जाट नेताओं व सीएम की वार्ता में हुआ समझौता, दिल्ली कूच व संसद का घेराव नहीं
जाट आंदोलनकारियों और सीएम मनोहरलाल के बीच हुई वार्ता में समझौता हो गया है। सरकार ने जाटों की पांच मांगें मान ली। इसके बाद जाट आंदोलनकारी अब दिल्ली कूच नहीं करेंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहरलाल और जाट नेताओं के बीच वार्ता में समझौता हो गया। दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में हुई वार्ता में सीएम ने जाटों की पांच मांगों को मान लिया। इसके बाद जाट नेताओं ने आंदोलनकारियों के दिल्ली कूच को टालने का एलान किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और जाट नेता यशपाल ने संयुक्त रूप से समझौता होने की घोषण की।जाट नेताओं ने सोमवार को होने वाले संसद घेराव का एलान भी वापस ले लिया है। हसके साथ ही कल से राज्य में कई जगहों पर धरने भी खत्म हाे जाएंगे। सभी जगहों से धरने 26 मार्च से खत्म होंगे।
दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में वार्ता के बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल, जाट नेता यशपाल मलिक ने संयुक्त रूप से यह एलान किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री बीरेंद सिंह भी मौजूद थे। दो दिन पहले वार्ता में गतिरोध आने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और जाट नेताओं के बीच दिल्ली के हरियाणा भवन में वार्ता हुई। वार्ता के पहले चरण में जाट नेताओं व सरकार के बीच दिल्ली कूच टालने पर सहमति बन गई।
वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री मनोहरलाल और अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रधान यशपाल मलिक ने कहा कि जाटों आंदोलनकारियाें की पांच मांगों पर सहमति हाे गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लोगों से शांति बनाए रखने को कहा है। वार्ता मुख्यमंत्री मनोहर लाल अौर यशपाल मलिक के नेतृत्व में जाट नेताओं हुई। केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और केंद्रीय न्याय एवं कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी भी वार्ता में मौजूद रहे।
संवाददाता सम्मेलन में सीएम मनोहरलाल व यशपाल मलिक ने कहा कि जाटों की पांच मांगें सरकार ने मान ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की नौकरियों में जाटों को आरक्षण दिए जाने की प्रक्रिया राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के बाद शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से कहा कि वे शांति और सद्भाव बनाए रखें।
सीएम से वार्ता के बाद नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते जाट नेता यशपाल मलिक।
यशपाल मलिक ने कहा, हमने सरकार से अपनी मांगों पर समझौता हो जाने के बाद दिल्ली कूच का कल का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। अब जाट आंदोलनकारी दिल्ली नहीं आएंगे। उन्होंने कहा, हम हरियाणा में जाट आंदोलन के बारे में फैसला 26 मार्च को जाट संघर्ष समिति की कार्यकारिणी की बैठक में लेंगे।
केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि जो भी हुआ सरकार और जाट समुदाय के हित में हुआ। इससे टकराव खत्म हो गया है और राज्य में बेहतर माहौल बनेगा।
इंटरनेट सेवा बहाल, रद ट्रेनें कल से चलेंगी।
इसके साथ ही राज्य में इंटरनेट सेवा भी बहाल कर दिया गया है। सोमवार को कोई लोकल ट्रेन व अन्य ट्रेनें रद नहीं रहेगी। जाटों और सरकार में सहमति के बाद रेलवे ने ट्रेनों को रद करने का फैसला वापस ले लिया है। कई क्षेत्रों में बंद बस सेवा भी बहाल हो जाएगी।
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वार्ता में ये बनी सहमति
1. केंद्र में आरक्षण देने के लिए पिछड़ा आयोग में नियुक्ति के बाद प्रक्रिया शुरू करेंगे।
2. हरियाणा में कोर्ट का फ़ैसला आते ही नौवीं सूची में डालेंगे आरक्षण।
3. पिछले साल जाट आंदोलन में हुई हिंसा के लिए दर्ज सभी केस (मामलों) की दोबारा से समीक्षा होगी।
4. पिछले साल हिंसा में मारे गए सभी लोगों के आश्रितों और विकलांग हुए लोगों को सरकारी नौकरी मिलेगी।
5. पिछले साल हिंसा में घायल हुए सभी लोगों को मुआवज़ा दिया जाएगा। इसमें जाट समाज के साथ अन्याय नहीं होगा।
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यशपाल मलिक बोले-
- कल दिल्ली कूच स्थगित
- कल कुछ धरने जारी रहेंगे
- 26 के बाद सभी धरने उठाए जाएंगे
- सरकार पर भरोसा इस बार नहीं होगा वादाखिलाफी।
