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    हरियाणा में कब लागू होंगे तीन नये आपराधिक कानून? राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बताई तारीख

    हरियाणा में 31 मार्च तक तीन नए आपराधिक कानून लागू किए जाएंगे। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि पुलिस और गृह विभाग ने नए कानूनों को लागू करने के लिए काम पूरा कर लिया है। कई विभागों ने नए कानूनों के अनुसार काम करना भी शुरू कर दिया है।

    By Anurag Aggarwa Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 07 Mar 2025 05:22 PM (IST)
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    राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय बोले- 31 मार्च तक लागू होंगे तीनों नए अपराधिक कानून। फोटो- राज्यपाल ट्विटर

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि राज्य में 31 मार्च तक तीन नये आपराधिक कानूनों को लागू कर दिया जाएगा। इस दिशा में पुलिस तथा गृह विभाग ने अपना काम पूरा कर लिया है। कई विभागों ने नए कानूनों के अनुसार काम करना शुरू भी कर दिया है।

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    शुक्रवार को विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन अभिभाषण के दौरान सरकार का रोडमैप पेश करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2024 के दौरान राज्य में कुल एक लाख 11 हजार 397 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। यह पिछले वर्ष यानी 2023 की तुलना में 16 हजार 216 कम हैं। प्रदेश में इस साल के दौरान आपराधिक घटनाओं में 12.7 प्रतिशत की कमी आई है।

    डायल 112 पर राज्यपाल ने जताया संतोष

    राज्यपाल ने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही डायल 112 पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि दिसंबर 2024 तक इसका औसत प्रतिक्रिया समय 16 मिनट 14 सेकेंड से कम होकर 6 मिनट 41 सेकेंड तक पहुंच गया है।

    बिना सेनापति के पहुंचे कांग्रेस विधायक

    वहीं, दूसरी तरफ हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस बिना सेनापति के सदन में पहुंची। सत्ता पक्ष के सामने की बेंचों पर बैठे कांग्रेस विधायक अपने हाईकमान के विधायक दल का नेता घोषित नहीं करने संबंधी फैसले से काफी मायूस दिखाई पड़े। कांग्रेस विधायकों को उम्मीद थी कि हाईकमान की ओर से बजट सत्र आरंभ होने से कुछ समय पहले तक विधायक दल के नेता की घोषणा की जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

    विधायकों के नेता की भूमिका में नजर आए हुड्डा

    नतीजतन कांग्रेस विधायकों को बिना नेता के सदन की कार्यवाही में शामिल होना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हालांकि कांग्रेस विधायकों के नेता की भूमिका में विधानसभा में नजर आए, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने अभी तक उनके नाम पर मुहर नहीं लगाई है। यह दूसरा मौका है, जब कांग्रेस को बिना विधायक दल के नेता के सदन की कार्यवाही में शामिल होना पड़ा।

    अक्टूबर में भाजपा की सरकार बनने के बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र हुआ था। उस समय तक भी कांग्रेस विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं हो पाई थी। तब से लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि किसी भी समय विधायक दल का नेता घोषित कर दिया जाएगा। 

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