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    हरियाणा की अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ डॉलर बनाने का लक्ष्य, हाई लेवल टास्क फोर्स गठित; नायब सरकार की कार्य योजना तैयार

    हरियाणा सरकार ने राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को अगले 25 वर्षों में एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए मिशन हरियाणा-2047 हाई लेवल टास्क फोर्स का गठन किया गया है जिसकी कमान इन्वेस्ट इंडिया के पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ दीपक बागला को सौंपी गई है। टास्क फोर्स निर्यात मैनपावर और निवेश बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

    By Sudhir Tanwar Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 07 Mar 2025 07:24 PM (IST)
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    हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी। फोटो- सीएम ट्विटर

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अगले 25 साल में हरियाणा के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही प्रदेश सरकार ने पूरी कार्य योजना तैयार कर ली है। ‘मिशन हरियाणा-2047 हाई लेवल टास्क फोर्स’ बनाई गई है, जिसकी कमान इन्वेस्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ रहे दीपक बागला को सौंपी गई है।

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    तीन दशक से अधिक का अनुभव रखने वाले दीपक बागला विश्व बैंक, सिटी बैंक और प्राइवेट इक्विटी के साथ यूरोप, अफ्रीका और एशिया में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। हरियाणा की अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ डॉलर की बनाने के लिए टास्क फोर्स ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर रही है, जहां आर्थिक विकास की संभावनाएं अधिक हैं। विशेष तौर पर निर्यात, मैनपावर और निवेश बढ़ाने पर फोकस रहेगा।

    हर वर्ष जीएसडीपी में संतोषजनक वृद्धि

    वर्ष 2024-25 के लिए हरियाणा की जीएसडीपी (वर्तमान मूल्यों पर) 12 लाख 16 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो वर्ष 2023-24 की तुलना में 11 प्रतिशत की वृद्धि है। पिछले दस वर्षों में सिर्फ 2020-21 में ही ऐसा हुआ है, जब कोरोना महामारी के चलते जीएसडीपी में वर्तमान मूल्यों पर नौ प्रतिशत और स्थिर मूल्यों पर 5.8 प्रतिशत की कमी आई। अन्यथा हर वर्ष जीएसडीपी में संतोषजनक वृद्धि हुई है।

    आसान नहीं है राह

    हालांकि राज्य की अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाना इतना भी आसान नहीं है। इसके लिए प्रदेश सरकार को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। विदेशी निवेश के साथ ही क्लस्टर स्तर पर उद्योगों की स्थापना और एमएसएमई को प्रोत्साहन के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है।

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    ऐसे बढ़ रही हरियाणा की जीएसडीपी

    वर्ष -वर्तमान मूल्यों पर -2011-12 की स्थिर कीमतों पर 2014-15 -4,37,145 -3,70,535

    2015-16 -4,95,504 -4,13,405

    2016-17 -5,61,424 -4,56,709

    2017-18 -6,38,832 -4,82,036

    2018-19 -6,98,940 -5,32,996

    2019-20 -7,38,052 -5,45,124

    2020-21 -7,29,079 -4,96,087

    2021-22 -8,68,905 -5,44,317

    2022-23 -9,84,055 -5,87,198

    2023-24 -10,95,535 -6,34,027

    जीएसडीपी की वृद्धि दर (प्रतिशत में)

    वर्ष -वर्तमान मूल्यों पर -2011-12 की स्थिर कीमतों पर

    2014-15 -6.6 -7.4

    2015-16 -11.6 -8.0

    2016-17 -10.5 -8.3

    2017-18 -5.8 -6.8

    2018-19 -10.6 -6.5

    2019-20 -2.3 -3.9

    2020-21 --9.0 --5.8

    2021-22 -9.7 -9.1

    2022-23 -7.9 -7.2

    2023-24 8.0 -7.3

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