किसान संगठन राजी नहीं हैं। किसान संगठन चाहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला नया कानून बनाया जाना चाहिए। किसानों की इस जिद के आगे पूरा देश असहाय महसूस कर रहा है।
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर होने वाली ट्रैक्टर रैली के लिए किसानों ने बकायदा नए ट्रैक्टर खरीदे हैं। इनमें वह ट्रैक्टर भी शामिल हैं, जो घेर से खेत तक ही सामान व घास आदी की ढुलाई में इस्तेमाल किए जाते थे, मगर इन ट्रैक्टरों को भी कई-कई सौ किलोमीटर लंबी दूरी करने के बाद दिल्ली की सीमा तक पहुंचाने की तैयारी हैं। इस ट्रैक्टर रैली की वजह से सड़क किनारे कारोबार करने वाले लोग अपने घरों को यह कहते हुए लौट गए कि अब उनके पास काम धंधा नहीं है। सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि यदि इतनी मात्रा में दिल्ली में घुसे ट्रैक्टर वापस नहीं निकले तो न जाने कितने दिनों तक दिल्ली को बंधक बनाकर रखा जा सकता है।
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