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Unique Initiative: हरियाणा में चाइल्ड वेलफेयर ने बनाई मिनी बस शुरू करने की योजना, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को मिलेगी मदद

हरियाणा स्टेट काउंसिल फोर चाइल्ड वेलफेयर की छोटी पाठशाला अब आर्थिक रूप से कमजोर व जरूरतमंद बच्चों को घर जाकर पढ़ाएगी। जिससे बच्चों के भविष्य की नींव रखी जाएगी ताकी जरूरतमंद बच्चें में पढ़ लिख कर आगे बढ़ सके।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 01:00 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 01:00 PM (IST)
हरियाणा स्टेट काउंसिल फोर चाइल्ड वेलफेयर नई पहल।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। कुरुक्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद बच्चों की मदद के लिए हरियाणा स्टेट काउंसिल फोर चाइल्ड वेलफेयर आगे आ रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा स्टेट काउंसिल फोर चाइल्ड वेलफेयर की छोटी पाठशाला अब आर्थिक रूप से कमजोर व जरूरतमंद बच्चों को द्वार-द्वार जाकर पढ़ाएगी। जिससे बच्चों के भविष्य की नींव रखी जाएगी ताकी जरूरतमंद बच्चें में पढ़ लिख कर आगे बढ़ सके।इतना ही नहीं इस पाठशाला में चिकित्सक इन बच्चों के स्वास्थ्य की जांच भी करेंगे।

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प्रदेश के सभी जिलों में शुरू की जाए बस सेवा

काउंसिल प्रदेश के 22 जिलों में मिनी बस शुरू करने की तैयारी कर रही है। इस मिनी बस में बच्चों की काउंसिलिंग करने वाले स्टाफ से लेकर चिकित्सक और खेल खिलौने भी होंगे। इन बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक भी इसी बस में कक्षा लेंगे। यानी एक-एक जरूरतमंद बच्चे का पूरा ध्यान रखा जाएगा। हरियाणा स्टेट काउंसिल फोर चाइल्ड वेलफेयर की वाइस प्रेजिडेंट पारिशा शर्मा ने इसका प्रपोजल बनाकर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से स्वीकृति के लिए भेजा है।

हर जरूरतमंद बच्चे का ख्याल रखना वेलफेयर की जिम्मेदारी

वाइस प्रेजिडेंट पारिशा शर्मा ने कहा कि हर जरूरतमंद बच्चे का ख्याल रखना वेलफेयर की जिम्मेदारी है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह प्रपोजल बनाया गया है, जिसे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से स्वीकृति मिलते ही प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। इस मिनी बस में बच्चों के खेल के खिलौने, पाठशाला और स्वास्थ्य सुविधाएं तीनों ही महत्वपूर्ण जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा।

बच्चों के मानसिक विकास के लिए खेल, बौद्धिक विकास के लिए पाठशाला और स्वस्थ शरीर के लिए स्वास्थ्य तीनों ही सुविधाएं रहेंगी। इतना ही नहीं अब एक-एक बच्चे पर पूरा-पूरा ध्यान दिया जा सकेगा। छोटी पाठशाला हर रोज एक कालोनी या बस्ती के बच्चों को पढ़ाने के लिए जाएंगी। कोरोना काल में सबसे ज्यादा छोटे बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास पर असर पड़ा है। इसलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए इस योजना को तैयार किया गया है।


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