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वार्ता शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जाट नेताओं से बृहस्पतिवार को वरिष्ठ मंत्री रामबिलास शर्मा के नेतृत्व वाली कमेटी से बातचीत में मांगों पर सहमति हो गई थी। इसके बाद कुछ गलतफहमी के कारण जाट नेताओं की उनसे (सीएम से) वार्ता नहीं हो पाई थी। अब सारी गलतफहमी दूर हो चुकी है और आज वार्ता हो रही है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल दिल्ली में हरियाणा भवन में पत्रकारों से बात करत हुए।
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इससे पहले दो दिन के गतिरोध के बाद रविवार सुबह माहौल में अचानक बदलाव हुआ और हरियाणा सरकार ने जाट नेताओं से वार्ता के लिए संपर्क किया। इसके बाद आज दिल्ली स्िथत हरियाणा भवन में वार्ता का फैसला हुआ। अखिल भारतीय जाट अारक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने भी मुख्यमंत्री के साथ वार्ता की पुष्टि की। उनका कहना था कि जाट नेता कभी वार्ता से पीछे नहीं हटे। सरकार ने ही अपने कदम पीछे खींचे थे।
तस्वीरें : जाट आंदोलन में तनाव, फतेहाबाद में हिंसक हुए आंदोलनकारी
बता दें कि इससे पहले बृहस्पतिवार को जाट नेताओं और राज्य के वरिष्ठ मंत्री रामबिलास शर्मा के नेतृत्व वाली कमेटी के बीच पानीपत में तीसरे दौर की वार्ता हुई थी। इसके बाद बताया गया था कि शुक्रवार को दिल्ली में जाट नेताओं की मुख्यमंत्री के साथ बातचीत होगी। मुख्यमंत्री मनोहरलाल के नहीं पहुंचने से वहां इंतजार कर रहे जाट नेता वापस आ गए। इसके बाद माहौल गर्म हो गया।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ वार्ता रद हो जाने के बाद जाट आंदोलनकारियों और सरकार के बीच गतिरोध पैदा हो गया था। जाट नेता दिल्ली में हरियाणा भवन में बातचीत के लिए इंतजार करते रहे और मुख्यमंत्री चंडीगढ़ पहुंच गए थे। उस समय सीएम ने कहा था कि उन्हें तो इस तरह की किसी वार्ता के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इससे जाटों में आक्रोश व्याप्त हो गया और उन्होंने दिल्ली कूच की तैयारियों तेज कर दी। जाट नेता यशपाल मलिक ने सीएम पर वार्ता से पीछे हटने का आरोप लगाया।
पहले बनने के बाद बिगड़ी थी बात
हरियाणा में जाट आंदोलनकारियों के धरने खत्म किए जाने के मुद्दे पर शुक्रवार को चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक दिन भर हाई वोल्टेज ड्रामा चला था। बृहस्पतिवार को लग रहा था कि बात बन गई, लेकिन शुक्रवार को यह बिगड़ गई। पानीपत में जाट आंदोलनकारियों से हुई समझौता वार्ता के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल, संसदीय कार्यमंत्री रामबिलास शर्मा और जाट नेता यशपाल मलिक की तीन अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, जिनमें एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए गए।
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शुक्रवार को मुख्यमंत्री से वार्ता और उसके बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जाट नेता दिल्ली पहुंचे, जबकि मुख्यमंत्री पहले नारनौल, फिर पंचकूला व चंडीगढ़ में अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। पानीपत में जाट नेताओं से बातचीत करने वाले संसदीय कार्यमंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जाटों के साथ समझौता होने का दावा किया तो रोहतक आकर यशपाल मलिक ने सरकार पर समझौते के नाम पर धोखा करने का आरोप लगाया।
मलिक ने कहा कि मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं आए। यह सरासर धोखा है। सरकार हमें मूर्ख बना रही है। उधर, चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री ने पूरे घटनाक्रम से अनभिज्ञता जताते हुए प्रो. रामबिलास शर्मा के नेतृत्व वाली मंत्रियों की कमेटी व जाट नेताओं के बीच पानीपत में हुए लिखित समझौते की प्रति को सार्वजनिक किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी जाट नेताओं के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस तय नहीं थी।
पानीपत में संसदीय कार्यमंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी तथा सीपीएस डाॅ. कमल गुप्ता के साथ जाट नेताओं की हुई बैठक के बाद खबरें आई कि सभी मांगों पर सहमति हो चुकी है और शुक्रवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री तथा जाट आंदोलनकारियों के बीच फाइनल बैठक होगी। उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा, जिसमें धरने उठाने का एलान होगा। लेकिन, शुक्रवार को ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ।
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