'रोओ, रोओ, और बस रोओ...', राजनीति के अखाड़े में भिड़ीं फोगाट बहनें, एक दूसरे पर खूब बरसीं विनेश-बबीता
कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) और भाजपा नेत्री बबीता फोगाट (Babita Phogat) सार्वजनिक रूप से भिड़ गईं। विनेश ने बबीता के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने खेल सुविधाओं की कमी की बात कही थी। विनेश ने अपने सिद्धांतों से समझौता न करने और आत्मसम्मान की बात की। इससे दोनों बहनों के बीच राजनीतिक और व्यक्तिगत तनाव बढ़ सकता है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। खेल के बाद राजनीति में आई फोगाट बहनें विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) और बबीता फोगाट (Babita Phogat) आमने-सामने हो गई हैं। बबीता फोगाट भाजपा की राजनीति करती हैं और विनेश फोगाट जींद जिले की जुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस की विधायक हैं।
विनेश फोगाट की पुरस्कार राशि के विवाद के बीच भाजपा नेत्री बबीता फोगाट ने कहा कि यदि मुझे करीब 15 साल पहले ऐसी खेल सुविधाएं मिलती तो मुझे खेल नहीं छोड़ने पड़ते। मैं ओलिंपिक खेलों तक पहुंची, मगर पदक नहीं जीत पाई और मुझे सुविधाओं के अभाव में खेल छोड़ने पड़े। बबीता फोगाट चरखी दादरी से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं और इस बार उनका टिकट कट गया था।
विनेश के ताऊ की बेटी हैं बबीता
बबीता फोगाट द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर फोगाट की बेटी हैं, जबकि विनेश फोगाट महावीर के छोटे भाई स्व. राजपाल की बेटी हैं। फोगाट बहनों के गुरु महावीर फोगाट ही हैं। भाजपा नेत्री बबीता फोगाट की इस टिप्पणी को विनेश फोगाट पर व्यंग्य माना जा रहा है, जिन्होंने हाल ही में सरकार के सामने उन्हें ओलिंपिक खेलों में सिल्वर मेडल के बराबर पुरस्कार राशि नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था।
सरकार द्वारा विकल्प मांगने के बाद विनेश ने एचएसवीपी का प्लॉट और चार करोड़ रुपये का विकल्प सरकार को दिया है, जिस पर सरकार तैयार हो चुकी है। सरकारी नौकरी विनेश ने इसलिए नहीं ली, क्योंकि वह विधायक है।
सुविधाओं के अभाव में खेल छोड़ना पड़ा- बबीता
बबीता फोगाट ने इंटरनेट मीडिया पर कहा कि भाजपा सरकार ने खिलाड़ियों को खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। कांग्रेस के समय में खेल सुविधाएं बिल्कुल भी नहीं थी। खेल सुविधाओं के अभाव में ही उन्हें खेल छोड़ने पड़े। साल 2018 में वह खेलों से अलग हो गई थी, लेकिन 2018 से करीब 10-15 साल पहले तक मुझे भाजपा की तरह उस समय खेल सुविधाएं मिल जाती तो मैं पदक भी जीतती और हरियाणा की झोली में पदकों की संख्या बढ़ती।
उन्होंने कहा कि अब खेल सुविधाएं मिलने के बाद भी लोग खेल छोड़ रहे हैं। बबीता फोगाट ने खेलों के राजनीतिकरण पर चिंता जताई और साथ ही दावा किया कि जब भी खिलाड़ियों को उनकी जरूरत पड़ी, हमने साथ दिया। जब खिलाड़ियों का मंच राजनीति का अखाड़ा बनने लगा तो उन्होंने इससे किनारा कर लिया था। बबीता फोगाट का इशारा दिल्ली में हुए खिलाड़ियों के आंदोलन को लेकर था।
'दो रुपये लेकर ट्वीट करने वालों...'
अपने ताऊ की बेटी बबीता फोगाट की इस टिप्पणी के बाद ओलिंपियन एवं जुलाना की कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा, दो रुपये लेकर ट्वीट करने वालों और फ्री का ज्ञान बांटने वालों… जरा ध्यान से सुनो। तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं, अब तक करोड़ों के ऑफर ठुकरा चुकी हूं।
उन्होंने कहा कि साफ्ट ड्रिंक्स से लेकर ऑनलाइन गेमिंग तक, पर मैंने कभी अपने उसूलों का सौदा नहीं किया। जो कुछ भी हासिल किया है, मेहनत, ईमानदारी और अपनों के आशीर्वाद से किया है। उसी पर गर्व है। और जहां तक ‘मांगने’ की बात है…मैं उस धरती की बेटी हूं, जहां आत्म सम्मान मां के दूध में घुला होता है।
विनेश ने कहा कि मैंने अपने पूर्वजों से सीखा है, हक छीना नहीं जाता, जीता जाता है। जरूरत पड़ने पर अपनों को पुकारना भी आता है, और जब कोई अपना तकलीफ में हो तो उनके साथ दीवार बनकर खड़ा रहना भी आता है।
और बढ़ सकता है फोगाट बहनों का विवाद
विनेश फोगाट यहीं नहीं रुकी, उन्होंने ट्वीट किया, अब आप चुप रहो। कोने में बैठो और वो करो, जिसमें तुम सबसे अच्छे हो. रोओ, रोओ, रोओ... और बस रोओ! क्योंकि हम कहीं नहीं जा रहे हैं। हम यहां रहने के लिए हैं, जमीन से जुड़े हुए, अडिग, और अपनी रीढ़ और आत्म-सम्मान के साथ खड़े हैं! बता दें कि भविष्य में फोगाट बहनों का यह विवाद और अधिक बढ़ने की संभावना है।
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