Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    HUDA का उद्योगों पर सितम, 16 साल बाद भी नहीं दिया नहरी पानी Panipat News

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 26 Jun 2019 07:20 PM (IST)

    सेक्टर के उद्योगों को 16 साल बाद भी नहरी पानी नहीं मिल पाया। ऐसे में उद्योगों को भूजल पानी पर ही निर्भर होना पड़ रहा है। वहीं लगातार भूजल स्तर गिरना चिंताजनक है।

    HUDA का उद्योगों पर सितम, 16 साल बाद भी नहीं दिया नहरी पानी Panipat News

    पानीपत, [महावीर गोयल]। 2003 में रंगाई उद्योगों के लिए स्थापित किए गए सेक्टर 29 पार्ट 2 में 16 साल बीतने के बाद भी नहरी पानी उपलब्ध नहीं हो सका। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हशविप्रा) को यह पानी उपलब्ध करवाना है। उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद छह साल पहले नहरी पानी देने का प्रयास किया गया। तब पानी के आते ही सेक्टर में बिछाई गई पाइप लाइन जगह-जगह से फट गई। फिर से उद्योगों को उनके अपने हाल पर छोड़ दिया गया। उद्योगों को भूजल पर ही निर्भर होना पड़ा। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दो माह पूर्व फिर से हशविप्रा ने नहरी पानी शुरू किया है लेकिन पूरे सेक्टर में पाइप लाइन बिछाने का काम अभी पूरा नहीं किया जा सका। इस कारण उद्योगों को नहरी पानी नहीं मिल पा रहा। 

    350 उद्योगों के लिए 17 क्यूसिक पानी की व्यवस्था 
    सेक्टर 350 उद्योग नहरी पानी ले सकेंगे। अभी आधे ने ही पानी के कनेक्शन के लिए आवेदन दिया है। 30 प्रतिशत से अधिक सेक्टर में पाइप लाइन नहीं बिछी है। 10 करोड़ खर्च करने पर नहरी पानी की पाइप लाइन सेक्टर तक तो आ चुकी है, लेकिन उद्योगों तक पानी पहुंचने मे अभी और समय लगेगा। 

    ये भी पढ़ें: रुकेगी पानी की बर्बादी, रोशन होंगे उद्योग, बस सरकार को उठाना होगा ये कदम

    सीवर लाइन भी नहीं बिछी 
    पूरे सेक्टर में उद्योगों से निकलने वाले पानी के लिए सीवर लाइन नहीं बिछी है। बहुत से उद्योग तो पानी ग्रीन बेल्ट और पार्कों में छोड़ रहे हैं। जिससे पार्क तो तबाह हुए ही साथ ही ग्रीन बेल्ट भी तबाह हो चुकी है। सेक्टर में पानी भरने की समस्या को देखते हुए सरकार ने नौ करोड़ की लागत कंक्रीट की सड़क बनानी पड़ी है। ताकि पानी भरने से सड़क खराब न हो सके। 

    सिंचाई विभाग के भरोसे निकासी
     हशविप्रा के पास सेक्टर से गंदे पानी की निकासी की अपनी कोई व्यवस्था नहीं है। गंदा पानी सिंचाई विभाग की जमीन से होकर यमुना में जाता है। कई बार सिंचाई विभाग पानी रोक देता है जिससे पूरे सेक्टर में पानी पानी हो जाता है। 

    सेक्टर का ले आउट बनाते वक्त आसपास में करना था सर्वे 
    सेक्टर 29 पार्ट 2 को विकसित करते समय यह चिंता जताई गई थी एक स्थान पर एक जैसे प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग लगाने से प्रदूषण एक ही जगह अधिक होगा। उसका आसापास के रिहायशी सेक्टर पर असर पड़ेगा। इसके लिए समय-समय पर आसपास के सेक्टरों का सर्वै होना था, लेकिन एक बार भी यह जांच नहीं की गई कि सेक्टर के प्रदूषण से आसपास लगते रिहायशी सेक्टरों में प्रदूषण का क्या असर है।  

    नहरी पानी तैयार है उद्यमियों को कनेक्शन लेने हैं
    हशविप्रा के एसडीओ डीके मलिक का कहना है कि हशविप्रा  ने नहरी पानी उपलब्ध करवा दिया है। 10 करोड़ रुपये पाइप लाइन पर खर्च किया गया है। जैसे-जैसे कनेक्शन के आवेदन मिलेंगे। पानी दिया जाएगा। जहां पाइप लाइन नहीं है वह बिछवाई जा रही है। 

    लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप