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कैथल के अध्‍यापक ने कोरोना काल में घर में तैयार कर दी पौधों की नर्सरी, बांट भी रहे घर-घर

कैथल के रहने वाले अध्‍यापक राकेश कुमार ने कोरोना काल में घर में ही पौधों की नर्सरी तैयार कर दी। छत पर ही नर्सरी में करीब दो हजार पौधे तैयार किए हैं। लोगों को घर में जाकर भी पौधे बांट रहे हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 04:33 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 04:33 PM (IST)
कैथल के अध्‍यापक ने कोरोना काल में घर में तैयार कर दी पौधों की नर्सरी, बांट भी रहे घर-घर
अध्यापक राकेश कुमार अपनी घर की छत पर नर्सरी तैयार कर रहे।

कैथल, जेएनएन। ढांड निवासी अध्यापक राकेश कुमार अपनी घर की छत पर कोरोना काल से ऑक्सीजन देने वाले पौधों की नर्सरी तैयार कर रहे है। वे बताते है कि कोरोना संक्रमण के चलते कोविड मरीजों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन की किल्लत होने लगी है। तो उनके मन में इस किल्लत को दूर करने के लिए ऑक्सीजन देने वाले पौधे तैयार करने की मन में इच्छा जगी है। तभी से घर की छत पर पौधे तैयार करने शुरू कर दिए।

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बताते है कि नर्सरियों में पौधे कम पड़ने लगे है तो उन्होंने अपने घर की छत पर ही नर्सरी बना ली और पौधे तैयार करने में जुट गए। वहीं तैयार होने के बाद अपनी मोटरसाइकिल पर रखकर आसपास के क्षेत्र में खाली पड़े स्थान पर पौधे लगाने पहुंच जाते है। पौधे लगाने के बाद उनकी अच्छी तरह देखभाल भी करते है। पौधे सूखे न उनमें सुबह शाम पानी का विशेष प्रबंध रखते है। उनकी बेटी भी इस काम में पिता का साथ दे रही है।

Kaithal

कोरोना काल में 100 घरों में बांट चुके हैं पौधे

राकेश बताते है कि जब से कोरोना बीमारी शुरू हुई है, तभी से उन्होंने खुद ऑक्सीजन पौधे लगाने के साथ ही घर की छत पर पौधे तैयार करने शुरू कर दिए थे। गांव में 100 लोगों को वितरित कर चुके है। उनका कहना है कि कई बार लोग पौधे लगाना चाहते हैं, लेकिन वे इसके लिए नर्सरी तक की दूरी तय नहीं कर पाते। उनके दिमाग में यह बात आई और फिर उन्होंने सोचा कि अगर लोगों को घर पर ही पौधे उपलब्ध करा दिए जाएं तो लगाने के साथ ही उनकी देखभाल भी वे अच्छी तरह होगी और हम वातावरण को बचाने में भी कामयाब हो जाएंगे। कोरोना बीमारी से छूटकारा मिल जाएगा।

अब तक दो हजार पौधे कर चुके हैं तैयार

कोरोना काल के समय से अब तक राकेश कुमार घर पर दो हजार पौधे तैयार कर विभिन्न जगहों पर लगा चुके है। ढांड बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मंदिर, पंचायत घर, श्मशान घाट, स्कूल व सरकारी कार्यालय में पौधे लगाएं है। ताकि ऑक्सीजन की कमी न रहे। लोगों को बीमारी से बचाया जा सकें। वहीं पौधों को तैयार करते समय देशी खाद का प्रयोग कर रहे है। सुबह व शाम को पौधों में पानी डालते है। इससे पहले भी अध्यापक जिस जगह पर ड्यूटी देते है। वहां पर बच्चों से पौधे लगवाते है। पर्यावरण संरक्षण में भी प्रहरी बने हुए है।   

ये पौधे करते हैं तैयार

राकेश अपने घर की छत पर तुलसी, नीम, बरगद, शहतूत, अमरूद, जामुन, अशोक, पीपल व नीम इत्यादि के पौधे तैयार कर रहे है। इनमें से बरगद, पीपल व नीम के पौधे सबसे ज्यादा सार्वजनिक स्थानों पर लगाएं है।

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