पोलिस्टर और कॉटन यार्न के दाम में भारी उछाल, सकते में कपड़ा उद्योग
पोलिस्टर और कॉटन यार्न की कीमतों में 15 दिनों के दौरान भारी वृद्धि हो गई है। इससे पावरलूम उद्यमी अब उत्पादन में कटौती करने पर मजबूर हो रहे हैं।
पानीपत [महावीर गोयल]। पोलिस्टर और कॉटन यार्न की कीमतों में 15 दिनों के दौरान भारी वृद्धि हो गई है। तैयार माल का भाव न बढ़ने और कच्चे माल में लगातार वृद्धि से पावरलूम उद्यमी अब उत्पादन में कटौती करने पर मजबूर हो रहे हैं। इससे श्रमिकों के समक्ष रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। गुड एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद से पोलिस्टर यार्न की कीमतें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं।
यार्न स्पिनर्स का कहना है कि कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) और कच्चे माल में लगातार बढ़ोतरी होने के कारण यार्न के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं। पोलिस्टर यार्न में दो से तीन रुपये प्रति किलोग्राम तक की तेजी आ चुकी है।
पानीपत में 10 लाख मीटर कपड़ा बनता है हर रोज
टेक्सटाइल नगरी पानीपत में हर रोज 10 लाख मीटर कपड़ा बनता है। शटल लैस तथा एयरजेट मशीनों में पोलिस्टर का कपड़ा बनता है। जो थ्री-डी चादर, पर्दे के कपड़े, सोफा कवर सहित होम फर्निशिंग के उत्पाद बनाने के काम आता है। फिलहाल मिलों में पुराना स्टाक बचा है। जिस कारण मिलें चल रही हैं।
कॉटन यार्न के फाइन काउंट (अच्छी क्वालिटी) महंगे
दस दिनों में कॉटन यार्न के फाइन काउंट में 10 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी देखने को मिल रही है। रुई का एक्सपोर्ट खुलने के कारण दामों में बढ़ोतरी होने से कॉटन यार्न में 10 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी चल रही है। निर्यात ऑर्डर कम होने के कारण निर्यातक परेशान हैं। धागे के दामों में हुई वृद्धि से और अधिक परेशानी बढ़ गई है। घरेलू मार्केट में भी उठान नहीं है।
यार्न व्यवसायी विनोद खंडेलवाल का कहना है। इसी प्रकार की वृद्धि रही तो उद्योगों को नुकसान उठाना पड़ेगा। निर्यातक रमेश वर्मा का कहना है। कॉटन यार्न में भयंकर तेजी से परेशानी बढ़ गई है। पहले ही निर्यात के आर्डर कम हैं। भाव में अस्थिरता के कारण अन्य देशों को मुकाबले हमारा निर्यात उद्योग पिछड़ रहा है।
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