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Haryana Assembly: औद्योगिक प्लाट धारक एससी वर्ग के लोगों को लागत पर दस फीसदी छूट

Haryana Assembly Monsoon Session मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने विधानसभा में कहा कि औद्योगिक प्‍लाट धारक एसी वर्ग के लोगों को उनकी लागत का 10 फीसदी छूट मिलेगी। यह कदम उनको उद्याेग- धंधे के लिए प्रोत्‍साहित करने के लिए उठाया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 06:46 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 06:46 PM (IST)
हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान शुक्रवार को सदन में बोलते मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल।

चंडीगढ़, जेएनएन। Haryana Assembly Mansoon Session: हरियाणा सरकार गरीब, दलित और मजदूरों पर मेहरबान है। पुलिस व होमगार्ड की भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आयु में पांच साल की छूट देने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को अनुसूचित जाति (SC) के लोगों को नए उद्योग धंधे लगाने को प्रोत्साहित करने वाली योजना का ऐलान किया। उन्‍होंने औद्योगिक प्‍लाट धारक एसी वर्ग के लोगों को उद्योग धंधे लगाने के लिए लागत पर 10 फीसद की छूट देने की घोषणा की।

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आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बाद अब दलितों पर मेहरबान सरकार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में घोषणा की, कि हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) का औद्योगिक प्लाट यदि किसी अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को आवंटित होता है या वह खुली बोली में प्लाट लेता है तो सरकार लागत में 10 प्रतिशत की छूट देगी। हालांकि इसके लिए सरकार ने एक शर्त भी रखी है।

मुख्यमंत्री मनोहरलाल के अनुसार, अनुसूचित जाति के प्लाटधारक व्यक्ति को आवंटन के बाद तीन साल के भीतर औद्योगिक इकाई का संचालन करना होगा, तभी वह छूट हासिल करने का पात्र होगा। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि वह प्लाट लेकर खाली न छोड़ दे। उस पर अपनी औद्योगिक गतिविधियां भी संचालित करे।

मुख्यमंत्री ने यह घोषणा प्रश्नकाल के दौरान नीलोखेड़ी के निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में की। गोंदर ने कहा था कि एचएसआइआइडीसी के प्लाटों में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए किसी प्रकार का कोटा नहीं है। इस पर सरकार को विचार करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सदन में यह भी स्पष्ट किया कि औद्योगिक प्लाटों के आवंटन में पिछले छह वर्षों से उनकी सरकार के कार्यकाल में अनुसूचित जाति के कोटे को खत्म नहीं किया गया है। इसे बरकरार रखा जाएगा।

प्रीमियम भुगतान से 900 करोड़ रुपये ज्यादा मिले किसानों को

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से प्रदेश के किसान संतुष्ट हैं। बीमा योजना के वैकल्पिक होने के बाबजूद अब किसान स्वयं अपनी फसलों का बीमा करवाने के लिए आगे आ रहे हैं, जबकि कुछ राजनेता बीमा योजना को लेकर गलतफहमियां फैलाने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक किरण चौधरी द्वारा पूछे गए एक पूरक प्रश्न के उत्तर में सदन में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि पूरे प्रदेश को चार कलस्टर में बांटा गया है। हर कलस्टर की फसल के अनुसार अलग-अलग प्रीमियम है।

सीएम मनोहरलाल ने बताया कि कुछ किसानों को तो पता ही नहीं कि उन्होंने अपनी फसलों का बीमा करवाया था, लेकिन उनके खातों में क्लेम के रुपये आए हैं। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि अब तक 2089 करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में जमा हुए और क्लेम के रूप में 2989 करोड़ रुपये किसानों को दिए गए। इस प्रकार किसानों को 900 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ हुआ।

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